एक ही कमरे में बैठते हैं पहली से सातवीं तक के 50 बच्चे
डूंगरपुर मिडिल स्कूल में कक्षा-कक्षाओं का अभाव
शिक्षकों के सामने बच्चों को पढ़ाने की जगह की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।
मोईकलां। लटूरी पंचायत के डूंगरपुर गांव स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के अध्ययन के लिए केवल दो कमरे ही उपलब्ध हैं। मजबूरी में एक कमरे में कक्षा पहली से सातवीं तक के करीब 50 बच्चों को एक साथ बिठाकर पढ़ाया जा रहा है। झालावाड़ जिले के पिपलोदी विद्यालय की घटना के बाद शिक्षा विभाग ने प्रदेशभर में जर्जर स्कूल भवनों का सर्वे कराया। इसी क्रम में डूंगरपुर विद्यालय के चार कक्षों और बरामदे को जर्जर मानते हुए बच्चों के बैठने पर रोक लगा दी गई और भवन गिराने के आदेश जारी किए गए। इसके बाद से शिक्षकों के सामने बच्चों को पढ़ाने की जगह की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।
खुले बरामदे में बैठते हैं आठवीं के विद्यार्थी
वर्तमान में आठवीं कक्षा के छात्रों को खुले बरामदे में बैठाया जाता है, जबकि पहली से सातवीं तक के सभी बच्चों को एक छोटे कमरे में ठूंसकर पढ़ाया जा रहा है। मंगलवार को विद्यालय में शिक्षक अशोक मीणा फावड़े से सफाई कर बच्चों को बैठाने की व्यवस्था कर रहे थे।
नहीं हो पा रही ठीक से पढ़ाई
शिक्षकों का कहना है कि भवन की स्थिति बेहद खराब होने के कारण बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कक्षाओं को बाहर शिफ्ट करना पड़ा। लेकिन जब तक नया भवन तैयार नहीं हो जाता, तब तक व्यवस्थित रूप से पढ़ाई कराना संभव नहीं है। पानी की निकासी की उचित व्यवस्था नहीं होने से बरसात के दिनों में विद्यालय परिसर में पानी भरा रहता है, जिससे स्थिति और भी खराब हो जाती है।
परिसर में स्थित एक चबूतरे की सफाई करके किसी भी एक कक्षा के बच्चों को वहां बैठाने की व्यवस्था की जाएगी।
- अशोक मीणा, कार्यवाहक प्रधानाध्यापक

Comment List