यह कैसा अभियान: एक तरफ तो फुटपाथ से हटा रहे, दूसरी तरफ बैठा रहे
जयपुर गोल्डन स्थित तालाब किनारे फुटपाथ पर जमे सामान बेचने वाले
सड़क संकरी होने से तेज गति से आने वाले अन्य वाहनों से हादसों का खतरा तो बना हुआ ही है। साथ ही यातायात में भी बाधा होने लगी है।
कोटा। शहर में एक तरफ तो सड़क किनारे व फुटपाथ से अतिक्रमण हटाने के जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों द्वारा निर्देश दिए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ फुटपाथ पर ही लोगों को रोजगार करने की जगह देकर बैठाया जा रहा है। यह मामला है तालब किनारे जयपुर गोल्डन क्षेत्र का। जैन दिवाकर अस्पताल से लेकर जयपुर गोल्डन पार्किंग के सामने तालाब किनारे फुटपाथ पर इन दिनों बड़ी संख्या में फुटकर सामान बेचने वाले बैठने लगे हैं। कपड़ों से लेकर जूते चप्पल तक, खिलौनों से लेकर प्लास्टिक का सामान और गृहस्थी के सामान तक यहां बेचे जा रहे है। हालत यह है कि मेन रोड पर होने से यहां दुकानें लगने से ग्राहक आ रहे है। वे अपने वाहन सड़क पर ही खड़े कर रहे हैं। जिससे सड़क संकरी होने से तेज गति से आने वाले अन्य वाहनों से हादसों का खतरा तो बना हुआ ही है। साथ ही यातायात में भी बाधा होने लगी है। कुछ समय पहले तक यह जगह खाली रहती थी। यहां पहले कचरा पाइंट था। जिसे निगम ने खत्म किया। उसके बाद केडीए की ओर से यहां छतरी बनाई गई है। लेकिन हालत यह है कि उस जगह पर फुटकर दुकानें लगने से पैदल चलने वालों की जगह तो समाप्त हुई है। साथ ही हादसों का भी खतरा बढ़ गया है।
लोकसभा अध्यक्ष ने दिए थे कार्रवाई के निर्देश
कोटा प्रवास के दौरान गत दिनों लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अधिकारियों की बैठक ली थी। जिसमें उन्होंने सड़क किनारे, फुटपाथ पर व अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उनके निर्देश की पालना में दो दिन पहले कोटा दक्षिण आयुक्त ने उत्तर व दक्षिण के अधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक ली थी। जिसमें अतिक्रमण हटाने व फुटपाथ को खाली करवाकर नो वेंडिंग जोन बनाने के निर्देश दिए थे।
घंटाघर, सब्जीमंडी चर्च चौराहे पर लगती थी दुकानें
जानकारों के अनुसार अभी जो तालाब किनारे दुकानें लगी हैं ये पहले घंटाघर और सब्जीमंडी में सीएनआई चर्च तिराहे पर लगती थी। लेकिन कुछ समय पहले नगर निगम द्वारा घंटाघर व उसके आस-पास से अतिक्रमण हटाया गया था। वहां जमीन पर बैठने वालों को वहां से हटाकर व्यवस्थित तरीके से पाटे लगाकर व लाइन के भीतर ही बैठने के निर्देश दिए गए। ऐसे में कुछ दुकानदार तो वहां सैट हो गए। लेकिन जिन्हें जगह नहीं मिली वे जयपुर गोल्डन के सामने तालाब किनारे फुटपाथ पर जाकर बैठ गए। जानकारों का कहना है कि इन्हें नगर निगम द्वारा ही यहां बैठाया गया है।
हटाने के बाद फिर आए
शहर में यह पहला स्थान नहीं हैं जहां मुख्य मार्ग पर सड़क किनारे व फुटपाथ पर फुटकर सामान बेचने वाले बैठे हों। नयापुरा में सीबी गार्डन से लेकर चम्बल टूरिस्ट रोड, जेडीबी कॉलेज के आस-पास, बड़ तिराहा स्थित बस स्टैंड के पास, झालावाड़ रोड, डीसीएम रोड पर नई धानमंडी से संजय नगर आरओबी तक यही हालत है। कहीं गन्ने के रस के तो कहीं फल के ठेले लगे हुए हैं। कहीं खिलौने बेचने वालों ने तो कहीं गर्मी से राहत के लिए धूप के चश्मे, रूमाल व स्कार्फ बेचने वालों ने अपनी दुकानें जमा रखी है। जिनसे भी यातायात बाधित हो रहा है। इन दुकानदारों के खिलाफ नगर निगम और कोटा विकास प्राधिकरण का जाब्ता कई बार कार्रर्वा कर उन्हें वहां से हशा चुका है। लेकिन उसके बाद वे फिर से उसी जगह पर आकर बैठ रहे हैं।
इनका कहना है
नगर निगम तो अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। उन्हें फुटपाथ व सड़क किनारे से हटा रहा है। ऐसे में निगम कैसे किसी को अतिक्रमण करने दे सकता है। अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। स्टेशन क्षेत्र के अलावा अब जयपुर गोल्डन समेत कई जगह को नो वेंडिंग जोन घोषित किया जाएगा। जिससे उन्हें वहां से हटना पड़ेगा। बुधवार को टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक है। जिसमें भी कई निर्णय किए जाएंगे। हालांकि ऐसे लोगों के लिए वेंडिंग जोन चिन्हित कर उन्हें वहां शिफ्ट किया जाएगा। जिससे उनका भी नुकसान नहीं हो और किसी को परेशानी भी नहीं हो।
-अशोक त्यागी, आयुक्त नगर निगम कोटा उत्तर

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