दोनों फ्लाई ओवर पर भी हादसों का खतरा
करोड़ों की लागत से बने गुमानपुरा व मोदी कॉलेज फ्लाई ओवर पर आए दिन हो रहे हादसे
फ्लाई ओवर पर इतने अधिक मोड़ और गड्ढ़े होने से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, अक्सर यहां घटनाएं होते देखते हैं लेकिन कई तो रिपोर्ट भी नहीं हो पाती।
कोटा। दृश्य 1 - केशवपुरा फ्लाई ओवर पर दादाबाड़ी से रंगबाड़ी की तरफ जाने वाली सड़क पर जहां ढलान व उससे पहले सड़क का डामर उखड़ा हुआ है। जिससे वहां दो पहिया वाहनों के स्लिप होने की घटनाएं आए दिन हो रही है। गुरुवार को भी कई वाहन चालक इससे बचने के प्रयास में दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बचे। यहां कई जगह पर गड्ढ़े होने से उन पर पेचवर्क तो कर दिया लेकिन हादसों का खतरा कम नहीं हुआ है।
दृश्य 2 - गुमानपुरा फ्लाई ओवर पर ’वाला तोप से वल्लभ नगर की तरफ आने वाली सड़क पर बीच में बड़ा गड्ढ़ा हो रहा है। साथ ही यहां फ्लाई ओवर की चार दीवारी भी क्षतिग्रस्त हो रही है। वल्लभ नगर से ’वाला तोप की तरफ जाने वाली सड़क पर गड्ढ़ा होने से उसे तो पेचवर्क कर भर दिया गया। लेकिन हादसों को रोक पाने में नाकाम रहे हैं।
यह हालत है शहर में करोड़ों रुपए की लागत से बने दो फ्लाई ओवरों की। नगर विकास न्यास की ओर से शहर को ट्रैफिक लाइट सिग् नल फ्री बनाने के लिए जहां सड़कों को चौड़ा किया गया। वहीं फ्लाई ओवर व अंडरपास का निर्माण भी कराया गया। लेकिन कुछ समय बाद ही अंडरपास की तरह फ्लाई ओवरों पर भी कहीं गड्ढ़े हो गए तो कहीं डामर उखड़ गया है। जिससे हादसों का खतरा लगातार बना हुआ है। नगर विकास न्यास व स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में करोड़ों रुपए से अंडरपास व फ्लाई ओवर बनाए गए हैं। झालावाड़ रोड पर अनंतपुरा चौराहे पर फ्लाई ओवर, सिटी मॉल के सामने फ्लाई ओवर, गोबरिया बावड़ी में अंडरपास, एरोड्राम चौराहे पर अंडरपास, कोटड़ी चौराहे पर ग्रेट सेपरेटर, अंटाघर चौराहे पर अंडरपास, बोरखेड़ा में फ्लाई ओवर व गुमानपुरा में फ्लाई ओवर का निर्माण कराया गया। इनसे पहले दादाबाड़ी से केशवपुरा के आगे तक भी एक फ्लाई ओवर बनाया गया। शहर में एक साथ इतने अधिक फ्लाई ओवर व अंडरपास बनाने के बाद उनकी सही ढंग से न तो देखभाल की जा रही है और न ही रखरखाव किया जा रहा है। यही कारण है कि बनने के कुछ समय बाद ही अंडरपास दुर्दशा का शिकार होने लगे हैं।
गुमानपुरा में एक दिन पहले भी हुआ हादसा
न्यास की ओर से वल्लभ नगर चौराहे से ’वाला तोप तक इंदिरा गांधी सर्किल के ऊपर से होते हुए एस आकार में फ्लाई ओवर बनाया गया है। करीब 50 करोड़ से अधिक की लागत से बने इस फ्लाई ओवर को शुरू हुए अभी एक साल का भी समय नहीं हुआ है। उससे पहले ही इसकी सड़क पर कई जगह बड़े-बड़े गड्ढ़े हो गए हैं। साथ ही कई जगह पर गिट्टी उखड़ी हुई है। जिससे अचानक आने वाले वाहन उन गड्ढ़ों के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। इस फ्लाई ओवर पर मो खतरनाक हैं। जिससे भी हादसों का खतरा बना हुआ है। जानकारों के अनुसार बुधवार रात को ही इस फ्लाई ओवर पर आमने-सामने दो कारों की भिडंत हो चुकी है। गुरुवार को भी दिन के समय गड्ढ़े से बचने के प्रयास में कई दो पहिया वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बचे।
लोगों की पीड़ा
रंगबाड़ी निवासी नरोत्तम गोयल ने बताया कि वह रोजाना फ्लाई ओवर से स्कूटर से निकलते हैं। कई बार स्कूटर गिट्टी पर स्लिप हो चुका है। एक बार तो पीछे से आ रहे वाहन से कुचलने से ही बच गया। वरना जान भी जा सकती थी। तलवंडी निवासी कपिल सैनी ने बताया कि गुमानपुरा का ल्लाई ओवर काफी खतरनाक है। फ्लाई ओवर पर इतने अधिक मोड़ होने ही नहीं चाहिए। मोड के अलावा यहां गड्ढ़े होने से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। अक्सर यहां घटनाएं होते देखते हैं लेकिन कई तो रिपोर्ट भी नहीं हो पाती।
यहां पेचवर्क व उखड़ा डामर
न्यास द्वारा शहर का सबसे बड़ा फ्लाई ओवर दादाबाड़ी से केशवपुरा चौराहे को पार करते हुए राम जानकी मंदिर तक फ्लाई ओवर बनाया गया है। हालांकि इसे बने हुए करीब 4 साल हो गए हैं। करीब 110 करोड़ की लागत से बने फ्लाई ओवर की सड़क पर भी कई जगह गड्ढ़े होने से उन्हें पेचवर्क कर ढका गया है। साथ ही दादाबाड़ी से रंगबाड़ी जाने वाली सड़क पर बीच-बीच में गड्ढ़े और डामर उखड़ा होने से वाहन स्लिप होने की घटनाएं हो रही हैं। इतना ही नहीं पूरे फ्लाई ओवर पर कचरे का ढेर लगा हुआ है। जिसे देख कर लगता है मानों कई दिन से सफाई ही नहीं हुई हो। लोगों का कहना है कि फ्लाई ओवर पर 20 कि.मी. का गति सूचक व संकेतक बोर्ड लगे हुए हैं। उसके बाद भी तेजी से आने वाले वाहन विशेष रूप से दो पहिया वाहन उखड़े डामर व गिट्टी पर स्लिप हो रहे हैं। जिससे आए दिन वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले हो रहे हैं।
पहले युवक की गिरकर हो चुकी मौत
हालांकि इस फ्लाई ओवर पर संकेतक व गति सूचक बोर्ड लगे हुए हैं। गति 30 कि.मी. और मोड पर 20 कि.मी. की निर्धारित की हुई है। लेकिन उसके बाद भी यहां मोड़ खतरनाक होने से हादसे हो रहे हैं। जानकारों के अनुसार कुछ समय पहले इस फ्लाई ओवर से गिरकर एक युवक की मौत भी हो चुकी है।
इनका कहना है
फ्लाई ओवर की सड़क पर कहीं गड्ढ़े हो रहे हैं या डामर उखड़ा हुआ है तो उसे समय-समय पर सही करवाते रहते हैं। फिर भी यदि कहीं अभी हुआ है तो उसे भी ठीक करवा दिया जाएगा। दिनभर सैकड़ों वाहन निकलने से बार-बार सडक खराब होने की संभावना रहती है लेकिन उसे ठीेक भी करवाते रहते हैं।
- मानसिंह मीणा, सचिव नगर विकास न्यास
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