सरकार दे रही स्कूल आने-जाने का भी किराया

बुनियादी व बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयास : 1688 स्टूडेंट्स को मिलेंगे 55.32 लाख, समग्र शिक्षा ने जारी किया ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना का पैसा

सरकार दे रही स्कूल आने-जाने का भी किराया

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के स्कूल आने जाने का खर्चा सरकार उठा रही है। कोटा जिले में योजना के तहत कुल 1 हजार 688 विद्यार्थियों को 55.32 लाख से ज्यादा स्कूल आने-जाने का किराया मिलेगा। समग्र शिक्षा ने इसके लिए बजट भी जारी कर दिया है।

कोटा ।  दूर-दराज के क्षेत्रों से सरकारी स्कूलों में पहुंचने वाले बच्चों के लिए सरकार की ओर से ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना चलाई जा रही है। जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले विद्यार्थियों को घर से स्कूल आने-जाने के लिए यात्रा भत्ता यानी किराया दिया जाता है। कोटा जिले में योजना के तहत कुल 1 हजार 688 विद्यार्थियों को 55.32 लाख से ज्यादा स्कूल आने-जाने का किराया मिलेगा। समग्र शिक्षा ने इसके लिए बजट भी जारी कर दिया है। यह पैसा प्रत्येक ब्लॉक  के सीबीईओ को दे दिया गया है। यहां से वेरिफिकेशन होने के बाद संबंधित स्कूलों के प्राचार्य के माध्यम से बच्चों को दिया जाएगा। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के स्कूल आने जाने का खर्चा सरकार उठा रही है। जिससे अभिभावक ों को काफी राहत मिल रही है। विद्यार्थियों को यह पैसा वित्तीय वर्ष अप्रेल 2022 से मार्च 2023 तक 234 दिन उपस्थिति के हिसाब से दिया जाना है। 

12वीं तक के विद्यार्थियों को यूं मिलता है पैसा
ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना के तहत कक्षा 1 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को सरकार की ओर से तीन केटेगिरी में किराया भत्ता दिया जाता है। इसमें कक्षा 1 से 5वीं तक के बालक-बालिकाओं को घर से 1 किमी दूर स्कूल आने-जाने के लिए 10 रुपए किराया भत्ता दिया जाता है। इसी तरह कक्षा 6 से 8वीं के बच्चों को 2 किमी से अधिक दूरी पर 15 रुपए तथा कक्षा 9 से 12वीं की छात्राओं को 5 किमी दूर स्कूल आने-जाने के लिए 20 रुपए प्रतिदिन उपस्थिति के आधार पर दिए जाते हैं। पहले यह योजना केवल 9 से 12वीं तक की बालिकाओं के लिए ही थी लेकिन वर्ष 2017-18 में सरकार ने इसका दायरा बढ़ाते हुए कक्षा 1 से 8वीं के बालक-बालिकाओं को भी शामिल कर लिया है। 

9वीं से 12वीं तक की 411 बालिकाओं को मिलेगा 19 लाख से ज्यादा किराया 
वित्तीय वर्ष 2022-23 में कक्षा 9वीं से 12वीं की 411 बालिकाएं योजना में चयनित हुई हैं। जिन्हें 20 रुपए प्रतिदिन उपस्थिति के आधार पर कुल 19 लाख 23 हजार 480 रुपए दिए जाएंगे। गत वर्ष 12 दिसम्बर को समग्र शिक्षा विभाग ने 259 बालिकाओं के लिए 12 लाख 12 हजार 120 रुपए यात्रा भत्ता स्वीकृत किए थे। वहीं, 6 जनवरी 2023 को 152 बालिकाओं को चयनित करते हुए विभाग ने 7 लाख 11 हजार 360 रुपए का बजट जारी किया है। इस तरह से 411 बेटियों को 19 लाख 23 हजार 480 रुपए स्कूल आने जाने का किराया मिलेगा। 

1 से 8वीं विद्यार्थियों में बंटेंगे 35.39 लाख रुपए
जिले के पांच ब्लॉक इटावा, खैराबाद, लाडपुरा, सांगोद तथा सुल्तानपुर के सभी राजकीय स्कूलों में कक्षा 1 से 8वीं तक के 1258 बालक-बालिकाओं को 35 लाख 39 हजार 40 रुपए किराया मिलेगा। इनमें कक्षा 1 से 5वीं तक के कुल 356 विद्यार्थियों को 10 रुपए प्रतिदिन 234 कार्य दिवस (उपस्थिति) के हिसाब से 8 लाख 33 हजार 40 रुपए मिलेंगे। वहीं, कक्षा 6 से 8वीं तक के कुल 902 विद्यार्थियों को 27 लाख 6 हजार रुपए किराया मिलना है। 

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संस्कृत शिक्षा के 19 स्टूडेंट्स को मिलेंगे 69 हजार
समग्र शिक्षा ने बुधवार को संस्कृत शिक्षा के 19 पात्र विद्यार्थियों की सूची जारी की है। जिसमें कक्षा 1 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स शामिल हैं। इन्हें योजना के तहत कुल 69 हजार 780 रुपए यात्रा भत्ता दिया जाएगा। इसमें कक्षा 1 से 8वीं तक के 11 बालक-बालिकाओं को 32 हजार 340 रुपए तथा कक्षा 9 से 12वीं तक की 8 बालिकाओं को 37 हजार 440 रुपए मिलेंगे। 

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इन्हें नहीं मिलेगा लाभ
कक्षा 9 से 12वीं की बालिकाएं जो किसी भी वर्ष में नि:शुल्क साइकिल योजना से लाभाविंत हुई हैं,उन्हें ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना का लाभ नहीं मिलेगा। विदित रहे, सरकार की ओर से हर वर्ष बालिकाओं को घर से स्कूल आने जाने के लिए साइकिल वितरित की जाती है। 

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किराए की चिंता से मुक्त अभिभावक
कोटा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जो घर से न्यूनतम एक किमी से अधिक दूरी पर हैं। जिसके कारण कई बच्चे स्कूल नहीं जा पाते और वे बुनियादी शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। वहीं, बेटियों को सेकंडरी व सीनियर सेकंडरी स्कूलों में पढ़ने के लिए दूरी तय करनी पड़ती है। कई अभिभावक बेटियों के स्कूल आने-जाने का खर्चा उठाने में सक्षम नहीं होते। जिसकी वजह से बेटियों की पढ़ाई बीच में ही छूट जाती है। इन परेशानियों के चलते सरकार ने ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना शुरू कर अभिभावकों को किराए की चिंता से मुक्त कर दिया। बच्चों के स्कूल आने जाने का खर्चा सरकार स्वयं वहन कर रही है। 

प्रत्येक बच्चे को शिक्षा से जोड़ रही सरकार
दूर दराज से सरकारी स्कूल तक पहुंचने वाले कक्षा 1 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना का लाभ दिया जा रहा है।  बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का सरकार का सराहनीय प्रयास है। क्वालिटी एजुकेशन के साथ सरकार अभिभावकों को संबल भी प्रदान कर रही है। वित्तीय वर्ष अप्रेल 2022 से मार्च 2023 तक 1688 पात्र विद्यार्थियों को चयनित किया है। जिन्हें 55 लाख 32 हजार 300 रुपए किराया भत्ता दिया जा रहा है। वितरण के लिए जिले के प्रत्येक ब्लॉक के सीबीईओ को राशि भेज दी गई है। जल्द ही विद्यार्थियों को यात्रा भत्ता का पैसा मिल जाएगा। 
-ऊषा पंवार, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक अधिकारी, समग्र शिक्षा कोटा

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