कचरे के बीच रह रहे भविष्य के डॉक्टर, कैंपस में जगह-जगह कचरे के ढेर
फूटी पाइप लाइन के कारण कमरों में घुस जाता है पानी
कॉलेज प्रशासन भी सबकुछ आंखों के सामने होने के बावजूद भी नजरअंदाज कर रहा है।
कोटा। इंसान बीमार होने पर इलाज कराने के लिए डॉक्टर के पास जाता है जहां डॉक्टर मरीज का इलाज करने लायक होने के लिए उसे करीब 8 साल का समय लग जाता है जहां वो इन 8 सालों को कॉलेज में ही गुजारते हैं। वहीं कॉलेज में रहने के लिए विद्यालयों द्वारा उनके लिए छात्रावासों की सुविधा दी जाती है। जहां वो रहने के साथ अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। लेकिन कोटा मेडिकल कॉलेज के हॉस्टलों में रहने वाले छात्रों को कचरे और सीलिंग के साथ रहना पड़ रहा है। क्योंकि कॉलेज के प्रत्येक हॉस्टल के चारों और कचरे के ढेर लगे हैं जिनसे बदबू तो हो ही रही है साथ ही स्टूडेंट्स को बीमारियों का भी खतरा है। कॉलेज प्रशासन भी सबकुछ आंखों के सामने होने के बावजूद भी नजरअंदाज कर रहा है।
कैंपस में चारों और कचरे के ढेर
कॉलेज कैंपस में स्थित हॉस्टलों के आस पास जगह जगह कई सारे कचरे के ढेर हुए पड़े हैं। इन ढेरों में पड़ा कचरा हवा के साथ इधर उधर उड़कर फैल जाता है। जिससे छात्रों को परेशानी होती है। वहीं कई दिनों से कचरा पड़ा होने के कारण आस पास बदबू भी फैली रहती है। जो भी छात्रों के लिए समस्या पैदा कर रही है। छात्रों ने बताया कि हॉस्टल कैंपस में सफाई कभी कभा ही होती है। जिससे गजह जगह कचरे के ढेर हो रहे हैं। वार्डन को इसके लिए बोला हुआ है लेकिन अभी तक कोई सफाई नहीं हुई है। कैंपस में यूजी हॉस्टल नं. 1, 3 व 4 सहित पीजी हॉस्टल नं 2 के आस पास कचरे के ढेर लगे हैं।
गर्ल्स हॉस्टल के बाहर सड़क नहीं
बॉयजÞ हॉस्टल में जहां जगह जगह कचरे के ढेर हो रहे हैं वहीं गर्ल्स हॉस्टल के बाहर सड़क तक नहीं है। गर्ल्स हॉस्टल के बाहर अभी भी मिट्टी की सड़क बनी हुई है। छात्राएं उसी सड़क से आती जाती हैं। सड़क पर मिट्टी के साथ साथ छोटे छोटे कंकड पत्थर हो रहे हैं। जिससे वाहनों के भी फिसलने की संभावना बनी रहती है। छात्रा अनुसुइया (परिवर्तित नाम) ने बताया कि इस सड़क पर कई बार गाडियां फिसल चुकी हैं लेकिन बावजूद इसके अभी तक से सड़क नहीं बनी है जबसे आई हूं तब से सड़क को ऐसा ही देखा है।
पानी की लाइन फूटी हुई
कॉलेज के यूजी हॉस्टल नं 4 में टंकी पर पानी चढ़ाने वाली पाइप लाइन और छत से पानी नीचे उतारने के लिए लगाई पाइप लाइन भी फूटी हुई है जिससे पानी चढ़ाते समय और छत से पानी नीचे उतरते समय लीकेज के कारण पानी हॉस्टल की दीवारों में चला जाता है। दीवारों में पानी जाने से कमरों में सीलन और बदबू आ रही है। छात्र देवेश शर्मा (परिवर्तित नाम) ने बताया कि हॉस्टल की ये पाइप लाइन कई दिनों से टूटी हुई है जिससे इनसे गुजरने वाला पानी दीवारों के सहारे कमरों में घुस जाता है। कई बार तो पानी इतना आ जाता है कि कमरों से बाहर निकलना पड़ जाता है।
हॉस्टलों में कचरा ना हो इसके लिए निगम से बात करके टिपर की व्यवस्था की गई है। सफाई के लिए हॉस्टल वार्डन को भी निर्देशित किया हुआ है। सड़क बनाने के कलिए पीडब्लूडी को पत्र लिखा हुआ है। अगर समस्या है तो उसे दूर करवाया जाएगा।
- संगीता सक्सेना, प्रधानाचार्य, मेडिकल कॉलेज कोटा
पीजी हॉस्टलों में साफ सफाई नियमित करवाई जाती है, हॉस्टलों के बाहर कचरे को लेकर कारवाई की जा रही है। जहां कचरे के ढेर हैं उन्हें उठवाएंगे।
- विनोद जांगिड़, वार्डन, पीजी हॉस्टल
हॉस्टलों की सफाई नियमित हो रही है समस्या होने पर छात्रों से पूछकर समाधान किया जाता है। कचरे के ढेरों को उठवाया जाएगा। और हॉस्टल में खराब पड़ी पाइप लाइन के लिए पीडब्लूडी को पत्र लिखा हुआ है बजट आने पर ठीक करवा दिया जाएगा।
- राम खिलाड़ी मीणा, वार्डन, यूजी हॉस्टल

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