कांकाणी हिरण शिकार प्रकरण : अभिनेता सैफ अली खान, नीलम, तब्बू व सोनाली की बढ़ी मुश्किल
सरकार की ओर से पेश लीव टू अपील पर सुनवाई हुई
सरकार की ओर से जिला जोधपुर में अपील विचाराधीन थी उसको भी हाईकोर्ट में 21 मार्च 2022 को एक आदेश से ट्रांसफर कर दिया गया था।
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की बैंच में बहुचर्चित कांकाणी हिरण शिकार मामले में सैफ अली खान, नीलम, तब्बू व सोनाली बेन्द्र को बरी करने के खिलाफ सरकार की ओर से पेश लीव टू अपील पर सुनवाई हुई। सरकार की ओर से कहा गया, कि इसी मामले में सलमान खान से जुड़ी अपीलें भी हाईकोर्ट में ट्रांसफर हो चुकी हैं ऐसे में सभी को एक साथ जोडकर ही सुनवाई की जाए। कोर्ट ने प्रार्थना को स्वीकार कर 28 जुलाई को सभी अपीलों पर एक साथ सुनवाई करने के आदेश दिए है। दरअसल यह पूरा मामला सलमान खान व अन्य से जुड़ा हुआ है। उल्लेखनीय है कि कांकाणी हिरण शिकार मामला वर्ष 1998 में लूणी थाने में दर्ज किया गया। मामला 1-2 अक्टूबर 1998 को मध्य रात्रि में शिकार के आरोप में सलमान खान अभिनेता सैफ अली खान अभिनेत्री नीलम, सोनाली बेन्द्रे, तब्बू व दुष्यंतसिंह के खिलाफ था।
जिसमें सलमान खान के खिलाफ वन्य जीव सरंक्षण अधिनियम की धारा 9/51सलमान खान को छोड़कर सभी सह आरोपी सैफअली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली व दुष्यंत को 5 अप्रेल 2018 को बरी कर दिया गया था। सलमान खान को 5 अप्रेल 2018 को पांच साल की सजा के आदेश दिए गए थे। सजा के खिलाफ सलमान की ओर से जिला एवं सेशन न्यायालय जोधपुर जिला अदालत में अपील पेश करते हुए जमानत पर रिहा थे। जोधपुर की सीजेएम कोर्ट ने सैफअली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेन्द्रे व दुष्यन्त को बरी करने के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में लीव टू अपील पेश की गई थी। जिस पर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई विचाराधीन है।
आर्म्स एक्ट मामले में सलमान सीजेएम ग्रामीण कोर्ट से बरी
इसके साथ ही सलमान के खिलाफ भी सरकार की एक अपील जो कि ऑर्म्स एक्ट मामला लूणी थाने में15 अक्टूबर 1998 को ऑर्म्स एक्ट में मुकदमा धारा 3/25 व 3/27 के तहत दर्ज था। उसमें सलमान खान को 18 जनवरी 2017 को सीजेएम ग्रामीण कोर्ट से बरी किया था। सरकार की ओर से जिला जोधपुर में अपील विचाराधीन थी उसको भी हाईकोर्ट में 21 मार्च 2022 को एक आदेश से ट्रांसफर कर दिया गया था। राजस्थान हाईकोर्ट ने अब सभी अपीलों को एक साथ जोड़कर आगामी 28 जुलाई को सुनवाई करने के निर्देश दिए है।
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