आतंकवाद में लिप्त पाकिस्तान : विश्व समुदाय उसे रोकें, विनय क्वात्रा ने कहा- जघन्य कृत्य को कहीं भी माफ नहीं किया जा  सकता

निर्दोष लोगों में एक नेपाली नागरिक भी था

आतंकवाद में लिप्त पाकिस्तान : विश्व समुदाय उसे रोकें, विनय क्वात्रा ने कहा- जघन्य कृत्य को कहीं भी माफ नहीं किया जा  सकता

उन्होंने कहा कि दुनिया को भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण परमाणु युद्ध छिड़ने की चिंता करने की बजाय यह चिंता होनी चाहिए कि आतंकवाद और आतंकवादियों को पाकिस्तान का समर्थन जारी है।

वाशिंगटन। अमेरिका में भारतीय राजदूत विनय क्वात्रा ने कहा है कि पाकिस्तान और पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में 'आतंकवाद के कारखानों पर भारत की 'सीमित कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की प्रतिक्रिया का तरीका दर्शाता है कि वह न केवल आंतकवाद के साथ दे रहा है, बल्कि खुद आतंकवाद में संलिप्त है तथा विश्व समुदाय को उसे रोकना चाहिए। क्वात्रा ने भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा सीमापार आतंकवादियों के ढांचों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गयी कार्रवाई को पहलगाम हमले का एक नपातुला और सीमित जवाब बताया और कहा कि उसके बाद भारत जो भी कर रहा है, वह पाकिस्तान का जवाब है। उन्होंने कहा कि पहलगाम जैसा जघन्य कृत्य करने वाले को दुनिया में कहीं भी माफ नहीं किया जा  सकता। 

उन्होंने कहा कि दुनिया को भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण परमाणु युद्ध छिड़ने की चिंता करने की बजाय यह चिंता होनी चाहिए कि आतंकवाद और आतंकवादियों को पाकिस्तान का समर्थन जारी है। यही सबसे बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि दुनिया को पाकिस्तान से साफ तौर पर कहना चाहिए कि पाकिस्तान आतंकवाद का साथ देने का काम बंद करे। हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहें हैं, आतंकवाद से पीड़ति लोगों को न्याय दिलाना चाहते हैं। हमारी कार्रवाई आतंकवाद की जवाबदेही तय करने के लिए है।

यह पूछे जाने पर कि भारत इस कार्रवाई में कहां जा कर संतुष्ट होगा, तो उन्होंने कहा कि आतंकवादी ठिकानों पर परसों संतुलित नपी तुली कार्रवाई कर हम सोच रहे थे कि हमने उन आतंकवादियों के खिलाफ अपना जो काम सोच रखा था उसे एक तरह से पूरा कर लिया है। हमारी सोच के हिसाब से आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई वहीं खत्म हो चुकी थी बशर्ते पाकिस्तान भी वही सोचता। पाकिस्तान ने बात बढ़ाने का रास्ता चुना तो, हमारी मजबूरी हो गयी कि हम भी उसका माकूल जवाब दें। पाकिस्तान की शह पर काम करने वाले आतंकवादियों द्वारा 26 निर्दोष लोगों की नृशंस हत्या को वर्तमान तनाव की जड़ और उकसावे की पहली कार्रवाई बताया और कहा कि उस हमले में पाकिस्तान समर्थित चार आतंकवादियों ने लोगों के धर्म पूछ कर उनकी पत्नियों और बच्चों के सामने ही बर्बरतापूर्वक सिर में गोली मार कर हत्या कर दी। मारे गए इन निर्दोष लोगों में एक नेपाली नागरिक भी था।

क्वात्रा ने यह टिप्पणी भारत द्वारा गुरुवार शाम को पाकिस्तान की ओर से किए गए हमलों के कुछ ही देर बाद अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के समक्ष की। उन्होंने कहा, 'परसों हमने जो किया वह मूलत: पाशविक आतंकवाद के विरुद्ध हमारी प्रतिक्रिया थी। टकराव बढऩे के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहला उकसावा था। जब वह घटना हुई तो हमने साफ कहा था कि हम जिम्मेदार देश है, हम उसका उसी अनुपात में एक नपा तुला संतुलित जवाब देंगे। परसों हमने जो कार्रवाई की वह वास्तव में ऐसी ही कार्रवाई थी।

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