बीसीआई की अनुमति के फेर में अटकी राजकीय विधि महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया, उलझन में छात्र

एडमिशन के इंतजार में हजारों विद्यार्थी

बीसीआई की अनुमति के फेर में अटकी राजकीय विधि महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया, उलझन में छात्र

राज्य के 18 राजकीय विधि महाविद्यालयों के प्रथम वर्ष में अभी तक एलएलबी फर्स्ट ईयर के प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है।

कोटा। बार काउंसिल ऑफ इंडिया की अनुमति नहीं मिलने से प्रदेश के 18 राजकीय विधि महाविद्यालयों में एडमिशन प्रक्रिया अटकी हुई है। एलएलबी प्रथम वर्ष में एडमिशन प्रोसेज शुरू नहीं हो पा रहा। जबकि, अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय ने फर्स्ट ईयर में एडमिशन की अंतिम तिथि 30 अगस्त निर्धारित की है। वहीं, कोटा विश्वविद्यालय द्वारा एक माह पूर्व ही यूजी व पीजी फाइनल ईयर के परीक्षा परिणाम जारी कर दिए हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में विद्यार्थी राजकीय विधि महाविद्यालय कोटा में एलएलबी प्रथम वर्ष में एडमिशन प्रोसेज शुरू होने के इंतजार में है। मोदी लॉ कॉलेज की प्राचार्य क्षिप्रा गुप्ता ने बताया कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा प्रत्येक विधि महाविद्यालय में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों की संख्या का निर्धारण किया जाता है। बीसीआई द्वारा मान्यता दिए जाते समय शिक्षको की संख्या व योग्यता, संसाधनों, पुस्तकालय व अन्य बिंदुओं पर विचार किया जाता है। डिपार्टमेंट ऑफ कॉलेज एजुकेशन द्वारा एनओसी,  विश्वविद्यालय द्वारा संबद्धता व बीसीआई से मान्यता प्राप्त कर लेने के बाद ही प्रतिवर्ष प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ की जाती है। 

पिछले साल भी देरी से शुरू हुई थी प्रवेश प्रक्रिया
राज्य के 18 राजकीय विधि महाविद्यालयों के प्रथम वर्ष में अभी तक एलएलबी फर्स्ट ईयर के प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। कॉलेजों को बार काउंसिल आॅफ इंडिया की मंजूरी मिलने का इंतजार है। पिछले साल भी प्रवेश की अनुमति विलम्ब से मिलने के कारण एलएलबी फर्स्ट इयर का सेशन प्रभावित हुआ था। यही स्थिति इस साल भी बनी हुई है। गत वर्ष राजकीय विधि महाविद्यालयों में 16 अगस्त से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई थी। ऐसे में बड़ी संख्या में विद्यार्थी में एडमिशन के इंतजार में हैं। 

मेरिट के आधार पर होगा एडमिशन
जानकारी के अनुसार राजकीय विधि महाविद्यालय कोटा में एलएलबी फर्स्ट ईयर में 120 सीटें निर्धारित हैं। जिनमें 80 प्रतिशत सीटों पर दाखिला यजी व 20 प्रतिशत सीटों पर पीजी के आधार पर एडमिशन दिए जाते हैं। जनरल, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के विद्यार्थियों के लिए 45 प्रतिशत तथा एससी-एसटी वर्ग में 42 प्रतिशत अंक अर्जित करने वाले अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे। एडमिशन मेरिट के आधार होगा। 

प्रथम वर्ष में बढ़े सीटें, खुले पीजी संकाय
राजकीय विधि महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष गौरव मीणा ने बताया कि पहले कॉलेज में 2 कमरे थे, जिसकी वजह से प्रथम वर्ष में 120 सीटें ही मिल सकी थी। लेकिन, वर्तमान में 6 कक्षा-कक्ष हैं। ऐसे में कॉलेज प्रशासन को फर्स्ट ईयर की सीटें बढ़वाकर 240 करने और पीजी संकाय शुरू करने के प्रयास करने चाहिए। 

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एडमिशन के इंतजार में विद्यार्थी 
राजकीय महाविद्यालयों में यूजी व फाइनल ईयर का परीक्षा परिणाम गत माह जारी हो चुका है। ऐसे में संभाग से बड़ी संख्या में विद्यार्थी एलएलबी फस्ट ईयर में एडमिशन लेना चाहते हैं लेकिन विधि महाविद्यालय को बीसीआई से मंजूरी नहीं मिलने के कारण प्रोसेज शुरू नहीं हो पा रहा। गवर्नमेंट कॉलेज आटर्स के छात्र अक्षत, प्रियांश व मेघा का कहना है, बीए फाइनल का परिणाम जारी होने के बाद से ही एलएलबी प्रथम वर्ष में दाखिला लेने का इंतजार कर रहे हैं। इसके लिए पांच से छह बार विधि महाविद्यालय भी गए लेकिन वहां पता लगा कि अभी तक बीसीआई से एडमिशन प्रोसेज शुरू करने की अनुमति नहीं मिली। दो माह से इंतजार कर रहे और कॉलेज आने जाने में समय खराब हो रहा है। कॉलेज प्रशासन को इसके लिए जल्द प्रयास करना चाहिए।

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हर साल 500 से 600 आते हैं आवेदन 
गौरव ने बताया कि गवर्नमेंट लॉ कॉलेज संभाग का एकमात्र महाविद्यालय होने से यहां हाड़ौतीभर से बड़ी संख्या में छात्र एलएलबी में दाखिले के लिए आवेदन करते हैं। हर वर्ष 500 से 600 छात्र आवेदन करते हैं। लेकिन, प्रथम वर्ष में 120 ही सीटें होने से बड़ी संख्या में छात्र एडमिशन से वंचित रह जाते हैं। 

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एलएलबी प्रथम वर्ष में एडमिशन की प्रक्रिया बीसीआई से अनुमति मिलने के बाद शुरू की जाएगी। अनुमति लेने के प्रयास जारी है। 
-चंद्रजीत सिंह, प्राचार्य, राजकीय विधि महाविद्यालय कोटा

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