असर खबर का - 34 माह बाद आखिर मदर मिल्क बैंक का खुला ताला, मदर मिल्क बैंक शुरू करने की कवायद हुई शुरू
अधीक्षक ने किया निरीक्षण
बैंक से प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक नवजात शिशुओं को लाभ मिलेगा और उन्हें पोषक मां का दूध उपलब्ध कराया जा सकेगा।
कोटा। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मदर मिल्क बैंक शुरू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई। सोमवार को जेकेलोन अधीक्षक डॉ. निर्मला शर्मा ने बैंक की साफ सफाई से लेकर मशीनों की जांच कराकर व्यवस्थाएं जांची और इसको शुरू करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश शिशुरोग विभाग डॉक्टरों को दिए। उल्लेखनीय है कि दैनिक नवज्योति 2 मार्च के अंक में ये कैसा इंतजाम ! बनने के 34 माह बाद भी मदर मिल्क बैंक नहीं हो पा रहा शुरू शीर्षक से खबर प्रकाशित की। उसके बाद सोमवार को अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और उसने बंद पड़े मदर मिल्क बैंक सूद ली और उसको चालू करने की कवायद शुरू की। डॉ. निर्मला शर्मा ने बताया कि सभी मशीनों की जांच कर उपकरणों की जांच की है। शीघ्र इसको चालू करने के निर्देश जारी कर दिए है।
कुपोषित बच्चों को मिलेगा लाभ
जेकेलोन अस्पताल की अधीक्षक डॉ. निर्मला शर्मा ने बताया कि मदर मिल्क शुरू होने से कुपोषित बच्चों को मां का दूध मिल सकेंगा। प्रसूताएं एक दिन में तीन बार दूध दान कर सकेंगी। यह मिल्क बैंक उन नवजात शिशुओं के लिए वरदान साबित होगा, जिनकी मां नहीं हैं या जिन्हें मां का दूध नहीं मिल पा रहा है। इस बैंक से प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक नवजात शिशुओं को लाभ मिलेगा और उन्हें पोषक मां का दूध उपलब्ध कराया जा सकेगा। मदर्स मिल्क बैंक बनने के बाद कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश तक के नवजात शिशुओं और उनके परिजनों को फायदा मिलेगा। हालांकि, दूध दान करने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य की पूरी जांच की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें कोई बीमारी न हो। मदर्स मिल्क बैंक नवजात शिशुओं के लिए मां का दूध स्टोर करने और वितरित करने वाली एक नॉन-प्रॉफिट संस्था है। इन बैंकों में स्वेच्छा से दूध दान किया जाता है, जिससे जरूरतमंद नवजात शिशुओं को मां का दूध उपलब्ध कराया जा सके।
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