प्रदेश में जल्द लागू होगी तबादला नीति

प्रदेश में जल्द लागू होगी तबादला नीति

प्रारूप तैयार, विधानसभा सत्र में होगा अनुमोदन

जयपुर। प्रदेश में जल्द ही तबादला नीति लागू की जाएगी। इसका प्रारूप तैयार कर लिया गया है। इस नीति को विधानसभा के अगले सत्र में अनुमोदन कराया जाएगा। प्रस्तावित नई नीति के अनुसार तबादले हर साल एक अर्पेल से 30 जून के बीच ही किए जा सकेंगे। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार के सभी विभागों, उपक्रमों, बोर्डों, निगमों और स्वायत्तशाषी संस्थाओं में कार्यरत मंत्रालयिक कर्मचारी, तकनीकी कर्मचारी, लेखा कर्मी और अन्य श्रेणियों के कर्मचारियों के किए जाने वाले तबादलों का सरलीकरण किया जाएगा। इस तबादला नीति में लेवल-13 तक के कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा। प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग तथा संस्कृत शिक्षा विभाग के सभी मंत्रालयिक एवं प्रधानाचार्य से नीचे के रैंक के सभी शैक्षणिक कर्मचारी, उच्च शिक्षा विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति, तकनीकी शिक्षा विभाग के पॉलिटेक्निक महाविद्यालय एवं आईटीआई में असिस्टेंट प्रोफेसर की रैंक तक के शैक्षणिक कर्मचारी, चाहे वे पे-बैण्ड में लेवल 13 से ऊपर हो, उन पर यह नीति लागू होगी। नीति के अनुसार प्रशिक्षणकाल के दौरान किसी भी कर्मचारी का तबादला नहीं किया जाएगा। वर्दीधारी कर्मचारियों को इस नीति में शामिल नहीं किया जाएगा।

15 मार्च तक करना होगा नोटिफाई
नई तबादला नीति में खाली पदों का संपूर्ण विवरण हर साल 15 मार्च तक सभी विभाग में अपनी वेबसाइट और नोटिस बोर्ड के माध्यम से जानकारी देने का प्रावधान किया जाएगा। विभागीय स्तर पर प्रशासनिक आधार पर भरे जाने वाले पदों को इस शर्त से मुक्त रखा जाएगा। खाली पदों की सूची के अनुसार कर्मचारियों को 31 मार्च तक आवेदन पेश करने का प्रावधान किया जाएगा।  आवेदन करने वाले कर्मचारियों को ही काउंसलिंग में शामिल किया जाएगा।

इनको मिलेगी प्राथमिकता
नई नीति में दिव्यांग, विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला, भूतपूर्व सैनिक, उत्कृष्ट खिलाड़ी, पति-पत्नी प्रकरण और असाध्य रोगों से पीड़ित एवं शहीद के आश्रितों को प्राथमिकता दिए जाने का प्रावधान होगा। इस नीति में यह भी प्रावधान किया जाएगा कि एक स्थान दो साल पूरे होने के बाद ही आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। इसकी गणना तीस जून से मानी जाएगी। लेकिन दिव्यांग, विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला, भूतपूर्व सैनिक, उत्कृष्ट खिलाड़ी, पति-पत्नी प्रकरण और असाध्य रोगों से पीड़ित एवं शहीद के आश्रितों को इस शर्त से मुक्त रखा जाएगा। आपसी स्थानांतरण भी दो साल के ठहराव के बाद ही किया जा सकेगा। अगर किसी कर्मचारी को एक ही स्थान पर तीन साल से ज्यादा का समय हो गया तो प्रशासनिक आधार पर तबादला किया जा सकेगा। किसी भी कर्मचारी के पदोन्नत होने पर उसकी बदली की जा सकेंगी।

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