टैक्स जमा नहीं करवाने वालों पर निगम हो रहा मेहरबान

नोटिस देकर की इतिश्री, सीजिंग हुई ना कुर्की

टैक्स जमा नहीं करवाने वालों पर निगम हो रहा मेहरबान

नगरीय विकास कर (यूडी टैक्स) का मामला।

कोटा। सरकार व सरकारी विभागों द्वारा नियमों की पालना करने वालों पर तो सख्ती की जा रही है लेकिन जो न तो नियमों की पालना कर रहे हैं और न ही समय पर सरकारी टैक्स जमा करवा रहे हैं उन पर सख्ती करना तो दूर सरकार मेहरबानी कर रही है। इसका उदाहरण है नगर निगम में नगरीय विकास कर(यूडी टैक्स) जमा नहीं करवाने वाले। नगर निगम के राजस्व विभाग की ओर से हर साल आवासीय व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से निर्धारित भूखंड के आधार पर नगरीय विकास कर वसूल किया जाता है। वित्त वर्ष शुरु होने अप्रैल से मार्च के बीच टैक्स जमा करवाने का समय रहता है। लेकिन हालत यह है कि गिनती के ही लोग समय पर टैक्स जमा करवा रहे है। टैक्स जमा नहीं करवाने वालों की संख्या अधिक है। उसके बावजूद भी संबंधित विभाग व सरकार द्वारा उनके खिलाफ सख्ती करने या दंडित करने की जगह उन पर मेहरबानी की जा रही है। सरकार हर बार दे रही छूट: शहर  में टैक्स के दायरे में आने वाले कर दाताओं में से जो समय पर टैक्स जमा करवा रहे हैं उन्हें तो सरकार प्रोत्साहित नहीं कर रही। वरन् जो समय पर और बरसों से टैक्स जमा नहीं करवा रही उन्हें ब्याज व पेनल्टी में हर साल छूट दी जा रही है। इस बार भी सरकार की ओर से छृूट का प्रावधान किया गया था। उसके बाद भी कई लोग ऐसे हैं जो छूट के बाद भी टैक्स जमा नहीं करवा सके। 

निगम ने नोटिस दिए लेकिन सख्ती नहीं की
नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण की ओर से नगरीय विकास कर जमा नहीं करवाने वाले कर दाताओं को फरवरी व मार्च में नोटिस तो दिए गए। जिनमें टैक्स जमा नहीं करवाने वालों के खिलाफ सम्पति को सीजिंग व उनकी कुर्की करने तक की चेतावनी दी गई थी।  लेकिन हालत यह है कि फरवरी और मार्च के महीने के साथ ही वित्त वर्ष समाप्त हो गया। नोटिस वालों में से कुछ ही लोगों ने टैक्स जमा करवाया। लेकिन जिन्होंने टैक्स जमा नहीं करवाया उनके खिलाफ निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की। 

कोटा उत्तर में 60 फीसदी ही जमा हुआ टैक्स
निगम कोटा उत्तर व दक्षिण में गत वित्त वर्ष का यूडी टैक्स का लक्ष्य दस-दस करोड़ रुपए रखा गया था। जिसमें से कोटा दक्षिण में तो 98 फीसदी से अधिक 9.81 करोड़ रुपए टैक्स जमा हो चुका है। जबकि कोटा उत्तर में करीब 58 फीसदी 5.79 करोड़ रुपए ही टैक्स जमा हो सका है। कोटा उत्तर  में करीब 40 फीसदी से अधिक टैक्स जमा नहीं हुआ।  नगरीय विकास कर वसूल कर रही निजी फर्म से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा उत्तर में 1635 सम्पतियां कर के दायरे में है। जिनमें आवासीय 517 व व्यवसायिक 443 सम्पतियां है। जिनके द्वारा टैक्स जमा कराया गया है। वहीं कोटा दक्षिण में 2427 सम्पतियां हैं जिनके द्वारा टैक्स जमा कराया गया है। उनमें 1037 आवासीय व 506 व्यवसायिक सम्पतियां है।

छूट नहीं, सजा का हो प्रावधान
छावनी निवासी राकेश नायक का कहना है कि सरकारी सिस्टम गलत है। जो समय पर टैक्स जमा नहीं करवा रहा है उसे हर साल ब्याज पेनल्टी में छूट दी जा रही है। जबकि उन्हें सजा या दोगुनी ब्याज पेनल्टी वसूल की जानी चाहिए।  प्रताप नगर बोरखेड़ा निवासी अरुण वर्मा का कहना है कि समय पर टैक्स जमा करवाने वालों को विभाग की ओर से सम्मानित किया जाना चाहिए। जिससे टैक्स जमा नहीं करवाने वालें भी प्रेरित हो। जबकि सरकार का नियम उल्टा है। टैक्स जमा नहीं करवाने वालों को छूट दी जाती है। जिससे ऐसे लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्हें पता है कि सरकार को टैक्स वसूल करना है तो उन्हें छूट मिलेगी। वे मार्च के महीने का इंतजार करते है।

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नगर निगम की ओर से फरवरी मार्च में टैक्स जमा नहीं करवाने वाले करदाताओं को नोटिस जारी किए गए थे। लेकिन उसमें से कई लोगों ने टैक्स जमा करवा दिया। इस कारण से सख्ती नहीं की गई। अब नया वित्त वर्ष चालू हो गया है। जिसमें पहली तिमाही में टैक्स जमा करवाने वालों को 10 फीसदी व दूसरी तिमाही में टैक्स जमा करवाने वालों को मूल टैक्स डिमांड में 5 फीसदी की छूट दी जा रही है। समय पर टैक्स जमा करवाने वाले सरकारी परेशानी से बचे रहते है। जबकि टैक्स जमा नहीं करवाने वालों पर सरकारी सख्ती की तलवार हमेशा लटकी रहती है। 
- महावीर सिंह सिसोदिया, उपायुक्त नगर निगम कोटा उत्तर 

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