SAARC को बंधक नहीं बनाया जा सकता, पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने भारत को बाहर निकाल नया गुट बनाने की मांग की
पाकिस्तान ने SAARC के विकल्प की मांग की
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने SAARC के बजाय नई रीजनल बॉडी बनाने की मांग की। उन्होंने भारत पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि दक्षिण एशिया अब राजनीतिक विभाजन में फंसा नहीं रह सकता। पाकिस्तान-चीन-बांग्लादेश की त्रिपक्षीय बैठक को नए समूह का आधार बताया गया।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने लंबे समय से बंद दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन की जगह एक नई रीजनल बॉडी बनाने की मांग की। इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज इस्लामाबाद (आईएसएसआई) में आयोजित किए गए 5वें इस्लामाबाद कॉन्क्लेव के ओपनिंग सेशन में बोलते हुए इशाक डार ने इशारों-इशारों में भारत को धमकाया भी। उन्होंने चेतावनी दी कि दक्षिण एशिया अब जीरो-सम माइंडसेट, पॉलिटिकल फ्रैगमेंटेशन और खराब रीजनल आर्किटेक्चर में फंसा नहीं रह सकता।
इशाक डार ने बांग्लादेश-चीन संग दोस्ती का किया जिक्र
भारत का परोक्ष जिक्र करते हुए डार ने कहा, इस कॉन्सेप्ट को बढ़ाया और दोहराया जा सकता है। जैसा कि मैंने पहले कहा है, इकोनॉमी से लेकर रीजनल प्रायोरिटी तक के मुद्दों पर अलग-अलग ज्योमेट्री वाले ग्रुप्स को किसी की सख्ती का बंधक नहीं बनाया जा सकता और न ही बनाया जाना चाहिए। हाल ही में कुनमिंग में पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश की तीन तरफा मीटिंग हुई, जो अपनी तरह की पहली मीटिंग थी। यह चल रही बातचीत में एक अहम कदम था। तीनों देशों के सीनियर डिप्लोमैट्स ने एक नए ग्रुप की रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया, जिसका मकसद श्रीलंका, मालदीव और अफगानिस्तान समेत दूसरे दक्षिण एशियाई देशों को भी बुलाना था।
भारत को बायपास करने पर पाकिस्तान का जोर
इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान खुला और सबको साथ लेकर चलने वाला रीजनलिज्म चाहता है। उन्होंने सार्क के बाहर उभरते मल्टीलेटरल प्लेटफॉर्म के लिए पाकिस्तान के समर्थन का भी जिक्र किया। डार ने कहा कि इस साल की शुरूआत में पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन ने कॉमन इंटरेस्ट के एरिया में आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक ट्राइलेटरल मैकेनिज्म बनाया है। यह मैकेनिज्म खास तौर पर भारत के खिलाफ बनाया गया है, जिससे बांग्लादेश पहले ही किनारा कर चुका है।
दक्षिण एशियाई देशों को भड़काने की कोशिश की
अपने भाषण में, पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने साउथ एशियन देशों से इतिहास के बोझ से बाहर निकलने और सिक्योरिटी, इकॉनमी, क्लाइमेट अडैप्टेशन और कनेक्टिविटी में कोआॅपरेशन करने की अपील की। उन्होंने मई में हुए भारत-पाकिस्तान संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा कि यह ऐसा सबूत है, जो बताता है कि यह क्षेत्र कितना नाजुक बना हुआ है। डार ने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसे साउथ एशिया की कल्पना करता है जहा कनेक्टिविटी बंटवारे की जगह ले ले और झगड़े शांति से सुलझें।

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