नवज्योति की खबर पर जयपुर से कोटा पहुंचे वन अधिकारी
वन सुरक्षा के एपीसीसीएफ ने लखावा-8 प्लांटेशन का किया निरीक्षण
दैनिक नवज्योति ने 23 मई के अंक में वन विभाग के इशारे पर प्लांटेशन में ही काट दी प्लानिंग शीर्षक से खबर प्रकाशित कर मिलीभगत का खेल उजागर किया था। इसके बाद वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जयपुर से प्लांटेशन के हालात देखने कोटा पहुंचे।
कोटा। नेशनल हाइवे-27 स्थित लाडपुरा रेंज के लखावा-8 मेटिगेटिव प्लांटेशन में आवासीय प्लानिंग काटे जाने के मामले की जांच शुरू हो चुकी है। वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी कैलाश चंद मीणा सोमवार को जयपुर से कोटा पहुंचे। यहां उन्होंने मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक रामकरन खैरवा से मामले की जानकारी लेकर संबंधित दस्तावेज खंगाले। इसके बाद शाम को मौके का निरीक्षण करने लखावा-8 प्लांटेशन पर पहुंचे। जहां मामले से जुड़े हर पहलुओं को प्रत्यक्ष रूप से परखा। इस दौरान उन्होंने प्लांटेशन में बनी सीसी रोड व फैली गिट्टियां देख अधिकारियों से जवाब तलब किए।
हर एंगल पर हो रही जांच
वन सुरक्षा के अधिकारी एपीसीसीएफ केसी मीणा ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। हर पहलुओं को बारिकी से जांचा-परखा जा रहा है। जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, सीसीएफ रामकरन खैरवा का कहना है, जांच में अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही मिलती है तो उनके खिलाफ नियमानुसार विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
नवज्योति ने उठाया था मामला
लखावा-8 मेटिगेटिव मेजर्स प्लांटेशन में आवासीय प्लोटिंग किए जाने का मामला नवज्योति ने प्रमुखता से उठाकर वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया। दैनिक नवज्योति ने 23 मई के अंक में वन विभाग के इशारे पर प्लांटेशन में ही काट दी प्लानिंग शीर्षक से खबर प्रकाशित कर मिलीभगत का खेल उजागर किया था। इसके बाद वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जयपुर से प्लांटेशन के हालात देखने कोटा पहुंचे।
वन संरक्षण अधिनियम 1980 व 1953 का उल्लंघन
प्लांटेशन में बिना एफसीए कार्यवाही के आवासीय कॉलोनी कटना, सीसी सड़क बनना, बिजली के पोल खड़े होना और पौधों को नष्ट करवाकर गिट्टी-कंक्रीट बिछाना राजस्थान वन अधिनियम 1953 और वन संरक्षण अधिनियम 1980 का खुला उल्लंघन है। यह प्लांटेशन पांच वर्षीय है, जो 2021-26 तक जारी रहेगा, तब तक प्लांटेशन की देखरेख व सुरक्षा के लिए कैम्पा से 11-11 लाख प्रति वर्ष यानी आगामी दो वर्षों तक कुल 22 लाख का बजट मिलना है।

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