यह कैसी कम्प्यूटर शिक्षा, 2 साल से नहीं मिली किताबें, किताब ऑनलाइन डाउनलोड कर पढ़ा रहे शिक्षक
जिले के सी. सै. स्कूलों में विद्यार्थी हो रहे परेशान
जिले के 340 राजकीय सीनियर सैकंडरी स्कूलों में पिछले दो साल से विद्यार्थियों को कम्प्यूटर की किताबें नहीं मिली है।
कोटा। जिले के 340 राजकीय सीनियर सैकंडरी स्कूलों में पिछले दो साल से विद्यार्थियों को कम्प्यूटर की किताबें नहीं मिली है। जबकि, 11वीं व 12वीं कक्षा में कम्प्यूटर ऑफ्नल (ऐच्छिक) सब्जेक्ट है। ऐसे में विद्यार्थियों को पढ़ने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हालात यह है, पिछले दो साल से विद्यार्थी बिना किताबों के परीक्षा दे रहे हैं। हालांकि, शिक्षक इंटरनेट से किताब की सॉफ्ट फाइल डाउनलोड कर बच्चों को कम्प्यूटर पढ़ा रहे हैं। इधर, नया शिक्षा सत्र 2025-26 एक जुलाई से शुरू होगा। इस बार भी विद्यार्थियों को किताबें मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे।
कम्प्यूटर टीचर लगाए लेकिन किताबें नहीं दी
कोटा जिले में 340 सीनियर सैकंडरी स्कूल हैं। जिनमें से 236 स्कूलों में 184 कम्प्यूटर अनुदेशक लगाए गए हैं। जहां कक्षा 11वीं व 12वीं में कम्प्यूटर कक्षाएं संचालित होती हैं। लेकिन, विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए किताबें तक उपलब्ध नहीं करवाई गई। जिससे विद्यार्थियों व शिक्षकों को पढ़ने व पढ़ाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पिछले दो साल से इन स्कूलों में कम्प्यूटर की किताबें नहीं पहुंची है।
किताब ऑनलाइन डाउनलोड कर पढ़ाते शिक्षक
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य राम नारायण मीणा ने बताया कि वर्ष 2023 से ही कक्षा 11वीं व 12वीं की कम्प्यूटर किताबें स्कूलों में नहीं आई है। लेकिन, सिलेबस के अनुरूप कम्प्यूटर किताब इंटरनेट पर ऑनलाइन उपलब्ध है, जिसे शिक्षकों द्वारा डाउनलोड कर बच्चों को पढ़ाया जाता है। हालांकि, किताबें प्रिंट होकर निदेशालय से अब तक नहीं मिली है।
कक्षा 1 से 8वीं तक की मिली किताबें
सरकारी स्कूलों में गत वर्ष कक्षा 1 से 8वीं तक की कम्प्यूटर की किताबें आई थी, जिन्हें विद्यार्थियों को वितरित की गई लेकिन कक्षा 11वीं व 12वीं के विद्यार्थियों को अब तक नहीं मिली है। ऐसे में उन्हें कम्प्यूटर के चेप्टर समझने व पढ़ने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालात यह है, गत दो वर्षों से विद्यार्थियों को बिना किताबों के ही परीक्षा दे रहे हैं। हालांकि, शिक्षकों का कहना है, कम्प्यूटर प्रेक्टिकल सब्जेक्ट है, जिसे पढ़ने से ज्यादा प्रेक्टिकल के माध्यम से समझने में आसानी होती है।
52 कम्प्यूटर अनुदेशक के पद खाली
कम्प्यूटर अनुदेशक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राघव पाठक ने बताया कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सरकार ने 6 हजार 123 कम्प्यूटर अनुदेशक लगाए थे। कोटा जिले में 340 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में से 236 में पद स्वीकृत हैं। जिसमें से 184 कम्प्यूटर अनुदेशक कार्यरत हैं, ऐसे में 52 शिक्षकों के पद खाली चल रहे हैं। उन्होंने सरकार से प्रदेशभर में खाली पड़े कम्प्यूटर शिक्षकों के पद भरने की मांग की है ताकि विद्यार्थियों को वर्तमान दौर की आवश्यकता कम्प्यूटर शिक्षा मिल सके।
खस्ताहाल हो रही लैब
नाम न छापने की शर्त पर कुछ स्कूलों के प्रिसिंपल व शिक्षकों ने बताया कि सरकार ने कम्प्यूटर अनुदेशक तो लगा दिए लेकिन बच्चों को पढ़ाने के लिए किताबें ही मुहैया नहीं करवाई। ऐसे में विद्यार्थियों को केवल बेसिक शिक्षा ही दे रहे हैं, वहीं कई विद्यालयों में कम्प्यूटर लैब खस्ताहाल में है। वहीं, सालों पहले बनाई गई लैब में कम्प्यूटर खराब पड़े हैं, जिन्हें सुधरवाया नहीं गया।
क्या कहते हैं विद्यार्थी ?
बाजारों में भी नहीं मिलती किताबें
सरकारी स्कूल की कम्प्यूटर विज्ञान की किताब बाजारों में भी नहंी मिलती। जबकि, प्राइवेट स्कूलों की किताबें उपलब्ध हैं। 11वीं कक्षा में कम्प्यूटर विज्ञान विषय ले रखा है लेकिन बिना किताबों के ही पेपर देने को मजबूर हैं। हालांकि, शिक्षक लैब में प्रेक्टिकल के माध्यम से चैप्टर समझा देते हैं। लेकिन, पेपर में थ्यौरी भी तो लिखनी होती है। किताबों के बिना परेशानी रहती है।
- अशोक मेहता, छात्र इटावा
पिछले साल भी हमें किताबें नहीं मिली थी। इस बार तो 12वीं बोर्ड परीक्षा भी बिना किताब पढ़े ही देनी पड़ी। सरकार को कम से कम किताबें तो उपलब्ध करानी चाहिए।
-अक्षय वैष्णव, छात्र सुल्तानपुर
नहीं आई किताबें
पिछले दो साल से कम्प्यूटर विषय की किताबें नहीं पहुंची हैं। 9वीं से 12वीं की कम्प्यूटर की किताबें नहीं आई है। पिछले साल 1 से 8वीं तक की आ गई थी। कक्षा 9 से 12वीं तक में दो दर्जन छात्रों ने कम्प्यूटर विषय ले रखा है। किताब की सॉफ्ट फाइल ऑनलाइन डाउनलोड कर रखी है, उसी से बच्चों को पढ़ाया जाता है।
- रामनारायण मीणा, प्राचार्य, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय
हर साल कम्प्यूटर विज्ञान की किताबों के लिए विभाग को डिमांड भेजी जाती है। लेकिन, गत दो वर्षों से किताबें नहीं मिली है। किताब के बिना बच्चों को पढ़ने में परेशानी तो होती है लेकिन किताब की सॉफ्ट फाइल ऑनलाइन डाउनलोड कर रखी है, जिससे बच्चों को पढ़ाते हैं।
- अजय चौधरी, कम्प्यूटर अनुदेशक, इटावा विद्यालय
अभी तक कक्षा 9 से 12वीं तक की कम्प्यूटर साइंस की किताबें नहीं मिली है। गत वर्ष भी नहीं आई थी। जैसे ही हमारे पास माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर से किताबें आएंगी, वैसे ही स्कूलों को वितरित कर दी जाएगी।
- राजू कुमार, मुख्य प्रबंधक राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक वितरण केंद्र कोटा
इस संबंध में जानकारी कर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
- योगेश पारीक, मुख्य जिला शिक्षाधिकारी कोटा
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