योग बना खेल तो युवाओं में बढ़ा क्रेज
युवाओं को मिल रहा प्रतिभा दिखाने का मौका
योगासन को खेल का दर्जा मिलने के बाद युवाओं में भी इसका क्रेज बढ़ गया है। केन्द्र व राज्य सरकार ने इसे खेलों की श्रेणी में शामिल कर लिया है। जिससे अब युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा।
कोटा। योग भगाए रोग...यह कहावत काफी समय से प्रचलित है। योग के माध्यम से शरीर को चुस्त व दुरुस्त रखा जा सकता है। अधिकांश लोग योग के साथ ही अपनी दिनचर्या की शुरुआत करते हैं। योग दुनियाभर में लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। मानसिक, शारीरिक समस्याओं और तनाव को कम करने के लिए लोग इसे तेजी से अपना रहे हैं। भारत में भी इसे अहम स्थान मिला हुआ है। योगासन को खेल का दर्जा मिलने के बाद युवाओं में भी इसका क्रेज बढ़ गया है। केन्द्र व राज्य सरकार ने इसे खेलों की श्रेणी में शामिल कर लिया है। जिससे अब युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा।
21 जून को मनाते हैं अन्तरराष्ट्री योग दिवस
भारत सहित दुनियाभर में 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है। इसमें सभी बढ़चढ़ कर शिरकत करते हैं। भारत की पहल पर ही संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अन्तरराष्टÑीय योग दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया था। इसके बाद दुनिया के तमाम देश इस मुहिम में शामिल हो गए। 21 जून के दिन की एक खासियत है कि यह वर्ष 365 दिन में सबसे लंबा दिन होता है और योग ेके निरन्तर अभ्यास से व्यक्ति को लंबा जीवन मिलता है। इसलिए इस दिन को योग दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया गया।
कोटा में युवाओं की बढ़ी भागीदारी
योग के प्रति लोगों के रुझान को देखते हुए केन्द्र सरकार ने वर्ष 2020 में खेल श्रेणी में शामिल करने की घोषणा की थी। इसके बाद केन्द्र व राज्य सरकार ने योग को शिक्षा विभाग के खेल कैलेंडर में शामिल कर लिया है। इससे बच्चों व युवाओं को योग के लिए अच्छा प्लेटफार्म मिल गया। सरकार की तरफ से प्रोत्साहन मिलने के बाद कोटा में योग में युवाओं की भागीदारी निरन्तर बढ़ती गई। वर्तमान में करीब 20 युवा तलवंडी स्थित श्यामाप्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में नियमित योगा क्लास में प्रेक्टिस कर रहे हैं। पहले युवाओं की संख्या कम थी, बाद में युवाओं का कारवां निरन्तर बढ़ता चला गया। यहां पर सुबह व शाम को रोजाना योग की क्लास लग रही है।
इन्होंने बनाई अपनी पहचान
खेलो इंडिया से मान्यता मिलने के बाद योग को लेकर युवाओं में उत्साह बना हुआ है। कोटा के खिलाड़ी टीकम सिंह सोलंकी राष्टÑीय स्तर की प्रतियोगिता में कांस्य पदक हासिल कर चुके हैं। वहीं अन्य खेलों में अपनी प्रतिभा दिखाकर कोटा का नाम रोशन कर चुके हैं। कोटा के अन्य खिलाड़ी पवन चौरसिया भी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में कांस्य पदक हासिल कर चुके हैं। अब यह खिलाड़ी अन्तरराष्टÑीय स्तर पर कोटा का परचम लहराने की तैयारी कर रहे हैं।
इनका कहना है......
नियमित योग से शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। अब योग को खेलों में शामिल करने से काफी प्रोत्साहन मिला है। इसके लिए अब सरकारी प्लेटफार्म मिल गया, जहां पर युवा खिलाड़ी अपनी प्रतिभा को साबित कर सकता है। वह राष्टÑीय स्तर पर कांस्य पदक ला चुके हैं। अब अन्तरराष्टÑीय स्तर पर खेलकर कोटा का नाम रोशन करने की तमन्ना है।
-टीकम सिंह सोलंकी, नेशनल खिलाड़ी
भारत सरकार ने योगा को खेल श्रेणी में शामिल कर हमें एक नई ऊंचाइयां हासिल करने का मौका दिया। कोई भी युवा इस मौके को गंवाना नहीं चाहता है। वह राज्य स्तर पर योग खेल में कांस्य पदक ला चुका है। यदि सरकार की मदद मिलेगी तो भारत का नाम विश्व में रोशन करेंगे।
-पवन चौरसिया, स्टेट खिलाड़ी
सरकार ने योग को खेल का दर्जा देकर युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया है। योग पौराणिक काल से चला आ रहा है। अब सरकार का प्रोत्साहन मिलने से कई युवा इस खेल में अपना भविष्य बना पाएंगे। हमारे देश में कई छुपी हुई प्रतिभाएं है, जिनकों अब आने का मौका मिलेगा। कोटा में भी युवाओं की भागीदारी निरन्तर बढ़ती जा रही है।
-डॉ. राजेश शर्मा, योग कोच

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