कनाडा की सत्ताधारी पार्टी ने रद्द की भारतीय मूल के चंद्र आर्य की उम्मीदवारी, पीएम रेस में थे शामिल
लिबरल पार्टी का नेता बनने की रेस में हिस्सा लिया था
पार्टी के राष्ट्रीय अभियान सह-अध्यक्ष ने उनकी उम्मीदवारी रद्द करने की सिफारिश की जिसे अंतत: स्वीकार कर लिया गया। इसके पहले आर्य ने लिबरल पार्टी का नेता बनने की रेस में हिस्सा लिया था, जिसे पार्टी ने खारिज कर दिया था।
ओट्टावा। कनाडा में खालिस्तानी चरपपंथियों के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाने वाले भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है। देश की सत्ताधारी लिबरल पार्टी ने आने वाले चुनावों के लिए सांसद चंद्र आर्य की उम्मीदवारी रद्द कर दी है। एक्स पर एक पोस्ट के जरिए आर्य ने बताया कि पार्टी ने उन्हें सूचित किया है कि नेपियन निर्वाचन क्षेत्र से उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है। आर्य ने पार्टी का एक पत्र भी साझा किया है। पत्र में कहा गया है कि नेपियन में लिबरल पार्टी के उम्मीदवार के रूप में सेवा करने की उनकी पात्रता की गहन समीक्षा के आधार पर और सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद, पार्टी के राष्ट्रीय अभियान सह-अध्यक्ष ने उनकी उम्मीदवारी रद्द करने की सिफारिश की जिसे अंतत: स्वीकार कर लिया गया। इसके पहले आर्य ने लिबरल पार्टी का नेता बनने की रेस में हिस्सा लिया था, जिसे पार्टी ने खारिज कर दिया था।
खालिस्तानियों के निशाने पर आर्य
आर्य ने कनाडा में खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ जोरदार तरीके से आवाज उठाई है। आर्य की आलोचना से चिढ़े खालिस्तानी समूहों ने अतीत में उन्हें निशाना बनाया है। अक्टूबर में अमेरिका स्थित खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से आर्य के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया था। भारतीय राजनयिकों के खिलाफ ट्रूडो की मनमानी कार्रवाई के बाद पन्नू ने आर्य के खिलाफ जहर उगला था। एक्स पर एक पोस्ट में पन्नू ने कहा कि कनाडा को खालिस्तान आंदोलन के खिलाफ जहर उगलने और भारत का मुखपत्र होने के लिए आर्य की जांच करनी करनी चाहिए। पन्नू ने कनाडाई सांसद चंद्र आर्य को भारत का एजेंट बता डाला था।
आर्य ने फैसले को बताया निराशाजनक
आर्य ने फैसले की जानकारी देते हुए एक्स पर लिखा कि मुझे लिबरल पार्टी ने सूचित किया है कि नेपियन में आगामी संघीय चुनाव के लिए उम्मीदवार के रूप में मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया है। उन्होंने इस खबर को निराशाजनक बताया, लेकिन साथ ही कहा कि इससे नेपियन के लोगों और सभी कनाडाई लोगों की 2015 से संसद सदस्य के रूप में सेवा करने का गौरव और विशेषाधिकार कम नहीं होता।
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