कागजों से बाहर नहीं आया 2.80 करोड़ का बजट
राजकीय डॉ. भीमराव अम्बेडकर बालक छात्रावास छावनी का होगा पुनर्निर्माण
बजट मिलने पर पुराने भवन को किया जाएगा जमींदोज।
कोटा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से छावनी में संचालित राजकीय डॉ. भीमराव अम्बेडकर बालक छात्रावास को पुनर्निर्माण के लिए काफी समय से बजट का इंतजार है। यह छात्रावास पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। ऐसे में भवन को दो साल पहले असुरक्षित घोषित कर दिया गया था। पुराने भवन को जमींदोज कर यहां पर नए भवन का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से 2 करोड़ 80 लाख का बजट स्वीकृत किया गया है। बजट को स्वीकृत हुए काफी समय हो गया है, लेकिन वह अभी तक कागजों से बाहर नहीं आ पाया है। ऐसे में छात्रावास के नए भवन का निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बजट आते ही भवन का निर्माण प्रारम्भ कर दिया जाएगा।
15 छात्रावासों के लिए 45 करोड़ का बजट
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों के अनुसार राज्य सरकार ने अपने बजट घोषणा में पूरे प्रदेश में 15 छात्रावासों के लिए 45 करोड़ का प्रावधान किया था। राजस्थान के इन छात्रावासों के भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुके थे। इस कारण यहां पर नए छात्रावास भवनों की जरूरत थी। इन छात्रावासों में छावनी स्थित राजकीय डॉ. भीमराव अम्बेडकर बालक छात्रावास भी शामिल है। सभी छात्रावासों के लिए अलग-अलग बजट घोषित किया गया था। छावनी के छात्रावास के लिए 2.80 करोड़ का बजट घोषित किया था। बजट तो घोषित हो गया, लेकिन वह अभी तक विभाग को नहीं मिला है। इस कारण अभी तक नए भवन का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। पहले यहां पुराने भवन को जमींदोज किया जाएगा। उसके बाद नए भवन का निर्माण कार्य होगा।
दो साल से असुरक्षित घोषित
इस छात्रावास का भवन काफी पुराना है। इसकी जर्जर स्थिति होने के कारण इसे दो साल पहले ही असुरक्षति घोषित कर दिया गया था। इसके बाद से ही छात्रावास को शहर के टैगोर नगर स्थित एक भवन में संचालित किया जा रहा है। वहां पर वर्तमान में कक्षा 6 से लेकर 12 कक्षा तक 50 विद्यार्थी रहते हैं। वर्तमान में छावनी स्थित छात्रावास का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। भवन की दीवारें और छत की पट्टियां क्षतिग्रस्त हो गई है। भीतर दीवारों में सीलन आ रही है और प्लास्टर भी उखड़ चुका है। भवन परिसर में पेड़-पौधे उग आए हैं। ऐसे में जहरीले कीड़ों का यहां पर खतरा बना रहता है। बरसात के कारण भवन को ज्यादा नुकसान पहुंचा है। बरसाती पानी से भवन की दीवारें कमजोर हो चुकी थी। इस कारण इसके ढहने का खतरा बना हुआ था। इसलिए भवन को असुरक्षित घोषित किया गया था।
छात्रावास के सामने अतिक्रमियों का डेरा
छावनी स्थित बालक छात्रावास के चारा बेचने वालों ने अतिक्रमण कर लिया है। इससे आसपास रहने वाले निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। छात्रावास के मुख्य दरवाजे के सामने सुबह होते ही चारे के ढेर लगा दिए जाते हैं। जिससे इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से बाधित हो जाता है। दिनभर यहां पर चारे की बिक्री होती रहती है। वहीं यहीं पर गोवंशों को चारा भी डाला जाता है। जिससे इस मार्ग पर आवारा गोवंशों का जमावड़ा बना रहता है। कई बार यह गोवंश राहगीरों पर हमला तक कर देते हैं। जिससे स्थानीय लोगों में भय बना रहता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यहां से अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए ताकि आवागमन में कोई दिक्कत नहीं आए।
भवन का निर्माण कार्य जल्द हो शुरू
बालक छात्रावास भवन को जमींदोज कर जल्द यहां पर पुननिर्माण कार्य शुरू करना चाहिए, ताकि यहां पर अतिक्रमण की समस्या का समाधान हो सके। छात्रावास संचालित नहीं होने से अतिक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है। इससे लोगों को परेशानी होती है।
- कुलदीप शाक्यवाल, स्थानीय निवासी
इनका कहना है
छावनी में संचालित राजकीय डॉ. भीमराव अम्बेडकर बालक छात्रावास को पुनर्निर्माण के लिए बजट का इंतजार है। यह छात्रावास पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। ऐसे में भवन को दो साल पहले असुरक्षित घोषित कर दिया गया था। बजट आते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
- सविता कृष्णैया, संयुक्त निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
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