असर खबर का : एक साल बाद हुई कोटा उत्तर की बजट बोर्ड बैठक चढ़ी हंगामे की भेंट, बजट पारित
हंगामे के बीच बिना पढ़े पारित हुआ 701 करोड़ की आय का बजट
एक साल बाद बोर्ड बैठक हो रही है। बैठक में पहले सभी पार्षदों की बात और उनकी समस्याओं को सुना जाए।
कोटा । नगर निगम कोटा उत्तर की बजट बोर्ड बैठक बुधवार को हंगामेदार रही। करीब आधा घंटे चली बैठक में हंगामे के बीच ही 701.35 करोड़ रुपए की आय और 697.84 करोड़ के व्यय का बजट पारित कर दिया गया। हालांकि कांग्रेस पार्षदों का आरोप है कि महापौर ने बिना पढ़ी ही बजट पारित कर दिया। पार्षदों की बात सुने बिना बैठक समाप्त करने पर कांग्रेस पार्षदों ने ही महापौर का उनके कक्ष में और गाड़ी का घेराव कर विरोध जताया। नगर निगम के राजीव गांधी प्रशासनिक भवन स्थित सभा कक्ष में महापौर मंजू मेहरा की अध्यक्षता में बैठक दोपहर 3 बजे शुरु हुई। बैठक शुरु होने पर महापौर बजट एजेंडे को पढ़ती उससे पहले ही उप महापौर सोनू कुरैशी ने बोलना शुरु कर दिया। उन्होंने कहा कि एक साल बाद बोर्ड बैठक हो रही है। बैठक में पहले सभी पार्षदों की बात और उनकी समस्याओं को सुना जाए। उसके बाद ही बजट पारित किया जाए। उनकी इस बात का भाजपा पार्षदों ने विरोध किया। भाजपा पार्षदों ने कहा कि यह बजट बैठक है। पहले बजट पारित होगा उसके बाद पार्षदों की बात सुनी जाए। इस पर कांग्रेस पार्षद विरोध करने लगी। तभी नेता प्रतिपक्ष लव शर्मा ने कहा कि चार साल तक ऐसा ही होता आया है। पहले बजट पारित होता है उसके बाद पार्षद अपनी बात रखते है। इस बात पर सत्ता व विपक्ष दोनों तरफ से पार्षद अपनी सीटों पर खड़े होकर जोर-जोर से बोलने लगे। जिससे हंगामा शुरु हो गया। एक बार शुरु हुआ हंगामा पूरी बैठक के दौरान होता रहा। कोई भी पार्षद सही ढंग से न तो अपनी बात रख सका और न ही किसी पार्षद को बोलने का मौका मिला। जिससे नाराज होकर कई पार्षदों ने बजट की कॉपी को फाडकर हवा में उछाल दिया।
कांग्रेस पार्षदों ने लगाए भ्रष्टाचार व तानाशाही के आरोप
हंगामे के बीच उप महापौर सोनू कुरैशी व अन्य कांग्रेस पार्षद ने हाथो में नारे लिखे फ्लेक्स लेकर नारेबाजी शुरु कर दी। उप महापीर ने नारे लगाए कि निगम में भ्रष्टाचार बंद करोे तानाशाही बंद करो। संविधान की पालना करो। कांग्रेस की ओर से नारेबाजी होने पर भाजपा पार्षदों ने भी जयश्रीराम के नारे लगाने शुरु कर दिए। जिससे पूरे समय हंगामा होता रहा। उप महापौर व कांग्रेस पार्षद महापौर के डायस के सामने आ गए और उप महापौर मेज पर चढ़कर नारेबाजी करने लगे। करीब आधा घंटे में ही हंगामे के बीच महापौर ने बजट को पढ़ा हुआ बताया। इसी दौरान 3.30 बजे राष्ट्रगान शुरु हो गया और बैठक समाप्त हो गई।
701.35 करोड़ का बजट बिना चर्चा हुआ पारित
नगर निगम कोटा उत्तर द्वारा आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अनुमानित 701.35 करोड़ ौपए की आय व 697.84 करोड़ रुपए व्यय का बजट तैयार किया गया था। जिस पर पार्षदों से चर्चा होकर उसे पारित करना था। लेकिन बैठक में हंगामे के बीच बिना चर्चा के ही बजट को पारित होना बता दिया। महापौर मंजू मेहरा का कहना है कि बजट की प्रति पूर्व में ही सभी पार्षदों को उपलब्ध करवा दी गई थी। उन्होंने बैठक में बजट पढ़ा और पारित किया गया। जबकि कांग्रेस पार्षदों का आरोप है कि महापौर ने बजट पढ़ा ही नहीं। बिना पढ़े बजट पारित कर दिया गया जो गलत है।
कांग्रेस पार्षदों ने किया महापौर का घेराव
आधा घंटे में ही बजट बैठक समाप्त कर महापौर अपने कक्ष में आकर बैठक गई। उनके साथ ही कांग्रेस पार्षद भी वहां आ गए और महापौर का घेराव कर दिया। 15 मिनट तक महिला पार्षदों ने महापौर को जमकर खरी खोटी सुनाई। इसके बाद महापौर पार्षदों के बात सुने बिना गाड़ी से जाने लगी तो महिला पार्षद उनकी गाड़ी के आगे आकर खड़ी हो गई और उन्हें जाने नहीं दिया। यहां पार्षदों ने नारेबाजी की। हंगामा होने पर आखिरकार महापौर को गाड़ी से उतरना पड़ा और वापस अपने कक्ष में जाना पड़ा। काफी देर फिर से हंगामा होने के बाद सवा चार बजे महापौर निगम कार्यालय से रवाना हो गई।
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