रणथम्भौर की क्वीन 'मछली' को मिला श्रद्धांजलि स्मारक, वन मंत्री ने किया अनावरण
बाघिन मछली पर जारी हुआ था डाक टिकट
राजस्थान के सभी टाइगर रिजर्व को बाघ और बाघों से आबाद करने वाली बाघिन मछली का आज स्मारक रणथम्भौर में स्थापित कर दिया गया
सवाईमाधोपुर। राजस्थान के सभी टाइगर रिजर्व को बाघ और बाघों से आबाद करने वाली बाघिन मछली का आज स्मारक रणथम्भौर में स्थापित कर दिया गया। यह स्मारक पिछले कई सालों से रणथम्भौर में बनना प्रस्तावित था। जिसका आज वन मंत्री संजय शर्मा ने जोगी महल गेट पर लोकार्पण किया। कार्यक्रम के दौरान खंडार विधायक जितेंद्र गोठवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष मानसिंह गुर्जर, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन शिखा मेहरा, एपीसीसीएफ राजेश गुप्ता रणथम्भौर के सीसीएफ अनूप के आर सहित रणथम्भौर के सभी अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
वन मंत्री संजय शर्मा ने रणथम्भौर की सुप्रसिद्ध बाघिन मछली के स्मारक के साथ सेल्फी भी खिंचवाई। कार्यक्रम के दौरान वन विभाग की ओर से नव नियुक्त 110 गाइडों को प्रमाण पत्र भी बांटे गए। इस दौरान अतिथियों ने बाघिन मछली से जुड़ी यादों को सभी के साथ साझा किया।
साल 2016 में दुनिया से विदा हुई मछली
रणथम्भौर नेशनल पार्क की क्वीन बाघिन 'मछली' 18 अगस्त 2016 को दुनिया से विदा हो गई थी। वन विभाग ने पूरे सम्मान के साथ मछली का अंतिम संस्कार किया था। मछली की याद में वन विभाग ने आमा घाटी को टाइगर टूरिज्म और कंजर्वेशन क्षेत्र में विकसित करने की योजना बनाई थी। साथ ही तत्कालीन वन मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने मछली के अंतिम संस्कार वाले स्थान पर एक खूबसूरत स्मारक बनाने की घोषणा भी की थी। भाजपा की सरकार बदलते ही इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। जिसके बाद अब बाघिन का स्मारक बनाया गया है। आपको बता दें कि राजस्थान के सभी टाइगर रिजर्व में मछली के जीन पूल की ही संतानें है।
बाघिन मछली पर जारी हुआ था डाक टिकट
मछली की याद में भारत सरकार ने डाक टिकट जारी किया था। मछली को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी मिल चुका है। दुनिया में सबसे ज्यादा किसी बाघ बाघिन के फोटो कैप्चर करने का रिकार्ड भी मछली के नाम ही है। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (WWF) ने बाघिन मछली की मौत के बाद एक अवार्ड देने की घोषणा की थी, जिसमें एक लाख रुपए राशि के साथ प्रमाण पत्र दिया जाता है।

Comment List