असर खबर का - पर्यटकों के लिए खुला ताले में बंद 1 करोड़ का इंटरप्रिटेक्शन सेंटर
सौलर की बैट्री बदली, एलईडी हुई शुरू
पर्यटकों को मिल रही जंगल और वन्यजीवों की जानकारी।
कोटा। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की जन्नत गरड़िया महादेव में आर्टिफिशल जंगल की दुनिया इंटरप्रिटेक्शन सेंटर के दरवाजे पर्यटकों के लिए फिर से खोल दिए गए हैं। अब यहां आने वाले पर्यटकों को गरड़िया का इतिहास सहित वन्यजीवों का वैज्ञानिक नाम, जीवनकाल, दिनचर्या, प्रजनन, खानपान, आवास व जीवनचक्र की जानकारी मिल सकेगी। इंटर प्रिटेक्शन सेंटर देख पर्यटक रोमांचित हो उठे। दरअसल, पिछले कई सालों से 1 करोड़ की लागत से बना इंटरप्रिटेक्शन सेंटर ताले में बंद था। जबकि, वन विभाग ने लाखों रुपए खर्च कर इस सेंटर में आर्टिफिशल जंगल बसाया था, ताकि पर्यटकों को जंगल और वन्यजीवों के प्रति जागरूक किया जा सके। लेकिन, सौलर पैनल में लगी बैट्रियों के खराब होने से इंटरप्रिटेक्शन सेंटर को बंद कर दिया गया था। जिसकी वजह से वन विभाग के उद्देश्य पूर्ण नहीं हो पा रहे थे और सेंटर में मौजूद लाखों के उपकरण, वन्यजीवों की सजीव डमी धूल खा रही थी। इस मामले में दैनिक नवज्योति ने मामले को प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर समस्या वन उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया था। इसके बाद अधिकारी हरकत में आए और नवज्योति के सार्थक प्रयासों से इंटरप्रिटेक्शन फिर से पर्यटकों के लिए शुरू हो सका।
इंटरप्रिटेक्शन सेँटर देख रोमांचित हुए पर्यटक
विज्ञान नगर निवासी यश कुमार, नीटू यादव, छावनी के सुशांत व सुरेंद्र मौर्य का कहना था कि इंटरप्रिटेक्शन सेंटर वाइक खूबसूरत है। एक कमरे में पूरा जंगल बसा हुआ है। यहां टाइगर, हाईना, लैपर्ड सहित अन्य वन्यजीवों की सजीव डमी और एलईडी पर मुकुंदरा की शोर्ट मूवी देखकर रोमांचित हो उठे। जंगल में किस तरह के एनिमल्स हैं, उनकी दिनचर्या कैसी होती है। यहां कौन-कौन सी प्रजाति के वन्यजीव रहते हैं सहित तमाम जानकारी मिल सकी। हालांकि, गरड़िया में पहले भी आ चुके हैं लेकिन इस बार का विजिट सबसे खास था। पहली बार इंटरप्रिटेक्शन सेंटर देखने को मिला। गौरतलब है कि एक करोड़ की लागत से बनाए गए इंटरप्रिटेक्शन सेंटर पिछले कई सालों से बंद था। अंदर धूल की मोटी परतें जमी हुई थी।
जंगल में होने का हुआ अहसास
पर्यटक महावीर नगर निवासी पायल बैरागी, कमल बैरागी, गवर्नमेंट कॉलेज के छात्र राजेंद्र चंदेल, सुरेंद्र नाथावत का कहना था कि इंटरप्रिटेशन सेंटर में बड़ी साइज की एलईडी है, जिस पर वन्यजीवों की फिल्म दिखाई जाएगी। रात में वन्यजीव जंगल में कैसे विचरण करते हैं और कैसे शिकार करते हैं, यह फिल्म के माध्यम से देखने को मिला। इतना ही नहीं जंगल में बारिश और रात में दहाड़ते बाघ की आवाज स्पीकर के माध्यम से रोमांचित कर रही थी। इसके अलावा मुकुंदरा का विहंग्म नजारा, दुर्लभ व विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे, औषधीय पौधों की जानकारी मिली।
यह होता है इंटरप्रिटेक्शन सेंटर
इंटरप्रिटेशन सेंटर वन्यजीव, पक्षी व जंगल की संपूर्ण जानकारी देने वाली आर्टिफिशल जंगल होता है। जहां वन्यजीवों का वैज्ञानिक नाम, जीवनकाल, दिनचर्या, प्रजनन, खानपान आवास व जीवनचक्र की जानकारी दी जाती है। साथ ही उनके व्यवहार के साथ प्रदेश में पाए जाने वाले अन्य फ्लोरा, जैव विविधता, पक्षियों, रेप्टाइल्स और अन्य वन्यजीवों की जानकारी भी मिलती है। सेंटर में बच्चों का ध्यान रखते हुए ज्ञानवर्धक एवं मनोरंजन युक्त जानकारियां भी जाती है। इंटरप्रिटेशन के जरिए बाघ, तेंदुआ, भालू, हिरन, मगरमच्छ, अजगर सहित अन्य वन्यजीवों, जंगल एवं नदियों को शिल्पकला के माध्यम से दशार्या गया है।
- एएच जैदी, नेचर प्रमोटर
जंगल और वन्यजीवों का रोचक संसार इंटरप्रिटेक्शन
पर्यटकों को वन्यजीवों के प्रति जागरूक करने के लिए यहां विभिन्न एनीमल की डमी बनाई है, जो उनके असल में होने का अहसास कराती है। साथ ही उनका सम्पूर्ण इतिहास भी बताया गया है। बच्चों के लिए यह सेंटर जंगल और वन्यजीवों का रोचक संसार है। यह सब मॉडल के रूप में दशार्या जा रहा है। पर्यटक व स्कूली बच्चों का ग्रुप यहां आता है, जो इंटरप्रिटेक्शन सेंटर के जरिए जंगल और जंगल के जीवों के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।
- देवव्रत सिंह हाड़ा, संस्थापक पगमार्क फाउंडेशन
गरड़िया महादेव में इंटरप्रिटेक्शन सेंटर पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। पहले सौलर की बैट्री खराब होने का इश्यू था, जिसके कारण सेंटर बंद था। अब यह ईश्यू खत्म हो गया है। इंटरप्रिटेक्शन सेंटर की विजिट से पर्यटक जंगल और जंगल के प्राणियों के प्रति जागरूक होंगे और मुकुंदरा की खूबसूरती, चंबल की वादियों, विभिन्न तरह के वन्यजीव और पक्षियों की अद्भुत दुनिया से रुबरू होंगे।
- सुगनाराम जाट, सीसीएफ मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व
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