चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा जापान का अंतरिक्ष यान
चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया
रोबोटिक एक्सप्लोरर एक पिनपॉइंट लैंडिंग की कोशिश करेगा, जिसका लक्ष्य सटीकता के साथ सॉफ्ट लैंडिंग करना होगा। चांद पर उतरने के बाद यह चंद्रमा की चट्टानों के बारे में डेटा इकट्ठा करेगा।
टोक्यो। जापान की ओर से चांद को लेकर चलाए जा रहे मिशन में एक बड़ी कामयाबी मिली है। जापान की अंतरिक्ष एजेंसी जेक्सा की ओर से विकसित किया गया चंद्रमा लैंडर मून स्नाइपर ने चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया। यह एक मील का पत्थर है जो पहली बार चंद्रमा की सतह पर एक रोबोटिक एक्सप्लोरर को उतारने के लक्ष्य के करीब लाता है। अपने वर्तमान पथ के हिसाब से लगभग 6 घंटे 40 मिनट में यह चंद्रमा का एक चक्कर पूरा कर रहा है। अगले कुछ हफ्तों में यह लैंडर धीरे-धीरे कक्षा के अंदर जाएगा। जनवरी में यह अंतरिक्ष यान एक ऐतिहासिक टचडाउन प्रयास करेगा। सफल होने पर जापान चंद्रमा पर पहुंचने वाला पांचवां और 21वीं सदी में उतरने वाला तीसरा देश बन जाएगा। 21वीं सदी में चंद्रमा पर भारत और चीन ही जा सके हैं। जापान का रोबोटिक एक्सप्लोरर एक पिनपॉइंट लैंडिंग की कोशिश करेगा, जिसका लक्ष्य सटीकता के साथ सॉफ्ट लैंडिंग करना होगा। चांद पर उतरने के बाद यह चंद्रमा की चट्टानों के बारे में डेटा इकट्ठा करेगा। यह डेटा वैज्ञानिकों को चंद्रमा के गठन को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकता है।
मून स्राइपर 19 जनवरी को करेगा लैंड: जेक्सा ने 25 दिसंबर को घोषणा की कि लैंडर को एक अंडाकार कक्षा में स्थापित किया गया है। जो चांद से लगभग 600 किमी से 4000 किमी की ऊंचाई पर है। यह चांद के उत्तरी-दक्षिणी ध्रुव के ऊपर से गुजरेगा। अगले साढ़े तीन सप्ताह तक अंतरिक्ष यान अपनी दूरी लगातार कम करेगा। तब यह सतह से 15 किमी ऊपर तक होगा।
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