मौसमी बीमारियों का खतरा और पानी की मारामारी

कोटा उत्तर वार्ड 29 : नालियों की नहीं हो रही सफाई, उधड़ी पड़ी सड़कें

मौसमी बीमारियों का खतरा और पानी की मारामारी

क्षेत्र में आबादी बसे बरसों बीत गए इसके बावजूद विकास नहीं हो रहा। कई कॉलोनियों में पानी की पाइप लाइन नहीं है और जहां है वहां नलों में पानी नहीं आ रहा।

कोटा। नांता इलाके में प्रवेश करते ही कस्बे का अहसास होता है। उधड़ी सड़कों पर दिनभर धूल का गुबार, पानी की मारामारी और जगह-जगह गंदगी के ढेर के बीच स्मार्ट सिटी का विकास नजर नहीं आता। क्षेत्र में आबादी बसे बरसों बीत गए इसके बावजूद विकास नहीं हो रहा। कई कॉलोनियों में पानी की पाइप लाइन नहीं है और जहां है वहां नलों में पानी नहीं आ रहा। हालात यह है, पानी के लिए रात दिन मोटर चलाना लोगों की मजबूरी बन गई। वहीं, बिजली के बढ़ते बिल मुसीबत बने हुए है। कोटा उत्तर नगर निगम के वार्ड 29 के लोग मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं। नालियों की नहीं हो रही सफाई नालियां गंदगी से अटी पड़ी है। दुगंध से लोगों का यहां से गुजरना तक मुश्किल हो गया। सफाईकर्मी वार्ड के मुख्य मार्गों पर ही सफाई करते हैं लेकिन कॉलोनियों में नहीं आते। ऐसे में स्थानीय लोग पैसे देकर ही नालियों की सफाई करवाते हैं। इलाके में ड्रेनेज सिस्टम नहीं है। -रामकुमार गुर्जर पानी की पाइप लाइन ही नहीं डली करणी स्कूल के पीछे गुर्जर मोहल्ले में पानी की पाइप लाइन ही नहीं बिछाई गई। लोगों को बोरिंग का पानी पीना पड़ता है। वहीं, जिन कॉलोनियों में पाइप लाइन हैं वहां जलापूर्ति धीमी गति से होती है। ऐसे में दिन-रात मोटर चलाकर जरूरत का पानी एकत्रित करना पड़ता है। जिससे बिजली का बिल अधिक आ रहा है। पार्षद से शिकायत के करते हैं तो सुनवाई नहीं होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। - मोहन सैनी अधिकारी नहीं सुनते वार्ड 29 की आबादी 5 हजार से ज्यादा है। जिसके मुकाबले हमारे पास पर्याप्त संसाधन नहीं है। नगर निगम, यूआईटी और जलदाय विभाग से जुड़ी इलाके में कई समस्याएं हैं। समाधान के लिए तीनों कार्यालयों में चक्कर काटे, अधिकारियों से समाधान की गुहार लगाई लेकिन सुनवाई नहीं होती। गुर्जर मोहल्ला, सहकारी गोदाम के पीछे वाले इलाके में पानी की पाइप लाइन डलवाने के लिए जलदाय विभाग के जेईएन व एक्सईएन को गत वर्ष प्रस्ताव बनाकर दिए थे। इसके बावजूद आज तक पाइप लाइन नहीं डली। वहीं, 15 सफाईकर्मी हैं, जबकि जरूरत 25 की है। वहीं, कचरा संग्रहण के लिए 2 टीपर आते है, लेकिन गली-मोहल्लों में नहीं जाते। इसकी लिखित शिकायत महापौर से करने के बावजूद सुधार नहीं हो रहा। बीजेपी पार्षद होने के नाते वार्ड को विकास से वंचित रखा जा रहा है, जो सही नहीं है। -कुसुम, पार्षद वार्ड 29

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