एलन कोचिंग छात्र की संदिग्ध मौत फिर आत्महत्या निकली
अब तक 61 विद्यार्थी कर चुके आत्महत्या
कोटा सिटी के कुन्हाड़ी पुलिस थाना क्षेत्र में पिछले 11 दिन पहले हॉस्टल के कमरे में अचेत मिले छात्र रीतेश की मौत का मामला पुलिस जांच मेंं फिर आत्महत्या निकला है। पुलिस जांच में सामने आया कि छात्र ने कोई जहरीली वस्तु का सेवन किया था। जिससे उसकी मौत हो गई।
कोटा। कोटा सिटी के कुन्हाड़ी पुलिस थाना क्षेत्र में पिछले 11 दिन पहले हॉस्टल के कमरे में अचेत मिले छात्र रीतेश की मौत का मामला पुलिस जांच मेंं फिर आत्महत्या निकला है। पुलिस जांच में सामने आया कि छात्र ने कोई जहरीली वस्तु का सेवन किया था। जिससे उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर कोई चोट के निशान होना नहीं पाया गया था, जिससे पुलिस अब तक इस मामले को संदिग्ध मौत मानकर जांच कर रही थी। पुलिस ने छात्र की विसरा रिपोर्ट के लिए सैेंंपल जयपुर भी भेजा है। इससे यह साफ हो जाएगा कि आखिर छात्र ने कौन से विषाक्त का सेवन किया था। पुलिस को छात्र के कमरे में किसी प्रकार का सुसाइड नोट नहीं मिला था और ना उसके पास किसी चिकित्सक के उपचार का पर्चा या टेबलेट व दवाइयां मिली थीं। पुलिस ने बताया कि पहले छात्र की मौत मामले में बीमारी से मौत की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन बीमारी से संबंधित कोई ठोस साक्ष्य पुलिस को नहीं मिले थे। यह मामला पूरी तरह से आत्महत्या है। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट संस्थान में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों द्वारा आत्महत्या करने का ग्राफ साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है। पिछले दस साल से अब तक पुलिस आंकड़ों पर नजर डालें तो एलन के 61 विद्यार्थियों ने आत्महत्या की है।
पुलिस इंस्पेक्टर गंगा सहाय शर्मा ने बताया कि छात्र की संदिग्ध मौत के मामले में अब तक की जांच पड़ताल में मामला आत्महत्या का ही लग रहा है। चिकित्सकों ने विसरा रिपोर्ट जांच के लिए भेजी है। अभी तक की जांच पड़ताल में मिले साक्ष्यों के आधार पर मामला आत्महत्या का ही लग रहा है। छात्र ने ऐसा लग रहा है कि हॉस्टल के बाहर ही कोई विषाक्त पदार्थ का सेवन किया है। विसरा रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है। इस मामले में हर पहलू पर जांच की जा रही है।
ज्ञात रहे कि 12 मई को एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट संस्थान में नीट की तैयारी कर रहे रीतेश कुमार सिंह (19) पुत्र राम सिंह निवासी नवाब सिंह रोड शिवपुरी मप्र. हर्ष रेजीडेंसी के एक कमरे में अचेतावस्था में पड़ा मिला था। छात्र के कमरे की अंदर से कुंदी बंद मिली थी।
इन कारणों से आत्महत्या जैसा कदम
1-रितेश बीमार था तो इसकी जानकारी उसके अभिभावकों और ना हॉस्टल संचालक, इंचार्ज व दोस्तों तथा कोचिंग संस्थान प्रबंधन को नहीं थी।
2- रितेश के कमरे में ना तो दवाइयां मिली और ना डॉक्टरों द्वारा इलाज का पर्चा मिला ।
3-अगर छात्र बीमार था तो उसके अस्पताल में भी भर्ती होने का कोई प्रमाण नहीं मिला।
4-एलन कोचिंग संस्थान को यह भी नहीं मालूम कि उनके संस्थान का छात्र बीमार है और कोचिंग संस्थान में कब से नहीं आ रहा है और क्यों नहीं आ रहा है।
5-छात्र ने दरवाजा अंदर से बंद कर रखा था। ऐसे में सीधा-साधा आत्महत्या का मामला नजर आता है, कैसे कोई बाहरी व्यक्ति बंद कमरे के अंदर प्रवेश कर सकता है।

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