सऊदी में अमेरिका और रूस में शुरू हुई यूक्रेन युद्ध विराम के लिए बातचीत
जेलेंस्की को किया किनारे, ट्रंप की चाल से टेंशन में यूरोप
अमेरिका और रूस के अधिकारियों ने सऊदी अरब में यूक्रेन युद्ध मुद्दे पर बैठक की है।
रियाद। अमेरिका और रूस के अधिकारियों ने सऊदी अरब में यूक्रेन युद्ध मुद्दे पर बैठक की है। रियाद में मंगलवार को हुई इस बैठक में रूस की तरफ से विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव शामिल हुए। अमेरिका की ओर से विदेश मंत्री मार्को रुबियो, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और पश्चिम एशिया के लिए डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विट्कॉफ बैठक में मौजूद रहे। यूक्रेन को इस बैठक में नहीं बुलाया गया है, जिस पर यूरोप की ओर से फिक्र जाहिर की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब में यह बैठक यूक्रेन पर रूसी हमले के तीन साल बाद हो रही है। अमेरिका की शांति समझौते में भूमिका की वजह से इसे अहम माना जा रहा है। अमेरिकी विदेश विभाग और रूस के अधिकारियों में बातचीत राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हाल ही में फोन पर चर्चा के बाद हो रही है। फोन पर दोनों नेताओं ने यूक्रेन पर तुरंत शांति वार्ता शुरू करने पर सहमति जताई थी।
यूरोप और यूक्रेन की चिंता :
रूस और अमेरिका इस बैठक के दो पक्ष हैं और सऊदी मध्यस्थ की भूमिका मे है। इस बातचीत में यूक्रेन को नहीं बुलाया गया है, जबकि यह बातचीत यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने के उद्देश्य से हो रही है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने सोमवार को कहा कि अगर कीव भाग नहीं लेता है तो फिर उनका देश बैठक से निकले नतीजे को स्वीकार नहीं करेगा। यूरोपीय संघ को भी चर्चा में शामिल नहीं किया गया है। यूरोपीय नेताओं ने इस पर एतराज जताते हुए किसी भी शांति वार्ता में अपनी भागीदारी की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि एक निष्पक्ष और स्थायी शांति के लिए उनकी मौजूदगी जरूरी है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने अपने बयान में कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच स्थायी शांति के लिए अमेरिका की सुरक्षा गारंटी जरूरी है।
ट्रंप ने बदली है नीति :
यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद रूस को अलग-थलग करने की अमेरिकी नीति में बदलाव किया है। इससे पहले अमेरिका यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद उसे अलग-थलग करने की कोशिश कर रहा था। अब दोनों देश को शीर्ष अधिकारी मिले हैं। यह बातचीत डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक का रास्ता भी खोल सकती है। पुतिन के विदेश नीति सलाहकार उशाकोव ने कहा कि यह बातचीत पूरी तरह से द्विपक्षीय है। इसमें यूक्रेनी अधिकारी शामिल नहीं हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने हालांकि यूक्रेन को भरोसा दिया है कि उसको बातचीत में शामिल रखा जाएगा। हालांकि जिस तरह से रूस और अमेरिका ही बातचीत कर रहे हैं, उससे यूरोप और यूक्रेन चिंता में है। यूरोपीय देशों और यूक्रेन की नाराजगी का असर नाटो के भविष्य पर होने का भी अंदेशा कई एक्सपर्ट जता रहे हैं।
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