रेलवे अंडरपास में टपकता पानी, उधड़ी सड़कों से राहगीर बेहाल, बारिश में आवागमन हो जाता है ठप
रहवासी बोले-जब से अंडरपास बना तब से सीलन
करीब पचास हजार से ज्यादा की आबादी होने के बावजूद प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
कोटा। रेलवे कॉलोनी क्षेत्र का अंडरपास इन दिनों शहरवासियों के लिए मुसीबत का दूसरा नाम बन गया है। बरसात के मौसम में यहां से गुजरने वाले राहगीरों के सिर पर लगातार पानी टपकता रहता है। वहीं दूसरी ओर, अंडरपास से सटे मार्गों की हालत पिछले एक साल से भी अधिक समय से बदहाल बनी हुई है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि करीब पचास हजार से अधिक आबादी इस इलाके में निवास करती है, लेकिन फिर भी उन्हें मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है। रेलवे कॉलोनी अंडरपास की समस्या कोई नई नहीं है। करीब दस सालों से यहां के लोग इस परेशानी के साथ जी रहे हैं। अब सवाल यह है कि कब तक जिम्मेदार विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टालते रहेंगे। स्थानीय निवासी मिर्जा खलील बेग बताते हैं कि यह अंडरपास दस-ग्यारह साल पहले का बना हुआ है जब से बना है, तभी से पानी टपकने की समस्या बनी हुई है। हर साल बरसात में यही हाल होता है। रेलवे प्रशासन से कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। उन्होंने बताया कि बारिश ज्यादा होती है तो यह अंडरपास लबालब भर गया था। आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया था। स्कूली विद्यार्थी और दफ्तर जाने वाले लोगों को लंबा चक्कर लगाकर दूसरे रास्ते से जाना पड़ता है।
क्षतिग्रस्त सड़कें बनीं लोगों की मुसीबत
अंडरपास से जुड़े मार्गों की स्थिति भी किसी मुसीबत से कम नहीं है। क्षेत्र की सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिनमें हल्की बारिश के बाद ही पानी भर जाता है। कृष्णा नगर, सुंदर नगर, रंग तालाब, काला तालाब, न्यू रेलवे कॉलोनी और लोको कॉलोनी जैसे इलाकों में रहने वाले लोग रोजाना इस समस्या से जूझ रहे हैं। इन इलाकों से होकर गुजरने वाले लगभग एक हजार से अधिक लोग हर दिन आवाजाही करते हैं। टूटी सड़कों और जलभराव के कारण यहां चलना भी दूभर हो गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई बार दोपहिया वाहन चालक गड्ढों में फंसकर गिर चुके हैं, जिससे चोटें भी लगी हैं।
यहां से गुजरने वाले राहगीरों को लगता है डर
अंडरपास के ऊपर से रेलवे प्लेटफार्म नंबर 1 और 4 का कुछ हिस्सा गुजरता है। इन प्लेटफार्मों से लंबी दूरी की गाड़ियां लगातार आती-जाती रहती हैं। ऐसे में अंडरपास से गुजरने वालों के ऊपर पानी टपकने के साथ हादसे का खतरा भी बना रहता है। रात के समय स्थिति और भी भयावह हो जाती है। रेलवे लोको कॉलोनी में सड़क के दोनों तरफ रोड़ लाइटे 5-6 माह से बंद है, वहॉं से गुजरने वाले राहगीरों को हादसे का अंदेशा बना रहता है। गश्त की कमी के कारण असामाजिक तत्वों की गतिविधियां बढ़ जाती हैं। कई वाहन चालक अंधेरे और उबड़-खाबड़ सड़कों के कारण गिर चुके हैं। आसपास के लोग बताते हैं कि पिछले एक वर्ष में यहां कई छोटे-बड़े हादसे हो चुके हैं। रेलवे के खाली मैदानों में हमेशा पानी भरा रहता है।
रेलवे को लेना होगा जिम्मा
अगर यह क्षेत्र रेलवे के अधीन है तो रेलवे को ही इसकी देखरेख करनी चाहिए। अंडरपास और सड़कों की मरम्मत तत्काल की जाए ताकि लोगों को राहत मिले। हमने कई बार शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन हर बार यही जवाब मिला कि रेलवे क्षेत्र में कार्य नहीं हो सकता। क्या हम रेलवे क्षेत्र के नागरिक नहीं हैं.. टैक्स हम देते हैं, लेकिन सुविधाएं नहीं मिलतीं।
- सुनीता शर्मा, रहवासी
प्रशासनिक उदासीनता पर उठे सवाल
रेलवे कॉलोनी क्षेत्र में सफाई, सड़क और जल निकासी जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव प्रशासनिक उदासीनता को उजागर करता है। एक ओर कोटा स्मार्ट सिटी के रूप में आगे बढ़ने का दावा किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर शहर के बीचोंबीच स्थित यह कॉलोनी बदहाली का प्रतीक बन चुकी है। स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र समाधान नहीं निकाला गया, तो वे रेलवे कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे।
रेलवे और निगम दोनों संयुक्त कार्य करें
इस समस्या का स्थायी समाधान तभी संभव है जब रेलवे और नगर निगम मिलकर संयुक्त कार्य योजना बनाएं। अंडरपास की मरम्मत, जल निकासी और सड़क पुनर्निर्माण जैसे कार्यों के लिए संयुक्त बजट आवंटन जरूरी है। क्षेत्रवासियों की सुविधा के लिए दोनों को मिलजुलकर कार्य करना होगा।
- मिर्जा खलील बेग, रहवासी, कृष्णा नगर
लोगों ने खुद जुटाए पैसे, मिट्टी डाल बनाया मार्ग
क्षेत्रवासियों ने अपने स्तर पर समाधान की कोशिश भी की। उन्होंने कॉलोनी के लोगों से पैसे एकत्रित कर मिट्टी डलवाकर एक मार्ग में जमा पानी में मिट्टी डलवाकर तैयार किया है, ताकि आने-जाने वालों को कुछ राहत मिल सके। हालांकि यह रास्ता भी अस्थायी है और बारिश होने पर वह भी दलदल में बदल जाता है। निवासियों का कहना है कि प्रशासन और पार्षद को कई बार लिखित व मौखिक रूप से समस्या से अवगत करवाया गया, लेकिन जवाब हमेशा यही मिला कि रेलवे का क्षेत्र है, हमारी सीमाएं नहीं हैं।
- अनिल माथुर, रहवासी
इनका कहना है
रेलवे कॉलोनी का क्षेत्र मेरे वार्ड के अधीन है। रेलवे अंडरपास की छत में सीलन व पानी टपकने की समस्या रेलवे को अवगत करवा देंगे।
- बशीर मोहम्मद, वार्ड पार्षद
क्षेत्र में जो भी समस्या हैं हम इंजीनियर से दिखवा लेंगे। क्षेत्रवासी वाट््सएप पर भी समस्या भेजते है तो उनको जरूर प्राथमिकता देंगे।
- अनिल कालरा, डीआरएम, कोटा

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