पृथ्वी की धुरी में तेजी से हो रहा बदलाव, 20 साल में ही 31.5 इंच खिसकी

एक नई रिसर्च में चौंकाने वाला हुआ खुलासा

पृथ्वी की धुरी में तेजी से हो रहा बदलाव, 20 साल में ही 31.5 इंच खिसकी

ये रिसर्च कहती है कि भूजल के बहुत ज्यादा दोहन से धरती की धुरी करीब 80 सेंटीमीटर यानी 31.5 इंच तक झुक गई है

वॉशिंगटन। एक नई रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ये रिसर्च कहती है कि भूजल के बहुत ज्यादा दोहन से धरती की धुरी करीब 80 सेंटीमीटर यानी 31.5 इंच तक झुक गई है। पृथ्वी सिर्फ दो दशक (1993 से 2010 के बीच) में 80 सेंटीमीटर पूर्व की ओर झुकी है। रिसर्च कहती है कि 1993 से 2010 के बीच तकरीबन 2,150 गीगाटन भूजल निकाला गया था। इसका एक नुकसान ये भी हुआ कि पानी का ज्यादातर हिस्सा बहकर महासागरों में पहुंचा, जिससे समुद्र का स्तर बढ़ा।

इस रिसर्च को जर्नल जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स में पब्लिश किया गया है। एक्सपर्ट ने पाया है कि धरती से बहुत ज्यादा पानी का निकाला जाना ना सिर्फ पृथ्वी का घूर्णन बदलता है, बल्कि समुद्र के जलस्तर में भी वृद्धि करता है। पॉपुलर मैकेनिक्स के अनुसार, पृथ्वी के झुकाव में यह बदलाव समुद्र के जलस्तर में 0.24 इंच की वृद्धि के बराबर है।

पृथ्वी की धुरी कैसे बदलती है
सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी के कीवॉन सियो ने कहा कि पृथ्वी का घूर्णन ध्रुव वास्तव में बहुत बदलता है। रिसर्च दिखाती है कि जलवायु संबंधी कारणों में भूजल का पुनर्वितरण वास्तव में घूर्णन ध्रुव के झुकाव पर सबसे बड़ा प्रभाव डालता है। पानी इधर-उधर होता है तो पृथ्वी का घूमना बदलता है। पृथ्वी का झुकाव द्रव्यमान के वितरण से प्रभावित होता है। एकस्पर्ट का कहना है कि ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका से ग्लेशियरों और ध्रुवीय बर्फ की चादरों के पिघलने से इस पुनर्वितरण में अहम होता है। बर्फ पिघलती है तो पानी भूमध्य रेखा की ओर बहता है, जिससे पृथ्वी का संतुलन बदल जाता है और उसका अक्ष स्थानांतरित हो जाता है। यह प्रक्रिया कुछ वैसी ही है जैसे किसी फिगर स्केटर के हाथ बाहर की ओर फैलाने पर उसका घुमाव धीमा हो जाता है।

धरती के झुकने पर क्यों ध्यान दिया जाना चाहिए?
भूजल पृथ्वी की सतह के नीचे मिट्टी के छिद्रों और चट्टानों की दरारों में जमा पानी है, जो हाइड्रोलॉजिकल साइकिल का हिस्सा बनता है। यह बारिश से जमीन में रिसकर भूमिगत जलभृतों को फिर से भर देता है। ये जलभृत महत्वपूर्ण मीठे पानी के भंडार के रूप में काम करते हैं। इससे पीने का पानी, सिंचाई और औद्योगिक जरूरतों के लिए पानी मिलता है। धरती की धुरी का बदलना मानवीय पैमाने पर महत्वहीन लग सकता है लेकिन भूगर्भीय समय के पैमाने पर इस तरह के बदलाव उल्लेखनीय पर्यावरणीय परिणाम पैदा कर सकते हैं। पानी का पुनर्वितरण विभिन्न क्षेत्रों में समुद्र के स्तर में परिवर्तन को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित कर सकता है। यह ग्रह की आंतरिक प्रणालियों को भी प्रभावित करता है, जिसमें इसका चुंबकीय क्षेत्र भी शामिल है, जो हमें हानिकारक सौर विकिरण से बचाता है।

Read More ट्रंप की कोलंबिया के राष्ट्रपति पेट्रो को चेतावनी : ड्रग्स पर करें कार्रवाई, कहा- वरना चुकानी पड़ेगी भारी कीमत

Post Comment

Comment List

Latest News

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दिल्ली में अब केवल बीएस-4 और उससे ऊपर के मानक वाले वाहन ही चल सकेंगे सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दिल्ली में अब केवल बीएस-4 और उससे ऊपर के मानक वाले वाहन ही चल सकेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दिल्ली में केवल बीएस-4 या उससे ऊपर मानक वाले वाहन ही चल सकेंगे। बीएस-3...
भारत–अर्जेंटीना कृषि सहयोग को नई मजबूती, कार्य योजना 2025-2027 पर किये हस्ताक्षर
मोदी के नेतृत्व एवं भजनलाल की मेहनत से राजस्थान कर रहा है विकास के नए आयाम स्थापित:​ डिप्टी सीएम दियाकुमारी
रेलयात्री कृपया ध्यान दें...लोकसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बड़ा एलान, ज्यादा सामान ले जाने पर देना होगा इतना शुल्क, जानें पूरा मामला
बुकिंग शुरू होते ही टाटा सिएरा ने बाज़ार में मचाया तहलका: पहले ही दिन 70,000 से ज्यादा ऑर्डर कन्फर्म
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु वेल्लोर दौरे पर, श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर में किए दर्शन
गुणवत्ता में  5 दवाएं, एक मेडिकल प्रोडक्ट फैल, बेचने पर रोक लगाई