चिकित्साकर्मियों की छुट्टियों पर रोक

चिकित्साकर्मियों की छुट्टियों पर रोक

डेंगू सहित मौसमी बीमारियों का प्रकोप : 150 से ज्यादा डेंगू के जिन 14 जिलों में मरीज, वहां नोडल अफसर लगाए

जयपुर। राजस्थान में डेंगू सहित मौसमी बीमारियों मलेरिया, चिकनगुनिया, स्क्रब टायफस के प्रकोप बढ़ने से प्रदेश में चिकित्सा विभाग के सभी कर्मियों के अवकाश पर रोक लगा दी गई है। वे इनके नियंत्रण तक छुट्टी नहीं ले सकेंगे। साथ ही हाल ही में जिनमें तबादले हुए हैं, उन्हें भी तुरंत ज्वाइनिंग करने के आदेश दिए गए हैं। मंगलवार को चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने मौसमी बीमारियों को लेकर की बैठक में यह आदेश देने के साथ ही प्रदेश के जिन 14 जिलों में डेंगू के 150 से अधिक मामले अब तक आ चुके हैं, उन जिलों में अलग से नोडल अधिकारी इनके नियंत्रण को लगाए हैं। अधिकारी जिम्मेदारी वाले जिलों में जाकर एंटीलार्वा गतिविधियों, फोगिंग सहित मच्छरों को मारने की गतिवधियों को तेजी से करवाएंगे। साथ ही चिकित्सा सेवाओं को भी चुस्त-दुरूस्त करेंगे। इसके अलावा जिलों में 24 घंटे कन्ट्रोल रुम संचालन, रेपिड रेस्पांस टीम का गठन भी जल्द हो रहा है। बैठक में प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा ने अब तक मौसमी बीमारियों के अंकुश और इलाज की व्यवस्थाओं की जानकारी दी। बैठक में सभी आला अधिकारी मौजूद रहे। गौरतलब है कि प्रदेश में डेंगू मुक्त राजस्थान अभियान भी 20 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक चिकित्सा विभाग ने चला रखा है।


14 जिलें जहां डेंगू ज्यादा मारक
जयपुर, अजमेर, अलवर, बाड़मेर, बीकानेर, चित्तौडगढ़, धौलपुर, झालावाड़, करौली, नागौर, उदयपुर, झुंझुनूं, जोधपुर, भरतपुर जिले में डेंगू ज्यादा मारक हो रहा है।

 मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार डेंगू, मलेरिया, वायरल फीवर सहित अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम के प्रति पूरी तरह सजग एवं गंभीर है तथा इनके उपचार के सभी प्रभावी उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू एवं अन्य मौसमी बीमारियों पर काबू पाने के लिए राज्य में 20 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक ‘डेंगू मुक्त राजस्थान’ अभियान चलाया जाएगा। गहलोत ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सहित सभी संबंधित विभागों को बेहतर समन्वय से जुटने के निर्देश दिए हैं। गहलोत ने कहा कि अभियान के दौरान फोगिंग एवं एंटी-लार्वल गतिविधियां पूरी मुस्तैदी से संचालित की जाएं। नगरीय इलाकों के साथ-साथ गांव-ढाणियों में भी मच्छरों को नष्ट करने के लिए फोगिंग की जाए। घरों के आसपास मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव कराएं। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन जिलों में मौसमी बीमारियों का प्रकोप अधिक है, वहां स्थानीय चिकित्सा प्रशासन की सहायता के लिए नोडल आॅफिसर भेजे जाएं। साथ ही अभियान के दौरान लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष गतिविधियां संचालित की जाएं। साथ ही रैपिड रेस्पांस टीमों के गठन के निर्देश दिए गए हैं। अस्पतालों एवं सीएचसी-पीएचसी में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। दवा वितरण केंद्रों पर भी दवाओं के वितरण एवं भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था है। मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए पानी के ठहराव वाले स्थानों पर एमएलओ (मॉस्किटो लार्विसाइड ऑयल) दिलाने के निर्देश दिए गए हैं। गहलोत ने कहा कि मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए प्रदेशवासियों का जागरूक रहना भी बहुत जरूरी है। सावधानी बरती जाए तो इन बीमारियों का प्रमुख कारण मच्छरों को पनपने से रोका जा सकता है।

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