पोस्टर फ्लेक्स लगाकर शहर को किया बदरंग
सुंदरता बिगाड़ने वालों पर नहीं हो रही कार्रवाई, नगर निगम कर रहा अनदेखी
सार्वजनिक स्थानों पर विज्ञापन पोस्टर व बैनर फ्लेक्स लगा रहे है
कोटा । स्मार्ट सिटी की दौड़ में शामिल और पर्यटन नगरी के रूप में विकसित हो रहे कोटा शहर को सुंदर बनाने पर जहां करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे है। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग शहर की सुंदरता को बदरंग कर रहे है। ऐसा करने वालों पर कार्रवाई नहीं होने से उनके हौंसले बुलंद हो रहे है। केन्द्र सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कोटा शहर में विकास व सौन्दर्यीकरण पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। जिससे शहर सुंदर दिखने के साथ ही पर्यटन नगरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। शहर में पुराने चौराहों को नया रूप दिया गया। अंडरपास व फ्लाई ओवर बनाए गए। शहर को हैरीटेज लुक देने के लिए एक रूपता के साथ विकास कराया गया है। लेकिन शहर में कुछ लोग ऐसे हैं जो सार्वजनिक स्थानों पर विज्ञापन पोस्टर व बैनर फ्लेक्स लगा रहे है।
जारी कर रहे हैें नोटिस
नगर निगम कोटा दक्षिण के राजस्व अधिकारी का कहना है कि निगम की ओर से समय-समय पर सम्पति विरूपण अधिनियम के तहत नोटिस जारी करने व जुर्माना तक की कार्रवाई की गई है। गत दिनों तो कुछ लोगों के खिलाफ दादाबाड़ी थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया था और अदालत में चालान भी पेश किया गया था। उसके बाद भी जो लोग नहीं मान रहे हैं उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
सख्ती हो तो पड़े फर्क
लोगों का कहना है कि नगर निगम व प्रशासन द्वारा गलत काम करने वालों पर सख्ती नहीं करने से ही उनके हौंसले बुलंद हो रहे है। यदि कुछ लोगों पर सख्ती की जाए तो अन्य लोगों पर उसका असर पड़ेगा। बसंत विहार निवासी अरविंद विजय का कहना है कि प्रशासन द्वारा सख्ती नहीं करने से गलत काम करने वालों के हौंसले बुलंद हो रहे है। एक यदि गलत कर रहा है तो उसे देखकर अन्य लोग भी वेसा ही करने लगते है। जिसका नतीजा है कि निर्धारित स्घानों के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर बधाई के विज्ञापन लगाकर शहर को बदरंग किया जा रहा है। मोखापाड़ा निवासी कुलदीप नायक का कहना है कि जब तक प्रशासन सख्त रवैया नहीं अपनाएगा तब तक गलत काम करने वालों पर असर नहीं होगा। नगर निगम को ऐसे लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
विज्ञापनों के लिए स्थान निर्धारित
शहर में विज्ञापनों के लिए नगर निगम व संबंधित एजेंसियों द्वारा स्थान निर्धारित किए हुए हैं। उन स्थानों पर यूनिपोल व अन्य माध्यमों से प्रचार प्रसार के लिए उन्हें निजी फर्मो को ठेके पर दिया गया है। जहां विज्ञापन लगाने पर उसका निर्धारित शुल्क लगता है। ऐसे में अधिकतर लोग उस शुल्क से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर बिना किसी शुल्क के विज्ञापन तो चस्पा कर ही रहे हैं। साथ ही शहर को भी बदरंग कर रहे हैं।
सम्पति विरूपण में कार्रवाई का प्रावधान
शहर की सुंदरता को ग्रहण लगाने व बदरंग करने वालों के खिलाफ नगर निगम द्वारा कार्रवाई की जाती है। सम्पति विरूपण अधिनियम के तहत नगर निगम को कार्रवाई का प्रावधान दिया गया है। जिसमें जुर्माना व मुकदमा दर्ज करवाने और नोटिस जारी करने तक का प्रावधान है। हालत यह है कि नगर निगम कोटा दक्षिण द्वारा कुछ समय पहले शहर को बदरंग करने वालों पर कार्रवाई की थी। लेकिन उसके बाद कार्रवाई नहीं होने से फिर से पुराने हालात बन गए हैं।
यहां चस्पा हैं फ्लेक्स
शहर में कोई भी सार्वजनिक स्थान ऐसा नहीं है जिसे विज्ञापनों से बंदरंग नहीं किया गया हो। छावनी फ्लाई ओवर की ऊपरी दीवार से लेकर पिलर तक, गुमानपुरा इंदिरा गांधी चौराहे से लेकर वल्लभ नगर तक के फ्लाई ओवर के पिलरों को विज्ञापन फ्लेक्स से अटा रखा है। दादाबाड़ी केशवपुरा फ्लाई ओवर हो या बोरखेड़ा फ्लाई ओवर सभी के पिलरों पर इतने अधिक विज्ञापन फ्लेक्स लगाए हुए हैं। जिन्हें देखकर ऐसा लग रहा है जैसे ये विज्ञापनों के लिए ही बनाए गए हैं। इसके अलावा सूरजपोल दरवाजे के पास, फोर्टवाल, किशोर सागर तालाब की पाल समेत शहर के अंदरूनी इलाकों में दीवारों पर विज्ञापनों के बैनर व फलेक्स लगाए हुए हैं। किसी पर जन्म दिन की बधाई के तो किसी पर रक्तदान शिविरों की जानकारी दी गई है। किसी पर निजी स्कूल का तो किसी पर डॉक्टरों के परामर्श संबंधी विज्ञापन लगे हुए हैं।
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