अब पानी की नहीं होगी चोरी, जीपीएस से ट्रैक हो रहा टैंकर
जलदाय विभाग ने 75 टैंकरों पर लगवाए ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम
जिस पर रोक लगाने के लिए जलदाय विभाग ने राज्य सरकार की गाइड लाइन के अनुसार सभी टैंकरों पर जीपीएस सिस्टम लगवाकर जल वितरण को पारदर्शी बनाया गया है।
कोटा। पानी की चोरी रोकने के लिए जलदाय विभाग की ओर से इस बार विशेष इंतजाम किए गए हैं। शहरी व ग्रामीण इलाकों में जलापूर्ति के लिए लगवाए टैंकरों पर अब ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से निगरानी रखी जा रही है। टैंकर निर्धारित इलाकों में पहुंच रहा है या नहीं, इसकी मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। वहीं, सॉफ्टवेयर की एप्लीकेशन के माध्यम से अधिकारी अपने मोबाइल पर ही टैंकर की लाइव लॉकेशन देख सकते हैं। टैंकर चालक पानी सप्लाई में किसी भी तरह की गड़बड़ी करता है जो जीपीएस ट्रैकर उसे ट्रैक करअधिकारियों को मैसेज के जरिए नोटिफिकेशन भेज देगा। इस पर विभाग द्वारा संबंधित टैंकर चालक के खिलाफ की जाएगी। इस वर्ष भीषण गर्मी में शहर के उन इलाकों में टैंकरों से जलापूर्ति की जाती है, जहां पाइप लाइन नहीं है। विभाग को अक्सर टैंकर चालकों द्वारा पानी चोरी की शिकायत मिलती थी। जिस पर रोक लगाने के लिए जलदाय विभाग ने राज्य सरकार की गाइड लाइन के अनुसार सभी टैंकरों पर जीपीएस सिस्टम लगवाकर जल वितरण को पारदर्शी बनाया गया है।
गड़बड़ी की तो कटेगा ट्रिप का पैसा
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, प्लांट से पानी भरने के बाद टैंकर निर्धारित प्वाइंट की जगह कहीं ओर चला जाता है या किसी तरह की कोई गड़बड़ी करता है तो कार्रवाई करते हुए उसकी ट्रिप का पैसा काट दिया जाएगा। इसके अलावा टैंकर चालक को ब्लैक लिस्टेड भी किया जा सकता है। वर्तमान में विभाग द्वारा शहरी व ग्रामीण इलाकों में टैंकरों के माध्यम से प्रतिदिन लाखों लीटर पानी की सप्लाई की जा रही है। इसके लिए पांच सौ से टैंकरों फेरे लग रहे हैं।
आॅनलाइन व आॅफलाइन हो रही मॉनिटरिंग
जलदाय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शहरी व ग्रामीण इलाकों में टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है। इन सभी टैंकरों में वाटरफ्रूफ जीपीएस लगाए गए हैं। सॉफ्टवेयर की एप्लीकेशन सभी अधिकारियों के मोबाइल व लेपटॉप में इंस्टोल की गई है। प्लांट से पानी भरकर टैंकर निर्धारित किए गए इलाकों में पहुंच रहे या नहीं, इसकी आॅनलाइन मॉनिटरिंग की जा रही है। सिस्टम में लगातार टैंकर की लाइव लॉकेशन मिलती रहती है। जहां भी टैंकर अपने रूट से भटकता है तो जेईएन से लेकर एक्सईएन तक मौके पर पहुंचकर उसे ट्रैक कर लेते हैं। जीपीएस की मदद से टैंकर चालकों में भी पकड़े जाने का डर बना रहता है। एक अपै्रल से यह व्यवस्था शुरू की गई है। जलापूर्ति की आॅनलाइन व आॅफलाइन दोनों तरह से मॉनिटरिंग की जा रही है।
टैंकर प्रतिदिन लगा रहे 570 फेर
जलदाय विभाग की ओर से जिले में कुल 75 टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है। यह टैंकर प्रतिदिन 570 फेरे करते हैं। प्रत्येक टैंकर 5 हजार लीटर पानी शहरी व ग्रामीण इलाकों में पहुंचाते हैं। ऐसे में 24 घंटे में दो दर्जन इलाकों में कुल 28 लाख 50 हजार लीटर पानी पहुंचाया जाता है। इसके बावजूद लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता।
इन इलाकों में पहुंच रहे टैंकर
शहरी व ग्रामीण इलाकों में टैंकर के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है। इनमें रावतभाटा रोड स्थित आंवली-रोजड़ी, दौलतगंज, नयागांव, रतकांकरा, रानपुर, जगपुरा, बरड़ा बस्ती, क्रेशर बस्ती, बंधा धर्मपुरा, जैके फैक्ट्री स्थित प्रेम नगर, नांता, रामनगर पत्थर मंडी, मंडाना, कैलाश नगरी, कलम का कुआं, मांडलिया, केबल नगर, मुकुंदपुरा सहित कई इलाकों में प्रतिदिन जलापूर्ति हो रही है। इसके लिए संबंधित जोन के जेईएन से एक्सईएन तक के अधिकारी फिल्ड में टैंकरों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
कंट्रोल रूम से होती क्रॉस चैकिंग
एईएन जितेंद्र यादव ने बताया कि पानी से संबंधित किसी भी तरह की समस्या के लिए टोल फ्री नम्बर 07442501961 जारी किए गए हैं। उपभोक्ता इस नम्बर पर फोन कर कंट्रोल रूम पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। जिस इलाके से शिकायत प्राप्त होती है, वहां के संबंधित जेईएन व एईएन को तुरंत सूचना दी जाती है। इस पर कर्मचारियों की टीम तुरंत मौके पर भेज कर समाधान करवाया जाता है। इसके बाद अधिकारी कंट्रोल रूम पर समाधान की रिपोर्ट भेजते हैं। इस पर कंट्रोल रूम से संबंधित शिकायतकर्ता को फोन कर समाधान हुआ या नहीं, क्रॉस चैकिंग की जाती है। यदि, कोई कार्मिक गतल सूचना देता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाती है।
इनका कहना है
भीषण गर्मी में शहरी व ग्रामीण इलाकों में पानी की डिमांड बढ़ जाती है। जिन इलाकों में पाइप लाइन नहीं है, वहां टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है। पानी चोरी की शिकायतों पर लगाम लगाने के लिए सभी टैंकरों में जीपीएस लगाए गए हैं। किसी भी तरह की समस्या की शिकायत मिलने पर तुरंत समाधान करवाया जा रहा है।
-बीबी मिगलानी, एक्सईएन, नगर खंड प्रथम जलदाय विभाग
जल वितरण में पारदर्शिता बनी रहे, इसके लिए ठोस इंतजाम किए गए हैं। संबंधित इलाकों के अधिकारी मौके पर पहुंचकर टैंकरोें की वास्तविक स्थिति भी जांच रहे हैं। मोबाइल व लेपटॉप पर जलापूर्ति पर नजर रख लोगों तक पानी पहुंचा रहे हैं।
-श्याम माहेश्वरी, एक्सईएन, नगर खंड द्वितीय, जलदाय विभाग
शहरवासियों को पानी की कीमत समझनी चाहिए। पानी व्यर्थ न बहाएं। घर की दहलीज व वाहनों को पाइप लगाकर न धोएं, इसकी जगह बाल्टी में पानी भरकर उपयोग कर सकते हैं। जितना पानी व्यर्थ बहता है, उससे बहुत जरूरतमंदों को पानी मिल सकता है।
-जितेंद्र यादव, एईएन उपखंड पंचम, जलदाय विभाग
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