नेत्रहीन शिक्षिका को गृह जिले में पदस्थापित करने पर करें विचार: HC

नेत्रहीन शिक्षिका को गृह जिले में पदस्थापित करने पर करें विचार: HC

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वह जोधपुर में तैनात नेत्रहीन महिला शिक्षक को उसके गृह जिले में पदस्थापित करने के लिए चार सप्ताह में विचार करे।

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वह जोधपुर में तैनात नेत्रहीन महिला शिक्षक को उसके गृह जिले में पदस्थापित करने के लिए चार सप्ताह में विचार करे। इसके लिए अदालत ने याचिकाकर्ता को विभाग के संबंधित अधिकारियों के समक्ष अपना अभ्यावेदन पेश करने को कहा है। जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश विभा शर्मा की याचिका को निस्तारित करते हुए दिए।


याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत मालपुरा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2018 में चयनित हुई थी। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक की ओर से वर्ष 2020 में वरीयता के आधार पर पदस्थापन के लिए विकल्प मांगे गए। जिसमें याचिकाकर्ता ने प्रथम वरीयता में अपना गृह जिला टोंक भरा था। इसके बावजूद उसे जोधपुर में पदस्थापित किया गया। जबकि अभी भी टोंक में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के बडी संख्या में पद रिक्त चल रहे हैं। याचिका में कहा गया कि नेत्रहीन होने के कारण याचिकाकर्ता को अपने दैनिक कार्यों को पूरा करने में परेशानी होती है। ऐसे में उसे गृह जिले में नियुक्ति दी जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने विभाग को याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर चार सप्ताह में विचार करने को कहा है।

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