असर खबर का - अनमोल रोमन जलसेतु का निखरेगा स्वरूप
प्राचीन जल सेतु को बचाने की मुहिम शुरू
नवज्योति में खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आया।
झालावाड़। झालावाड़ के रोमन एक्वाडक्ट को लेकर नवज्योति द्वारा प्रकाशित किए गए समाचार के बाद अब प्रशासन हरकत में आया है और इस एक्वाडक्ट को बचाने की मुहिम शुरू हो गई है। जिला कलेक्टर के निर्देशों पर जिला प्रशासन का दस्ता मौके पर पहुंचा और रोमन एक्वाडक्ट की सफाई शुरू करवा दी। वही मौके पर मौजूद झालावाड़ उपखंड अधिकारी अभिषेक चारण और झालरापाटन तहसीलदार नरेंद्र कुमार ने जिला कलेक्टर के निर्देशों के बाद स्थिति का जायजा लिया और वहां के अतिक्रमण को हटाने के भी निर्देश दिए। एसडीएम अभिषेक चारण ने बताया कि यह रोमन एक्वाडक्ट बड़ी ही सुंदर और ऐतिहासिक संरचना है इसको अतिक्रमण मुक्त करवा कर इसका सौंदर्य करण भी करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पूरे ढांचे को आने वाले कुछ ही दिनों में पूरी तरह से निखार दिया जाएगा और यह झालावाड़ का एक बहुत ही सुंदर पर्यटन स्थल बनेगा। जानकारी के लिए आपको बता दे की झालावाड़ का यह रोमन एक्वाडक्ट वर्ष 1875 में तत्कालीन शासक पृथ्वी सिंह द्वारा बनाया गया था, यह राजस्थान का दूसरा रोमन एक्वाडक्ट है, इसके अलावा एक और रोमन एक्वाडक्ट राजस्थान के अलवर में मौजूद है जो वर्ष 1845 में बनाया गया था। इसके अतिरिक्त पूरे देश में यदि इनकी स्थिति की बात की जाए तो मात्र आधा दर्जन ही रोमन एक्वाडक्ट पूरे देश में मौजूद हैं। झालावाड़ के इस रोमन एक्वाडक्ट पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिए थे तथा इसको जमींदोज करने के प्रयास किया जा रहे थे, जिसको लेकर नवज्योति ने पूरे मामले को उठाया और पहली बार इस अनछुए मुद्दे को जनता के सामने लाया गया, जिसके बाद प्रशासन तुरंत हरकत में आया और प्रशासन ने कार्यवाही शुरू की है।
यह था मामला
राजस्थान के अलवर के बाद झालावाड़ एक ऐसी जगह है, जहां पर रोमन शैली का बना हुआ एक्वाडक्ट मौजूद है। पूरे देश में इनकी संख्या लगभग आधा दर्जन के बराबर है, जबकि राजस्थान में यह रोमन एक्वाडक्ट अलवर और झालावाड़ में पाए जाते हैं। झालावाड़ का यह पूरा एक्वाडक्ट जिसकी लंबाई लगभग 1 किलोमीटर है यह है 70 मेहराबों पर टिका हुआ है। इस नायाब संरचना को लोगों ने जगह-जगह से क्षतिग्रस्त कर दिया है तथा इस पर लगातार अतिक्रमण किए जा रहे हैं। इसके कुछ हिस्से को भू माफियाओं द्वारा अपनी कॉलोनी के रास्ते निकालने के लिए तोड़ने की कोशिश की जा रही है, तो वहीं लगभग आधे हिस्से में लोगों ने अपनी मनमर्जी से इसको क्षतिग्रस्त करके रास्ते निकाल लिए हैं। एक निजी शिक्षण संस्थान ने तो इसको जमीं दोज ही कर दिया है तथा इसको नष्ट करके रास्ता बना लिया है, तथा अपनी चारदीवारी भी इसके ऊपर ही खड़ी कर दी है, जिसको लेकर प्रशासन की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की गई है, जबकि झालावाड़ नगर परिषद स्पष्ट रूप से कह चुकी है कि इस ढांचे के आसपास किसी भी प्रमाण प्रकार के निर्माण या इस पर से रास्ता निकालने की स्वीकृति उसने किसी को भी नहीं दी है।
जिला कलेक्टर के निर्देशों पर रोमन एक्वाडक्ट का निरीक्षण कर इसकी सफाई शुरू करवाई गई है, इसका स्वरूप को निखारने के प्रस्ताव बनाए गए हैं, यहां फूलदार पौधों से इसको सजाया जाएगा तथा जहां टूटा है उसकी मरम्मत करवाकर इसको विकसित करेंगे।
- अभिषेक चारण, उपखंड अधिकारी, झालावाड़
देखने में आया है कि कई स्थानों पर लोगों ने इस एक्वाडक्ट पर अतिक्रमण कर लिए हैं तथा रास्ते निकाल लिए हैं, उन सभी अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
- नरेंद्र मीणा, तहसीलदार झालरापाटन।
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