कोटा उत्तर निगम भवन की डीपीआर पर खर्च होंगे 40 से 45 लाख रुपए
अनदेखी के चलते प्रस्तावित जमीन पर फिर होने लगा अतिक्रमण
नगर निगम कोटा उत्तर के भवन बनाने की अनुमानित लागत करीब 33 करोड़ रुपए आंकी गई है। उसके हिसाब से उस भवन की डीपीआर बनाने पर करीब 45 लाख रुपए खर्च होंगे। निगम ने डीपीआर का टेंडर जारी किया था। जिसमें करीब 5 फर्मो ने टेंडर में भाग लिया है।
कोटा। नगर निगम कोटा उत्तर के नए भवन की डीपीआर बनाने पर ही करीब 40 से 45 लाख रुपए खर्च होंगे। डीपीआर के टेंडर की तकनीकी बिड खुल चुकी है वित्तीय बिड एक दो दिन में खुलने वाली है। वहीं भवन के लिए अतिक्रमण से मुक्त करवाई गई जमीन पर अधिकारियों की अनदेखी के चलते फिर से अतिक्रमण होने लगा है। नगर निगम का वर्तमान में एक ही भवन है राजीव गांधी प्रशासनिक भवन। जबकि कोटा में दो निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण बन गए हैं। हालांकि वर्तमान में व्यवस्था की दृष्टि से दोनों निगम एक ही भवन में संचालित हो रहे हैं। लेकिन वर्तमान भवन दो निगमों के हिसाब से छोटा है। साथ ही यह भवन कोटा दक्षिण क्षेत्र में है। ऐसे में कोटा उत्तर निगम के नए भवन के लिए काफई समय से जमीन की तलाश की जा रही थी। नगर विकास न्यास द्वारा करीब पांच महीने पहले जून में पुरानी सब्जीमंडी में ’वाला तोप के पास की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया था। वह जमीन काफी बड़ी होने से स्वायत्त शासन मंत्री ने इस जमीन पर ही कोटा उत्तर भवन बनाने की घोषणा की थी।
8 हजार वर्ग मीटर जमीन, कीमत करीब 100 करोड़
न्यास द्वारा अतिक्रमण से मुक्त करवाई गई जमीन करीब 8 हजार वर्ग मीटर है। जिसकी कीमत ही 100 करोड़ रुपए है। यह जमीन नगर विकास न्यास की है। इस पर पहले न्यास द्वारा ही कोटा उत्तर निगम का भवन बनाने की योजना थी। लेकिन अभी तक भी यह तो फाइनल नहीं है कि यहां भवन निगम बनाएगा या न्यास। लेकिन डीपीआर बनवाने का काम निगम कर रहा है।
भवन की लागत 33 करोड़, 45 लाख की डीपीआर
नगर निगम कोटा उत्तर के भवन बनाने की अनुमानित लागत करीब 33 करोड़ रुपए आंकी गई है। उसके हिसाब से उस भवन की डीपीआर बनाने पर करीब 45 लाख रुपए खर्च होंगे। निगम ने डीपीआर का टेंडर जारी किया था। जिसमें करीब 5 फर्मो ने टेंडर में भाग लिया है। निगम द्वारा तकनीकी बिड खोली जा चुकी है। जबकि वित्तीय बिड खोलना बाकी है। वह भी शीघ्र ही खोली जाएगी।
जमीन पर फिर होने लगा अतिक्रमण
नगर विकास न्यास ने जिस जमीन से बरसो पुराना अतिक्रमण हटाया था। उस जमीन पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। सिर्फ बेरीकेडिंग लगाकर छोड़ दिया गया। उसके बाद न तो निगम अधिकारियों और न ही न्यास अधिकारियों ने उस जगह पर जाकर देखा। नतीजा करोड़ों की उस जमीन पर फिर से चाय व पान के साथ ही फल वालों ने पक्की दुकानें बनाकर अतिक्रमण करना शुरू कर दिया है। उन्हें देखकर अन्य लोगों के हौंसले बुलंद हो रहे हैं। जिससे कुछ समय बाद फिर से पुरानी स्थिति होने वाली है। वहीं खाली जगह पर आस-पास के दुकानदार व मार्केट के व्यापारी अपने वाहन खड़े करने लगे हैं। इतना ही नहीं मेन रोड की तरफ लगे बेरीकेडिंग के पास कचरे का अम्बार लगा हुआ है। जिससे वहां दुर्गंध फेल रही है। इधर नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि डीपीआर का टेंडर होने वाला है। कार्यादेश जारी होने के बाद जब तक डीपीआर बनेगी उस समय तक वहां चार दीवारी बनवा दी जाएगी। जिससे वहां अतिक्रमण नहीं हो। यदि वहा फिर से अतिक्रमण होने लगा है तो उसे शीघ्र ही हटावा दिया जाएगा।

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