दम तोड़ रही मुकुंदरा की जंगल सफारी

पिछले दो महीने से एक भी बुकिंग नहीं, दरा सेंचुरी में एक ही जिप्सी के भरोसे सफारी

दम तोड़ रही मुकुंदरा की जंगल सफारी

दो साल बाद भी बोराबांस रैंज में शुरू नहीं हुई सफारी

कोटा । मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की जंगल सफारी  दम तोड़ रही है। पिछले दो महीने से एक भी बुकिंग नहीं मिलने से जिप्सी चालक भी खाली बैठे हैं। हालात यह है कि वर्ष 2025 के शुरुआती 4 माह में मात्र 6 बार ही पर्यटक सफारी को गए हैं। जनवरी व फरवरी माह के बाद मार्च-अप्रेल में एक भी बुकिंग नहीं आई है। ऐसे में दरा अभयारण्य में शुरू की गई सफारी दम तोड़ रही है। 

दो माह से एक भी बुकिंग नहीं
जिप्सी चालक महेंद्र गुर्जर ने बताया कि वन विभाग द्वारा दरा सेंचुरी में सितम्बर 2023 में जंगल सफारी शुरू की गई थी। उस समय लोगों में क्रेज था लेकिन दरा में टाइगर नहीं होने से पर्यटकों का सफारी के प्रति मोह भंग होता गया। हालात यह हो गए कि वर्ष 2025  में जनवरी में सफारी के 4 व फरवरी में 2 ही राउंड कटे हैं। इसके बाद मार्च व अप्रेल में अभी तक एक भी बुकिंग नहीं आई है। पर्यटकों के अभाव में जिप्सी भी घर पर ही खड़ी रहती है। 

बोराबास में इन वन्यजीवों का बसेरा
वाइल्ड लाइफ रिसर्चर रवि नागर ने बताया कि बोराबांस का जंगल बेहद खूबसूरत है। यहां हायना, फॉक्स, जेकॉल, भालू, हिरण, चिंकारा, ब्लैक बक, सांभर, नीलगाय, सिविट केट, रेटल, लंगूर, नेवला, झाऊ चूहा, जंगली खरगोश, चिंटीखोर यानी पैंगोलिन, सेही जंगली चूहा सहित कई वन्यजीवों की मौजूदगी हैं। वहीं, सरीसृप व उभयचर में पायथन, रैट स्नेक, बफ-स्ट्राइप, कीलबैक, चेकर्ड कीलबैक, रेड सैंडबोआ, रेसेल्स वाइपर, टिंकेट, कोबरा व चंबल में मगरमच्छ बड़ी संख्या में है।

टाइगर नहीं होने से घटा पर्यटकों का रुझान
वर्तमान में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में तीन टाइगर हैं। इनमें दो बाघिन व एक बाघ है। इनमें से एक टाइगर का जवाहर सागर तो दूसरे का कोलीपुरा रेंज में मूवमेंट रहता है। इसके अलावा एक बाघिन है, जिसे दरा में रिवाइल्डिंग के लिए एनक्लोजर में रखा गया है। ऐसे में दरा सेंचुरी में खुले में बाघ-बाघिन नहीं होने से पर्यटकों का रुझान सफारी के प्रति घट गया। पर्यटकों का कहना है कि दरा शहर से करीब 40 किमी दूर है। जहां आने-जाने में काफी समय व्यर्थ हो जाता है और वहां पर देखने के लिए टाइगर तक नहीं है। ऐसे में पैसा और समय दोनों ही बर्बाद होता है।  

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ऑफलाइन बुकिंग से घटा रुझान
दरा सेंचुरी में जंगल सफारी के लिए मात्र एक ही जिप्सी है, जो सुबह की पारी में 6.30 से  9.30 तथा दोपहर 3 से 6 बजे तक रहती है। पर्यटकों को एंट्री व टिकट दरा रेंज कार्यालय से लेना होता है। यहीं से बुकिंग ऑफलाइन की जाती है। कोटा शहर से जाने वाले पर्यटकों को कई बार वहां जाकर पता लगता है कि जिप्सी एडवांस बुक हैं, ऐसे में उन्हें सफारी का मौका अगले दिन मिल पाएगा या फिर दोपहर की पारी तक इंतजार करना होगा। दोनों ही सूरत में पर्यटकों का समय व्यर्थ हो जाता है। मजबूरन उन्हें बैरंग लौटना पड़ता है। यदि, यहां जिप्सियों की संख्या बढ़ाई जाए तो भी लोगों को राहत मिल सकती है।  

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4500 से 700 किराया, फिर भी टाइगर नहीं
दरा रेंज में मौरूकलां-बंजर-रेतिया तलाई-पटपडिया-सावनभादौ एरिया शामिल है। करीब 21 किमी के जंगल में सफारी करवाई जाती है। 6 पर्यटक होने पर ही जिप्सी सफारी के लिए रवाना होती है। ट्यूरिस्ट की संख्या कम होने पर उनसे 6 सीटों का किराया 4500 से 700 रुपए किराया वसूला जाता है। इसके बावजूद पर्यटकों को इस रेंज में टाइगर देखने को नहीं मिलते। ऐसे में पर्यटक सफारी को नहीं आते।

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बोराबास रेंज में दो साल बाद भी सफारी नहीं
वर्तमान में दरा सेंचुरी में ही सफारी करवाई जाती है, जो शहर से करीब 40 किमी दूर है। ऐसे में पर्यटकों का जाना और आने में 80 किमी का सफर तय करना पड़ता है। वहीं, बोराबास रेंज शहरी सीमा में होने के बावजूद दो साल से सफारी शुरू नहीं की गई। जबकि, यहां रुट्स भी निर्धारित किए हुए हैं। इसके बावजूद वन विभाग यहां सफारी शुरू नहीं कर रहा। वन्यजीव प्रेमियों  का कहना है कि बोराबांस का जंगल खूबसूरत होने के साथ शहर में नजदीक है। ऐसे में पर्यटकों की पहुंच आसान होगी और सफारी  का उद्देश्य पूर्ण हो सकेगा। मुकुंदरा प्रशासन को इसके सकारात्मक प्रयास करना चाहिए। 

इन तीन रुट्स पर सफारी का इंतजार 
दरा रेंज के अलावा तीन अन्य रेंजों में भी सफारी के रुट्स प्रस्तावि हैं। जिनमें बोराबांस रेंज में बंधा-बग्गी रोड, अखावा-बलिंडा-बंधा, दूसरा रूट कोलीपुरा रेंज में नागनी चौकी पोस्ट, कालाकोट-दीपपुरा घाटा-कान्या तालाब-नागनी चौकी पोस्ट, तीसरा रूट मंदरगढ़ में बेरियर-मंदरगढ़, तालाब-केशोपुरा-रोझा तालाब होते हुए मंदरगढ़ बेरियर रुट भी शामिल है। ऐसे में यहां भी सफारी शुरू करने करने के प्रयास तेज किए जाने चाहिए। 

क्या कहते हैं पर्यटक
दरा में जंगल सफारी के लिए बुकिंग भी ऑफलाइन है। जिसे जल्द से जल्द ऑनलाइन किया जाना चाहिए। शहर से 40 किमी का सफर कर दरा पहुंचते हैं तो वहां जाकर जिप्सी एडवांस बुक होने की बात पता चलती है, जिससे आना-जाना मिलाकर 80 किमी का चक्कर व्यर्थ हो जाता है। मुकुंदरा प्रशासन को बोराबास रैंज में सफारी शुरू करनी चाहिए।
-कुशाल सिंह, महावीर नगर 

दरा बहुत दूर पड़ता है। ऐसे में रावतभाटा रोड स्थित बोराबास रेंज में प्रस्तावित रुट पर जंगल सफारी शुरू की जानी चाहिए। ताकि, पर्यटकों का समय व पेट्रोल का पैसा बच सके। साथ ही बुकिंग प्रणाली भी ऑनलाइन होनी चाहिए, जिससे व्यक्ति सफारी से पहले बुकिंग की करंट स्टेटस को देख ट्रैवलिंग प्लान बना सके।
-ललित नामा, प्रोफेसर राजकीय कनवास महाविद्यालय  

मैं अपने साथियों के साथ कुछ माह पहले सफारी के लिए दरा गया था। वहां जाकर पता लगा कि जिप्सी एडवांस में ही बुक हो चुकी है। ऐसे में वापस बैरंग लौटना पड़ा। यदि, बुकिंग व्यवस्था ऑनलाइन होती या फिर जिप्सी की संख्या अधिक होती तो उसी दिन सफारी का मौका मिल जाता। विभाग को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने की जरूरत है। वहीं, सफारी के लिए प्रस्तावित अन्य तीन रुट्स पर भी सफारी शुरू की जानी चाहिए। 
-यतीश जैन, अशोक चंद्रावत, दादाबाड़ी 

इनका कहना है
 बोराबांस रेंज में नए रुट्स तैयार किए गए हैं। यह शहर के पास भी है। यहां जल्द ही सफारी शुरू करवाई जाएगी। वहीं, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से टाइगर लाने की प्रक्रिया जारी है।
-सुगनाराम जाट, सीसीएफ मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व 

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