भटवाड़ा गांव : ये कैसी सड़क, हादसों को दे रही न्यौता
राज्य बजट में सड़क स्वीकृत का इंतजार, राहगीर उठा रहे परेशानी
ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के वक्त यहां आने वाले नेता सड़क बनवाने की कह कर चले जाते है।
पनवाड़। भारत देश को आजाद हुए 77 वर्ष बीत चुके है, लेकिन खानपुर उपखंड की आकोदिया ग्राम पंचायत के भटवाड़ा गांव तक जाने वाली सड़क आज तक पक्की नहीं बन सकी। पक्की सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों को ऊबड़ खाबड़ रास्ते से आवागमन करना पड़ रहा है। खास कर बारिश के मौसम में मरीजों को चारपाई पर उठाकर ले जाना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि भटवाड़ा गांव बुनियादी सुविधाओं से आज भी वंचित है। गांव तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं है। गर्मी के मौसम में तो आवागमन हो जाता है। मगर जैसे ही बारिश का मौसम शुरू होता है, वैसे ही ग्राम पंचायत मुख्यालय तक आवागमन पूरी तरह कट जाता है। गांव से पक्की सड़क लगभग 4 किलोमीटर दूर है। पंचायत मुख्यालय पहुंचने के लिए बड़ी मुश्किल से पैदल किसी तरह से पगडंडियों का सहारा लेकर चलेट पनवाड़ पक्की सड़क पहुंचते है। सबसे बड़ी परेशानी तब होती है, जब गांव में लोग गंभीर बीमार पड़ जाते है, यहां तक एम्बुलेंस नहीं पहुंचती और गंभीर बीमार मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए मरीज को चारपाई पर लिटाकर तथा चारपाई को कंधों पर उठाकर पनवाड़ चलेट पक्की सड़क तक लाते है। इसके बाद मरीज अस्पताल पहुंच पाता है। इसके कारण कई बार मरीज की जान बन आती है, जिनके पास साधन नहीं है, वह ट्रैक्टर ट्रॉली मंगवाकर गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाते है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के वक्त यहां आने वाले नेता सड़क बनवाने की कह कर चले जाते है, उसके बाद कोई भी समस्या तक देखने नहीं आता है। इसके बावजूद समय समय पर ग्रामीण नेताओं, अधिकारियों को अवगत कराते आए हैं इस वर्ष राज्य बजट में पक्की सड़क स्वीकृत होने की आस लगाए बैठे हैं।
50 घरों की बस्ती भटवाड़ा गांव में
आकोदिया ग्राम पंचायत का भटवाड़ा गांव झालावाड़ जिले की अंतिम सीमा पर स्थित है, जहां पर लगभग पचास घरों की बस्ती निवास करती है, जिसमें सभी भील जाति के करीब तीन सो लोग निवास करते हैं। यहां पहुंचने के लिए पनवाड़ चलेट सड़क मार्ग से लगभग चार किलोमीटर कच्चा ऊबड़ खाबड़ मार्ग है, जिससे सर्दी, गर्मी, बरसात के मौसम में ग्रामीणों का आवागमन होता है।
दहीखेड़ा पंचायत के जठेड़ी गांव का भी यही हाल
खानपुर उपखंड की दहीखेड़ा ग्राम पंचायत के जठेड़ी गांव के लोगों को भी आजादी के 77 वर्ष गुजर जाने के बाद भी डेढ़ किलोमीटर पक्की सड़क का इंतजार है। यहां के लोगों को पंचायत मुख्यालय पहुंचने के लिए कच्ची ऊबड़ खाबड़ सड़क का सहारा लेना पड़ रहा है, डेढ़ किलोमीटर कच्ची सड़क मार्ग में खाल के कारण बरसात के मौसम में रास्ता बंद हो जाता है और रास्ते में कीचड़ होने के कारण लोगों को आज भी नरक जैसी जिंदगी जीने पर मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि जठेड़ी गांव दहीखेड़ा सांगोद मार्ग से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहां पर लगभग तीस घरों की बस्ती में लगभग डेढ़ सौ लोग निवास करते हैं। जिनको आजादी के 77वर्ष बाद भी पक्की सड़क नसीब नहीं हुई जिनको ऊबड़ खाबड़ कीचड़ भरे रास्ते से आवागमन करना पड़ता है।
भटवाड़ा गांव पनवाड़ चलेट सड़क से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहां से गांव तक ऊबड़ खाबड़ कच्चा रास्ता है, बरसात के समय पूरी सड़क पर कीचड़ हुआ रहता है, इसके कारण ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बजट में पक्की सड़क स्वीकृत होने की आस लगाए बैठे हैं।
- सावरमल भील, भटवाड़ा
भटवाड़ा गांव तक सड़क बनाने के लिए कई वर्षों से मांग कर रहे हैं, मगर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते नर्क जैसी यातनाएं भुगतनी पड़ रही हैं।
- विशाल भील, भटवाड़ा
गांव तक पहुंचने का मार्ग कच्चा है, बरसात के मौसम में बड़े बड़े गड्ढे पड़ जाते है, इसके कारण पैदल निकलना मुश्किल हो जाता है। खासकर कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है तो खासी मुसीबतों का सामना कर अस्पताल पहुंचना पड़ता है।
- कन्हैया लाल भील, भटवाड़ा निवासी
आजादी के 77 वर्ष बीत जाने के बाद आज तक डेढ़ किलोमीटर पक्की सड़क नसीब नहीं हो सकी,ग्राम पंचायत मुख्यालय पहुंचने के लिए डेढ़ किलोमीटर कच्ची सड़क से पहुंचना पड़ता है।
- गिरिराज मीणा, जठेडी निवासी
जठेडी गांव तक पक्की सड़क बनाने के लिए अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर अवगत कराते आए है, मगर अभी तक समस्या ज्यों की त्यों है।
- प्रमोद मीणा, जठेडी निवासी
इसके लिए ग्रामीणों ने कई बार पक्की सड़क बनाने के लिए समय समय पर अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर अवगत कराते आए है, लेकिन किसी का कोई ध्यान नहीं है। भटवाड़ा सड़क के लिए प्रस्ताव भेज रखा है, कई बार जिला परिषद बैठक में अवगत करा रखा है।
- राकेश सोनी, जिला परिषद सदस्य
जठेडी गांव तक डब्ल्यूबीएम सड़क नरेगा प्लान के तहत प्रस्ताव भेज रखा है स्वीकृति मिलने के बाद डब्ल्यूबीएम सड़क बनवा देंगे।
- सुरेन्द्र सिंह, विकास अधिकारी दहीखेड़ा ग्राम पंचायत
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