बजरी से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली से पप्पू गुर्जर की मौत मामला : नहीं बनी मांगों पर सहमति, शव के साथ परिजनों का धरना जारी
हेमराज गुर्जर टोंक समेत ने प्रशासन को अपनी ओर से 6 मांगे रखी
लेकिन ग्रामीण 50 के मुकाबले 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग पर अड़े रहे, जबकि उपखंड अधिकारी समेत ने इससे साफ इनकार कर दिया।
देवली। राजमहल गांव में बुधवार रात ट्रैक्टर की चपेट में आने से मौत के शिकार बने पप्पू गुर्जर के शव को लेकर ग्रामीण शुक्रवार को भी बैठे रहे। पुलिस और प्रशासन की बीच हुई बातचीत बे नतीजा रही। पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों एवं परिजनों को सरकार के नियमों का हवाला देते यथासंभव मदद का भरोसा दिलाया, लेकिन ग्रामीण आर्थिक पैकेज और ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस के साथ हुई हाथापाई को लेकर मुकदमे दर्ज नहीं करने की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान समाज के नरेंद्र गुर्जर, हेमराज गुर्जर टोंक समेत ने प्रशासन को अपनी ओर से 6 मांगे रखी।
इनमें सबसे प्रमुख मांग 50 लाख रुपए का आर्थिक पैकेज, हत्या का मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी, पीड़ित परिवार के परिजनों में से एक को सरकारी अथवा संविदा पर नौकरी देने, दूनी थाना प्रभारी समेत पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने एवं राजमहल क्षेत्र में बजरी के अवैध परिवहन पर पूर्णतया रोक की मांग की गई। इस पर देवली पुलिस उपाधीक्षक रामसिंह ने आश्वासन दिया कि ग्रामीण अगर बजरी खनन व परिवहन रोकने में सहयोग करेंगे तभी ऐसा संभव होगा। उपाधीक्षक ने बताया कि जल्द ही बजरी की नई एनओसी जारी होगी।
-शव विद्यालय के बाहर रखा
गत तीन दिन से मृतक पप्पू गुर्जर का शव राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राजमहल की दीवार के बाहर रखा है। लोग यहां धरना लगाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। गौरतलब है कि बुधवार को राजमहल निवासी पप्पू गुर्जर की ट्रैक्टर ट्रॉली से कुचलकर मौत हो गई थी। जिसके बाद ग्रामीण शव को लेकर बैठे हुए हैं।
मांग को पुलिस ने किया खारिज
गुरुवार को ग्रामीणों की ओर से पुलिस के साथ की गई हाथापाई व मारपीट के प्रकरण में किसी तरह का मुकदमा दर्ज नहीं करने की ग्रामीणों की मांग को पुलिस के अधिकारियों ने खारिज कर दिया और कहा कि पुलिस किसी भी व्यक्ति को अनावश्यक परेशान नहीं करेंगी, लेकिन जो दोषी है, उन पर निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी। इस दौरान प्रशासन के साथ करीब पांच मांगों पर सहमति हो गई। लेकिन ग्रामीण 50 के मुकाबले 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग पर अड़े रहे, जबकि उपखंड अधिकारी समेत ने इससे साफ इनकार कर दिया।

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