अशोक गहलोत 3.0 : दैनिक नवज्योति के सवालों पर गहलोत के बेबाक जवाब....

अशोक गहलोत 3.0 : दैनिक नवज्योति के सवालों पर गहलोत के बेबाक जवाब....

लॉकडाउन खोलने पर जीवन का, लगाए रखने पर आजीविका का संकट था, हमने दोनों को बचाया

‘जब हमने सत्ता संभाली तब करीब सवा तीन लाख करोड़ का कर्ज पिछली सरकार से हमें विरासत में मिला। हमारे सामने बड़ी चुनौती कोरोना की थी, जिसमें जीवन और आजीविका दोनों को बचाना था। लॉकडाउन खोलने पर जीवन का संकट था और लॉकडाउन रखने पर आजीविका का। ऐसे में पूरे प्रदेश की जनता ने हमारा साथ दिया। राजनीतिक संकट के दौरान हमारे विधायकों का पूरा सहयोग मिला। जनता के समर्थन से हमने राजनीतिक और कोरोना संकट दोनों का शानदार प्रबंधन किया। केन्द्र ने हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया, मैंने प्रधानमंत्री को 117 पत्र लिखे हैं, जिनमें से सिर्फ  28 पत्रों के जवाब संबंधित विभागों से प्राप्त हुए हैं।’

 जयपुर। तीन साल के शासन में कोरोना की चुनौतियों के बाद जनहित में लिए गए फैसलों के आधार पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 2023 के चुनावों में फिर से कांग्रेस की सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। गहलोत का मानना है कि मोदी सरकार के सौतेले व्यवहार के बावजूद हमारी सरकार के काम काज पर जनता ने आठ में से छह उपचुनाव, निकाय व पंचायत चुनावों में बार-बार मुहर लगाई है। सियासी संकट को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि भूलो और माफ  करो। मंत्रिमण्डल के पुनर्गठन के बाद उपजे विवादों पर गहलोत ने कहा कि मंत्रियों की संख्या सीमित होती है इसलिए हर किसी को मंत्री नहीं बना सकते। हमारे विधायक ये बात जानते हैं। हमारा हर विधायक सरकार में भागीदार हैं एवं शासन में इनकी राय का भी पूरा महत्व है। विरोधी स्वर जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए नि:शुल्क सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध करवाने के लिए उड़ान योजना शुरू करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य होगा। गहलोत ने कहा कि पूरे प्रदेश और देश में इस मुद्दे पर बहस खड़ी हो और महिलाओं एवं बालिकाओं के हित में सभी सरकारें इस तरह की योजनाएं बनाएं और महिलाओं को ये महसूस हो कि सरकारें उनके साथ खड़ी हैं और इसको लेकर किसी झिझक की जरूरत नहीं है। सरकार के तीन साल पूरे होने पर दैनिक नवज्योति के सवालों पर गहलोत ने कुछ इसी अंदाज में बेबाक जवाब दिए।
    आइए, जानते हैं गहलोत ने क्या कहा........


नवज्योति- तीन साल की आपकी सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है?

गहलोत- शानदार कोविड प्रबंधन, समाज के हर वर्ग के लिए किए गए कार्य हमारी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। हमारी सरकार ने ना सिर्फ काम किया है, बल्कि पारदर्शी तरीके से हर योजना एवं उसके लाभार्थियों की जानकारी जनसूचना पोर्टल पर अपलोड कर जनता के सामने रखी है। ये तो सिर्फ  हमारी सरकार के कार्यों की एक छोटी सी झलक है। हमारी सरकार के कामकाज पर जनता ने बार-बार मुहर लगाई है। इसी कारण 8 में से 6 उपचुनाव, नगरीय निकाय चुनाव एवं पंचायती राज चुनावों में हमें बड़ी जीत दिलाई है।


सवाल- आप महिलाओं के लिए उड़ान योजना शुरू करने जा रहे हैं, इस पर क्या कहना चाहेंगे?
जवाब- पीरियड्स या माहवारी हमारे समाज के लिए एक ऐसा विषय रहा है, जिस पर चर्चा करने में हमेशा एक झिझक दिखाई दी है, जबकि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। मुझे जानकर आश्चर्य हुआ कि देश की लगभग 62 प्रतिशत महिलाएं सैनेटरी पैड की जगह अन्य उत्पादों का इस्तेमाल करती हैं जो उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं। डॉक्टरों ने बताया कि माहवारी के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करने से संक्रमण समेत कई तरह की बीमारियां यूरिन इन्फेक्शन, सर्विक्स इन्फेक्शन, फैलेपियन ट्यूब एवं ओवरी का इन्फेक्शन, इनफर्टिलिटी (बांझपन) एवं सर्वाइकल कैंसर तक हो जाता है, जिससे मृत्यु तक हो जाती है। इसलिए हमने इस वर्ष के बजट में तय किया कि 200 करोड़ रुपए खर्च कर प्रदेश की सभी महिलाओं को सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध करवाए जाएं। हम 19 दिसंबर को इस योजना का पहला चरण लागू कर रहे हैं। मैं चाहता हूं कि पूरे प्रदेश और देश में इस मुद्दे पर बहस खड़ी हो और महिलाओं एवं बालिकाओं के हित में सभी सरकारें इस तरह की योजनाएं बनाएं और महिलाओं को ये महसूस हो कि सरकारें उनके साथ खड़ी हैं और इसको लेकर किसी झिझक की जरूरत नहीं है।


सवाल- आप तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं, इस कार्यकाल में उन दोनों से हटकर नया क्या किया?
जवाब- तीनों कार्यकाल में मेरा ध्येय सुशासन का रहा है और मैंने इसे पूरा करने के लिए कार्य किया है। हर कार्यकाल की अपनी चुनौतियां होती हैं और हमने हर बार इन चुनौतियों को पार करने में सफलता पाई है। कोविड के दौरान हमने जांच से लेकर इलाज तक सब नि:शुल्क किया। पिछली बार हमने दवाएं एवं जांचें नि:शुल्क की थीं एवं इस बार चिरंजीवी योजना से इलाज नि:शुल्क कर दिया। पिछली बार हमने कृषि बिजली की कीमतें पांच साल के लिए फिक्स की थीं इस बार हमने कृषि बिल पर 1000 रुपए अतिरिक्त सब्सिडी देकर 3 लाख किसानों का बिजली बिल शून्य किया। हमारी सरकार ने अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले हैं जो नवाचार है। हर ब्लॉक में रीको औद्योगिक एरिया खोले जा रहे हैं।


सवाल- कोरोना में खजाने पर भी असर पड़ा, आगे कैसे वित्तीय प्रबंधन करेंगे?
जवाब- जब हमने सत्ता संभाली तब करीब सवा तीन लाख करोड़ का कर्ज पिछली सरकार से हमें विरासत में मिला। इसके बाद कोविड के कारण सरकार का राजस्व 70 प्रतिशत तक कम हो गया परन्तु हमने कुशल वित्तीय प्रबंधन से इस समस्या का भी हल निकाला। हमने राजस्व के नए स्रोत बनाए हैं, जिससे अच्छा वित्तीय प्रबंधन हो सका है। राजस्थान में उद्योगों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिससे सरकार को राजस्व मिलेगा।

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सवाल- केन्द्र का कितना सहयोग मिला, अब तक अपने तीन साल में मोदी सरकार को कितने पत्र लिखे और कितनों का जवाब मिला?
जवाब- मुख्यमंत्री के तौर पर यह मेरा तीसरा कार्यकाल है। इस बार सबसे बड़ा अंतर केन्द्र एवं राज्य सरकार के संबंधों का है। पूर्व में केन्द्र और राज्य सरकारें साथ मिलकर काम करती थीं, परन्तु अब केन्द्र सरकार विपक्ष शासित राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार करती है। केन्द्र राज्यों से चर्चा किए बिना एक तरफा फैसले ले लेती है, परन्तु इसका खामियाजा राज्यों को चुकाना पड़ता है। ऐसा तो पहली बार देखा गया है कि केन्द्रीय मंत्री साजिश कर राज्यों की सरकारों को अस्थिर करने का काम कर रहे हों परन्तु राजस्थान की जनता और विधायकों ने मिलकर इन्हें करारा जवाब दे दिया है। मैंने प्रधानमंत्री जी को 117 पत्र लिखे हैं जिनमें से सिर्फ  28 पत्रों के जवाब संबंधित विभागों से प्राप्त हुए हैं।

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सवाल- इस कार्यकाल में सियासी संकट भी रहा, अपनों से भी नुकसान हुआ, क्या अब यह खत्म हो चुका है?
जवाब- मैंने पहले भी कहा है भूलो और माफ  करो। कांग्रेस पार्टी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरी तरह एकजुट है।

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सवाल- विपक्ष हमेशा किसानों की सम्पूर्ण कर्ज माफी नहीं होने का आरोप लगाता है, क्या कहना है?
जवाब- हमारी सरकार के अंतर्गत जो बैंक आते हैं उन सभी से हमने किसानों के कर्ज माफ  कर दिए। अब सिर्फ  राष्ट्रीयकृत बैंक बचे हैं, जो केन्द्र सरकार के अधीन हैं। हमने केन्द्र सरकार से मांग की कि जिस तरह उद्योगपतियों के कर्ज वन टाइम सैटलमेंट कर माफ  किए जाते हैं उसी प्रकार किसानों को राहत दी जाए। इसमें राज्य सरकार भी आर्थिक सहयोग करेगी। परन्तु केन्द्र सरकार ने हमारी इस मांग को स्वीकार नहीं किया है। उद्योगपतियों के लाखों करोड़ माफ  कर चुकी मोदी सरकार ने किसानों का एक पैसा माफ  नहीं किया।

सवाल- अपराधों में बढ़ोतरी होना, मासूमों के साथ बलात्कार की घटनाएं बढ़ी हैं, क्या कानून को और कठोर करने की जरूरत है?
जवाब- अपराध में वृद्धि और अपराध पंजीकरण में वृद्धि में अंतर है और कुछ लोग दोनों को एक मानने की गलती कर लेते हैं। यही गलती मीडिया और विपक्ष भी कर रहे हैं। हमारी सरकार ने 2019 में कंपल्सरी एफआईआर दर्ज करने की नीति लागू की। पूर्व में पुलिस किसी भी मामले की सादे कागज पर रिपोर्ट लिखकर जांच करती थी एवं तथ्य मिलने पर एफआईआर करती थी। इसके कारण कई बार महिलाओं एवं वंचित वर्ग के फरियादियों को परेशानी होती थी और उनकी सुनवाई नहीं हो पाती थी। राजस्थान में हमने ऐसी व्यवस्था की है कि मुजरिम अदालत से भी ना छूट सके। इसी का परिणाम है कि आप आए दिन अखबारों में पढ़ते होंगे कि कहीं 10 दिन में आरोपी को सजा मिल रही है तो कहीं महीने भर में फैसला हो रहा है। परन्तु ये चिन्ता का विषय है कि कई लोग इस नीति को बदनाम कर रहे हैं।


सवाल- महंगाई हटाओ रैली जयपुर में सफल रही, पार्टी आलाकमान आपके प्रबंधन से खुश नजर आया, अब आगे कहीं आपकी दिल्ली में जिम्मेदारी संभालने की तैयारी तो नही है?

जवाब- आलाकमान ने जयपुर में राष्ट्रीय रैली करने की जिम्मेदारी हमें दी, जिसे सभी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर हमने निभाया। रैली बेहद सफल रही। मैंने हमेशा कहा है कि मैं प्रदेश की जनता से दूर नहीं हूं। मैं अभी राजस्थान का मुख्यमंत्री हूं और राजस्थान की जनता की सेवा में लगा हूं।

सवाल- सरकार को आप कितने नम्बर देना चाहेंगे?

जवाब- नंबर देने का काम जनता का होता है। विधानसभा उपचुनाव, नगरीय निकायों के चुनाव एवं पंचायतीराज चुनावों में हमें विजय दिलाकर जनता ने अभी तक हमारा पूरा समर्थन किया है।

सवाल- 2023 में चुनाव होंगे, उपचुनाव में आपकी अच्छी परफॉर्मेंस रही, आगे की क्या तैयारी है?
जवाब- जनता के पूर्व में कांग्रेस सरकार को हटाकर भाजपा लाने के अनुभव अच्छे नहीं रहे हैं। जनता भाजपा के कुशासन को भूली नहीं है। जनता ने इस बार मन बना रखा है कि 2023 में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनानी है और जो विकास का सिलसिला राज्य में चल रहा है उसे और आगे बढ़ाना है।

सवाल- मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद पार्टी में कई विरोधी स्वर अभी भी उठ रहे है, इसे आगे कैसे मैनेज करेंगे?
जवाब- यह सच्चाई है कि सियासी संकट के समय जिन विधायकों ने कांग्रेस का समर्थन किया उनके कारण सरकार के पास बहुमत रहा। लेकिन मैंने हमेशा कहा है कि विधायकों ने समर्थन किसी पद के लालच में नहीं बल्कि जनता के हित में राज्य सरकार के सुशासन की नीतियों के समर्थन में दिया था। मंत्रियों की संख्या सीमित होती है इसलिए हर किसी को मंत्री नहीं बना सकते। हमारे विधायक ये बात जानते हैं। हमारा हर विधायक सरकार में भागीदार हैं एवं शासन में इनकी राय का भी पूरा महत्व है। विरोधी स्वर जैसी कोई बात नहीं है।

सवाल- आपने छह सलाहकार बनाए है, जिस पर विपक्ष सवाल उठा रहा है, संसदीय सचिव और राजनीतिक नियुक्तियों का आगे क्या रहेगा?
जवाब- हमसे संसदीय सचिव और सलाहकारों पर सवाल पूछने वाली भाजपा बताए कि 2003 से 2008 में 6 संसदीय सचिव और 2 सलाहकार एवं 2013 से 2018 में 10 संसदीय सचिव किस लिए बनाए थे? ये सब सरकार के रूटीन काम हैं जिन पर विपक्ष को सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है।

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