निगम कर रहा सफाई के दावे, हकीकत जनता के सामने, सड़कों पर कचरे के ढेर

15 के बाद आ सकती है केन्द्रीय सर्वेक्षण टीम

निगम कर रहा सफाई के दावे, हकीकत जनता के सामने, सड़कों पर कचरे के ढेर

स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर साल होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए केन्द्रीय टीम के 15 फरवरी के बाद कोटा आने की संभावना है

कोटा। स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर साल होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए केन्द्रीय टीम के 15 फरवरी के बाद कोटा आने की संभावना है। सर्वेक्षण को देखते हुए जहां नगर निगम अधिकारी सफाई के दावे कर रहे हैं। वहीं हकीकत में शहर की सड़कों पर जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं और मेन रोड पर मवेशियों के जमघट लगे हुए हैं। केन्द्रीय टीम के पहले जनवरी में आने की संभावना थी। वहीं अब नए शिड्यूल के तहत 15 फरवरी के बाद टीम के कोटा आने की संभावना है। स्वच्छता सर्वेक्षण को देखते हुए नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण की ओर से शहर में सलाई के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे है। कोटा दक्षिण निगम आयुक्त ने तो अभियान के तहत एक-एक वार्ड में 125 से 200 सफाई श्रमिक लगा दिए। हालांकि पार्षदों द्वारा विरोध करने पर उस अभियान को ड्रॉप कर दिया गया। वहीं मुख्य मार्गों पर अतिरिक्त सफाई श्रमिक लगाकर सफाई करवाने का दावा किया जा रहा है। जबकि पार्षद वार्डों में सफाई नहीं होने की शिकायतें कर रहे हैं। केन्द्रीय टीम के आने में अब बहुत कम समय शेष है। ऐसे में निगम द्वारा जो प्रयास किए जा रहे हैं वह समय पर पूरे होंगे या नहीं इसका तो समय पर ही पता चल सकेगा। लेकिन हालत यह है कि शहर में अधिकतर सार्वजनिक शौचालयों की हालत इतनी अधिक खराब है कि वहां न तो पानी आ रहा है और नल की टोटियां तक टूटी हुई है। जिन शौचालयों में पानी आ रहा है और नल सही हैं तो वहां सफाई तक नहीं हो रही। जिससे वहां दुर्गंध फेल रही है। ऐसे में लोगों को उस दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह दादाबाड़ी मेन रोड से लेकर बंगाली कॉलोनी छावनी, नई धानमंडी, डाकघर रोड, छावनी एलआईसी बिल्ड़िंग के पास, मल्टीपरपज स्कूल गुमानपुरा के आस-पास के क्षेत्र में कचरे के ढेर देखे जा सकते है। यहां तक कि छावनी मेन रोड पर लगा आधुनिक कचरा पात्र बरसों से क्षतिग्रस्त हालत में ही पड़ा हुआ है। जिससे उसका कचरा बाहर तक फेला रहता है। ऐसी स्थिति सिर्फ कोटा दक्षिण निगम में ही नहीं कोटा उत्तर में भी है। यहां बस स्टैंड क्षेत्र में चम्बल पुलिया के नीचे, चम्बल रिवर फ्रंट से रियासत कालीन पुलिया के रास्ते में और कई अन्य स्थानों पर कचरे के ढेर लगे हुए देखे जा सकते है। 

मवेशियों  व श्वानों का नहीं समाधान
शहर में मुख्य मार्गों से लेकर गली मौहल्लों तक में श्वान और मवेशियों के जमघट लगे हुए हैं। इनका अभी तक कोई स्थायी समाधान निगम की  ओर से नहीं किया जा रहा है। श्वान शाला में श्वानों का बधियाकरण वापस सड़क पर ही छोड़ा जा रहा है। वहीं मवेशियों को पकड़ा तो जा रहा है लेकिन उसके  बाद भी कोटड़ी से लेकर किशोरपुरा तक, छावनी से लेकर नयापुरा तक, धानमंडी से लेकर दादाबाड़ी तक हर जगह मवेशियों के झुंड देखे जा सकते हैं। यह हालत केवल कोटा दक्षिण निगम की नहीं है वरन् कोटा उत्तर निगम क्षेत्र में भी यही हालत है। 

इंदौर से तुलना की बातें
नगर निगम अधिकारी और जनप्रतिनिधि कोटा में हर साल सर्वेक्षण के समय तो बड़े-बड़े दावे करते है। कोटा दक्षिण के महापौर राजीव अग्रवाल कई बार कह चुके कि कोटा को इंदौर की तरह साफ करने के प्रयास किए जा रहे है।  हर बार सर्वेक्षण के समय  तो दावे करते हैं लेकिन रैकिंग में पिछड़ने पर उनका कहना रहता है कि अगली बार जरूर सुधार होगा लेकिन अभी तक वह सुधार हकीकत में नजर नहीं आ रहा। 

कांग्रेस पार्षदों के साथ भेदभाव
नगर निगम कोटा उत्तर के उप महापौर सोनू कुरैशी समेत कई पार्षदों का कहना है कि सफाई के मामले में निगम अधिकारियों द्वारा कांग्रेस पार्षदों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। वार्डों में पहले 3 टिपर चलते थे उसे कम कर दो कर दिए। जिससे वे पूरे वार्ड में नहीं जा पाते। सफाई श्रमिकों की संख्या कम कर दी। मेन रोड पर सफाई श्रमिक बढ़ाने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन वह नजर नहीं आते। 

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सफाई नजर नहीं आ रही
शहर वासियों का कहना है कि कोटा में दो नगर निगम होने के बाद भी सफाई नजर नहीं आती। पुराने शहर का क्षेत्र हो या नए कोटा में। सभी जगह पर कचरे के ढेर दिनभर पड़े रहते हैं।  हिरण बाजार निवासी अनवार अहमद ने बताया कि पुराने शहर के कुछ ही इलाके ऐसे हैं जहां सफाई नजर आती है। जबकि अधिकतर क्षेत्रों में गलियां संकरी होने से वहां कचरा तक समय पर नहीं उठता। घंटाघर पुलिस चौकी के पीछे शनि मंदिर की गली में दिनभर कचरे का ढेर लगा रहता है।  रामपुरा निवासी अजय गुप्ता का कहना है कि निगम हर साल सफाई पर करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है। उसके बाद भी बड़े आयोजन होने पर अलग से सफाई करवानी पड़ती है। निगम का ध्यान केन्द्रीय टीम के आने पर उसे दिखाने के लिए सफाई करवाने पर है। हकीकत में जो स्थायी काम होने चाहिए  उन पर किसी का ध्यान नहीं है। 

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इनका कहना है
नगर निगम की ओर से शहर में लगातार सफाई के प्रयास किए जा रहे हैं। बड़े बरसाती नालों से लेकर एक-एक सेक्टर को लिया जा रहा है। वाहीं पूरे दक्षिण क्षेत्र के मेन रोड पर कहीं भी गंदगी नजर नहीं आएगी। पहले से करीब चार गुना अधिक सफाई श्रमिक लगाकर सफाई करवाई जा रही है और तुरंत ही कचरा उठाया जा रहा है। रीको इंडस्ट्रीयल एरिया व मंडी क्षेत्र में नगर निगम सफाई नहीं करवाया। रीको क्षेत्र में सफाई की जिम्मेदारी रीको की है। पूर्व में इस संबंध में रीको अधिकारियों से चर्चा हो चुकी है। 
- राजीव अग्रवाल, महापौर नगर निगम कोटा दक्षिण

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