350 प्रजातियों के फूलों से महका हार्ट बाजार, पौधों ने मोहा मन
हाट बाजार में बसा फूलों का संसार
350 प्रजातियों के फूलों की दिलकश प्रदर्शनी ने मोहा मन, परिवार के साथ फूलों की दुनिया से रुबरू हुए शहरवासी
कोटा। सर्दी की गुनगुनी धूप में खूबसूरत फूलों का साथ मिले तो भला कौन उन्हें निहारना व छूना पसंद नहीं करेगा। वो फूल अगर पिटुनिया, रैनन कुलस, फाइकस आइसलैंड लेंटन हिविस्कर हो तो रंगों से दोस्ती और खुशबू से याराना हो ही जाता है। मन करता है, प्रकृति के रचयिता की इन अनोखी कृतियों को निहारते ही रहें और ढेरों बातें करें। कुछ ऐसा ही नजारा शुक्रवार को किशोर सागर स्थित ग्रामीण हाट बाजार में देखने को मिला। यहां अजब-गजब फूलों का बसा संसार हर किसी को लुभा रहा था। मनमोहक भीनी-भीनी खुशबू मानो, धरती पर स्वर्ग का अहसास करा रही हो। ऐसे दिल को छू जाने वाले नजारे कोटा होर्टिकल्चर सोसायटी की ओर से आयोजित तीन दिवसीय फ्लावर एग्जीबिशन में देखने को मिले। फूलों की प्रदर्शनी में चारों ओर नजर घूमाकर देखें तो दिलकश नजारे जन्नत का अहसास करा रहे थे। पेश है खबर के प्रमुख अंश....
350 प्रजातियों के फूलों से महका हार्ट बाजार
कोटा होर्टिकल्चर सोसायटी की ओर से आयोजित एग्जीबिशन के पहले दिन हाट बाजार में 350 प्रजातियों के 7.50 हजार से ज्यादा पौधों की प्रदर्शनी लगाई गई। एक तरफ सैंकड़ों प्रजाति के खूबसूरत एवं सुगंधित फूल बरबस राहगिरों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे। यहां पर दुर्लभ पौधे, बोनसाई, औषधीय महत्व के पौधों की प्रदर्शनी के नजारे को दर्शकों ने खूब सराहा।
फूलों से सजे इन वैरायटीज के पौधों ने मोहा मन
- रैनन कुलस : होर्टीकल्चर सोसायटी के सचिव राजीव अग्रवाल ने बताया कि यहां प्रदर्शनी में अधिकतर विंडर सीजन के पौधे हैं। रैनन कुलस इनमें से एक है। यह इस पौधे की खासियत यह है कि इसमें 25 तरह से अलग-अलग रंग के फूल आते हैं, जो दिखने में गुलाब से भी ज्यादा खूबसूरत होते हैं।
- जिंस पेंट में लगा पिटुनिया रहा आकर्षण का केंद्र : पुष्प प्रदर्शनी में बेंच पर बैठे होने की मुद्रा में जिंस पेंट में डेकोरेटेड किया गया फूलों से सजा पिटुनिया पौधा लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। पिटुनिया प्लांट्स की यहां 30 से 40 तरफ की वैराइटीज देखने को मिली। इसमें अलग-अलग रंगों के दिलकश फूल आते हैं।
- सूर्ख लाल फूलों का गुलदस्ता सालविया : सोसायटी के सदस्य राज पुनिया ने बताया कि इस पौधे में सूर्ख लाल रंग के गुलदस्तेनुमा फूल आते हैं। सालविया विंटर प्लांट है। यदि, अक्टूबर में लगाएंगे तो सितम्बर से फूल आना शुरू हो जाते हैं।
- स्टॉक फ्लावर : इस पौधे में 7 से 8 रंग के फूल आते हैं। इसे अक्टूबर में लगाएं तो मार्च मध्य तक फूल आना शुरू हो जाते हैं। इसके सफेद फूल देखने में आकर्षक होते हैं।
- फाइकस आइसलैंड : यह पौधा पत्थर पर लगा होने से प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र रहा। सोसायटी की सदस्य निविदा पारीक ने बताया कि यह पौधा बड़ा होने पर विशाल वृक्ष बनता है और इसका घनत्व अधिक होता है।
- 30 से 45 साल के एडिनियम बोनसाई पौधे : प्रदर्शनी में 30 से 45 साल तक के एडिनियम बोनसाई पौधे हैं। इनकी यहां 4 वैराइटियां हैं। इसमें गर्मियों में फूल आते हैं, वह भी एक ही रंग के। इसकी जड़ों व तने के कारण अन्य पौधों से हटकर होता है।
- फाइकस प्लांट्स: सोसाइटी की मैंबर निविदिता पारीक ने बताया कियह पौधा बड़ा होने पर पीपल या बरगद की तरफ विशालकाय फैलाव लेता है। घनत्व अधिक रहता है।
जापान में वसीयत के रूप में देते पौधे
जिस तरह भारत में परिवार के बड़े-बुजुर्ग अपने बच्चों को वसीयत में घर, जमीन व जायदाद देते हैं, उसी तरह जापान में पौधे दिए जाते हैं। यह नेचर के प्रति उनकी दिलचस्पी व जागरूकता को दर्शाता है। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य भी लोगों को पेड़-पौधे और फूलों के संरक्षण के प्रति जागरूक करना है।
-राजीव अग्रवाल, सचिव कोटा होर्टिकल्चर सोसायटी
350 वैराइटियों के 7.50 हजार से ज्यादा पौधे
प्रदर्शनी में कुल 350 प्रजातियों के 7 हजार 500 से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं। इसका उद्देश्य लोगों को प्रकृति के प्रति अवेयर करना है। सोसायटी के पास बौनसाइ पौधों का अच्छा कलेक्शन है। यहां एडिनियम व केकटस पौधों की कई ज्यादा दुलर्भ प्रजातियां हैं। प्रदर्शनी में अधिकतर विंटर प्लांट्स है। आगामी दिनों में गर्मियों के सीजन में फिर से एग्जीबिशन लगाई जाएगी। जिसमें गर्मियों के सीजन के पौधे लाए जाएंगे। प्रदर्शनी में सुबह से रात 8 बजे तक करीब 15 से 20 शहरवासी शिरकत कर चुके हैं।
-सलीम खान, अध्यक्ष कोटा होर्टिकल्चर सोसायटी
Comment List