धरती का सीना छलनी कर रहे पत्थरमाफिया, सरेआम बिक रही है पत्थर की ट्रोलियां
अवैध पत्थर से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली सरपट दौड़ रहे सड़कों पर, जाम की स्थिति
पत्थरों का लगातार हो रहा अवैध खनन आसपास के इलाकों को भी खोखला कर रहा है, पर्यावरण के रक्षक ही भक्षक बने हुए है।
खानपुर। पृथ्वी दिवस को निकले अभी एक महीना भी नहीं बीता और 5 जून को पर्यावरण दिवस आने वाला है, फिर भी वनों के चौकीदार बने लोगों की मिली भगत से पृथ्वी को खोखला किया जा रहा है। इसी के साथ-साथ पर्यावरण को भी नष्ट किया जा रहा है, पत्थरों का लगातार हो रहा अवैध खनन आसपास के इलाकों को भी खोखला कर रहा है, पर्यावरण के रक्षक ही भक्षक बने हुए है।
कहां से आ रहा है पत्थर
वन विभाग के कर्मचारियों की माने तो खानपुर के आसपास ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां किसी पत्थर की खान को लीज पर देकर उसे पर राजस्व की प्राप्ति हो रही हो, यहां पर पहुंचने वाली पत्थर की ट्रोलियां बड़ी मात्रा में खानपुर के पास स्थित बारहपाटी के जंगल, नयागांव, बलड़ावदा क्षेत्र से पत्थरों को लाकर सरकार को चूना लगा रही है। इसी प्रकार पनवाड़ क्षेत्र में चलेट कालीस्ािंध नदी में हो रहे अवैध खनन को करते हुए रोजाना पत्थरों से भरे ट्रैक्टर दौड़ रहे हैं।
सरेआम बिक रही है पत्थर की ट्रोलियां
खानपुर क्षेत्र में पत्थरों के ट्रैक्टर टोलियां 2000 से लेकर2200 तक बिक रही है। पत्थर की भरी हुई ट्रॉलियों पर अंकुश लगाने वाला कोई भी नहीं है और यदि इनकी शिकायत की जाती है तो इनके और फायदा होता है पत्थरों की रेट बढ़ा दी जाती है और यह रेट उपभोक्ताओं के ऊपर भारी पड़ती है। ट्रैक्टर इतनी तेज गति से निकलते हैं कि गांव के अंदर जो रोड बने हुए हैं उनमें निकासी पानी की जालियां भी तोड़ जाते हैं।
बिना नंबरों के सरपट दौड़ते पत्थरों के ट्रैक्टर
खानपुर इलाके में अवैध खनन करने वाले वाहनों पर ना कोई नंबर प्लेट है और ना ही वाहनों को चलाने वाले ड्राइवरों के पास लाइसेंस। कम उम्र के ड्राइवर धड़ल्ले से बजरी व अवैध पत्थर के ट्रैक्टर ट्रॉली सड़क पर बैखोफ दौड़ा रहे है। इन वाहनों पर कोई अंकुश नहीं है। इन ट्रैक्टरों की सरपट दौड़ को देखते देखते हुए ऐसा लगता है कि 25 दिन बाद जब स्कूल खुलेंगे तो बच्चे भी रोड पर आएंगे, उन बच्चों का क्या होगा , एक्सीडेंट होने की संभावना बनी हुई है यह ट्रैक्टर रात को भी चलते हैं और सुबह तड़काओं सड़कों पर चलते हैं।
ट्रैफिक जाम की स्थिति
छोटे बच्चों द्वारा ट्रैक्टर चलाए जा रहे हैं जिनका कोई लाइसेंस प्राप्त नहीं है तो ट्रैफिक जाम तो होने ही है। अवैध खनन पर थोड़े समय के लिए अंकुश लग जाता है और फिर वापस से चालू हो जाते हैं, जिसका नुकसान एक आम आदमी को भुगतना पड़ता है जो ट्रॉली 2200 की आएगी, यदि अंकुश लगा दिया गया तो वह फिर 2500 में आएगी।
-कुलदीप सैनी, ग्रामीण
एक तरफ तो पृथ्वी दिवस मनाया जाता है, ऊंची ऊंची बातें की जाती है कि पृथ्वी की रक्षा की जाएगी और यहां पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
-राजेंद्र कुमार, ग्रामीण
सरकार ने अभी पत्रों पर कोई लीज नहीं दे रखी है तो यह पत्थर खनन अवैध है, इन पर अंकुश लगाया जाए। जुलाई में स्कूल खुल जाते हैं और छोटे बच्चे रोड पर चलते हैं यह उनके लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।
-रमेश शर्मा, ग्रामीण
पत्थरों से भरे ट्रैक्टर इतनी तेज रफ्तार से निकलते हैं कि एक्सीडेंट होने की संभावना बनी रहती है।
- राहुल कुमार, ग्रामीण
मैं एक प्रकृति प्रेमी हूं, मैं नहीं चाहता कि वन संपदा खत्म हो और पर्यावरण खराब हो। जब पर्यावरण खराब होगा तो शुद्ध आॅक्सीजन नहीं मिलेगी और व्यक्ति का जीवन यापन ढंग से नहीं हो पाएगा।
-विजय नागर, पर्यावरणप्रेमी
वन बचाओ पर्यावरण की सुरक्षा करो और यहां पर तो पर्यावरण ही बिगाड़ दिया। खनन कर पत्थरों को खोदकर जंगल समाप्त कर दिए, इन पर अंकुश लगाया जाए।
-राजकुमार, ग्रामीण
अवैध खनन को लेकर सुबह शाम गश्त करवा रहे हैं और फिर भी अगर ऐसे में खनन कर अवैध पत्थर के वाहन पाए जाते है तो कार्रवाई कर पाबंदी लगाई जाएगी।
-अभिषेक मीणा, (रेंज फॉरेस्ट आॅफिसर) खानपुर।
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