कोचिंग छात्र कर रहे आत्महत्या, इन घटनाओं को रोकने के लिए सरकार जल्द लाएगी कानून
प्रक्रियाधीन हेै बिल
सरकार की ओर से विधायक को सवाल का लिखित में मुहैया करवाए गए जवाब में बताया गया है कि कोटा संभाग में विगत चार वर्षो (2019 से 2022) में स्कूल कॉलेज एवं कोचिंग सेन्टर के विद्यार्थियों की आत्महत्या के कुल 53 प्रकरण दर्ज हुए है।
जयपुर। कोटा में लगातार कोचिंग छात्रों के आत्महत्या मामलों के लिए कांग्रेस सरकार ने आर्थिक तंगी/ब्लेकमेलिंग/प्रेम प्रसंग सहित चार कारण बताते हुए भविष्य में इन घटनाओं पर रोक लगाने के लिए नया कानून प्रस्तावित होने की बात कही है।
विधायक पानाचंद मेघवाल की ओर से इस संबंध में पूछे गए तारांकित सवाल के जवाब में सरकार ने यह जानकारी दी है। हालांकि विधानसभा में मंगलवार को यह सवाल सूचीबद्ध था, लेकिन मेघवाल के सदन से अनुपस्थित होने के कारण इस सवाल पर चर्चा नहीं हो सकी। सरकार की ओर से विधायक को सवाल का लिखित में मुहैया करवाए गए जवाब में बताया गया है कि कोटा संभाग में विगत चार वर्षो (2019 से 2022) में स्कूल कॉलेज एवं कोचिंग सेन्टर के विद्यार्थियों की आत्महत्या के कुल 53 प्रकरण दर्ज हुए है। स्कूल शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कोटा सहित प्रदेशभर में संचालित कोचिंग सेन्टरों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को मानसिक सम्बल एवं सुरक्षा प्रदान करने के दिशा-निर्देश जारी किये गए है। कोचिंग संस्थाओं पर नियंत्रण के लिए कानून बनाने के लिए The Rajasthan Coaching Institutes (Control and Regulation) Bill 2023 लाया जाना प्रक्रियाधीन है।
विद्यार्थिंयों के आत्महत्या के ये प्रमुख कारण है:-
- कोचिंग छात्र कोंचिंग सेन्टर में होने वाले टेस्ट में छात्रों के पिछड़ जाने के कारण उनमें आत्म-विश्वास की कमी उत्पन्न होना।
- माता-पिता की छात्रों से उच्च महत्वाकांक्षा होना।
- छात्रों में शारीरिक/मानसिक एवं पढ़ाई संबंधी तनाव उत्पन्न होना।
- आर्थिक तंगी/ब्लेकमेलिंग/प्रेम प्रसंग इत्यादि।
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