अमेरिकी राजदूत को प्यार से समझा देंगे: जयशंकर

गार्सेटी ने सीएए को मुस्लिम विरोधी और भेदभाव वाला बताया था

अमेरिकी राजदूत को प्यार से समझा देंगे: जयशंकर

जयशंकर कहा कि भारत किसी तरह के समझौते का उल्लंघन नहीं सहेगा। विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया के अलग अलग देशों में नागरिकता प्राप्त करने के अलग अलग क्राइटेरिया हैं।

नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर अमेरिका के नए राजदूत एरिक गार्सेटी के रुख पर जवाब दिया है। उन्होंने कहा, अगर कोई पाकिस्तानी हिंदू है जिसका उत्पीड़न किया गया हो, तो वह भारत के अलावा और कहां जाएगा। यह एक ऐसी सच्चाई है, जिसे हर कोई जानता है। एक न्यूज चैनल से प्राप्त समाचार के अनुसार भारत में गार्सेटी की नियुक्ति के सवाल पर विदेश मंत्री ने मजाकिया अंदाज में कहा, आने दीजिए उन्हें प्यार से समझा देंगे। गार्सेटी ने पहले सीएए  को मुस्लिम विरोधी और भेदभाव वाला बताया था। अब वे भारत में अमेरिका के नए राजदूत बन गए हैं। न्यूज चैनल ने बताया कि जयशंकर ने चीन को भी मैसेज दिया। जयशंकर कहा कि भारत किसी तरह के समझौते का उल्लंघन नहीं सहेगा। विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया के अलग अलग देशों में नागरिकता प्राप्त करने के अलग अलग क्राइटेरिया हैं। अगर यूरोप को देखें तो वहां जर्मनी के लोगों को आसानी से नागरिकता मिल जाती है।

चीन ने पहले हुए समझौते तोड़े, सब कुछ नॉर्मल नहीं
इस दौरान उन्होंने भारत-चीन के मौजूदा संबंधों पर भी बात की। विदेश मंत्री ने दोनों देशों के बीच संबंधों को चुनौतीपूर्ण बताया। जयशंकर ने कहा कि  आप समझौतों का उल्लंघन करके यह नहीं दिखा सकते हैं कि सबकुछ नॉर्मल है। पहले जो समझौते हुए, उनका चीन ने उल्लंघन किया। हम साफ कर चुके हैं कि समझौतों का उल्लंघन नहीं सहेंगे। इंटरव्यू के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि देश और समाज अब बदल रहा है। हम ग्लोबल और डायनमिक होते जा रहे हैं। देश और समाज अब बदल चुका है। हम अब अलग नजरिए से आगे बढ़ रहे हैं। न्यूज चैनल ने जयशंकर के हवाले कहा कि इस दशक के अंत तक भारत दुनिया का तीसरा सबसे ताकतवर देश बनकर उभरेगा।

बाइडेन ने नए अमेरिकी राजूदत एरिक गार्सेटी पर विश्वास जताया 
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत के लिए नए अमेरिकी राजूदत एरिक गार्सेटी पर पूरा विश्वास जताया है। लॉस एंजिल्स के पूर्व मेयर एरिक गार्सेटी भारत में अमेरिका के नए राजदूत बन गए हैं। अमेरिकी सीनेट ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है। इसके पहले केनिथ जस्टर भारत में अमेरिका के आखिरी राजदूत थे। जिन्हें जनवरी 2021 में अमेरिकी सरकार ने वापस बुला लिया था। इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गार्सेटी को नॉमिनेट किया था। पिछले साल भी गार्सेटी को नॉमिनेट किया गया था, लेकिन उन्होंने लॉस एंजिल्स का मेयर रहते हुए यौन शोषण करने वाले अपने आफिस स्टाफ पर कार्रवाई नहीं की थी। इसके चलते उन्हें राजदूत नियुक्त नहीं किया गया।

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