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बागड़े ने राष्ट्रीय संगोष्ठी का किया उद्घाटन : कई भाषाओं, संस्कृति और परंपराओं से मिलकर बनता है राष्ट्र, कहा- कर्मों में होनी चाहिए एकता की भावना 

बागड़े ने राष्ट्रीय संगोष्ठी का किया उद्घाटन : कई भाषाओं, संस्कृति और परंपराओं से मिलकर बनता है राष्ट्र, कहा- कर्मों में होनी चाहिए एकता की भावना  राज्यपाल एवं कुलाधिपति हरिभाऊ बागड़े ने मंगलवार को गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा में राष्ट्रीय एकात्मता : विविधता में एक चेतना विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया। बागडे ने संगाष्ठी में कहा कि राष्ट्र कई भाषाओं, संस्कृति, मतों, परंपराओं से मिलकर बनता है। राष्ट्र की एक सीमा होती है। राष्ट्र में उस देश का नागरिक रहता है। कोई दूसरे देश का नागरिक आता है तो उसे उस देश की नागरिकता लेनी पड़ती है। संगठित जनसमुदाय, निश्चित भूभाग, संस्कृति, परंपरा, एकता की भावना हमें एक सूत्र में बांधती है।
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