दैनिक नवज्योति की खबर का असर, गहलोत का बड़ा फैसला, प्रदेशभर में कृषि भूमि नीलामी रोकने के दिए निर्देश
दैनिक नवज्योति ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में रिजर्व बैंक के नियंत्रण में आने वाले व्यवसायिक बैंकों की ओर से किसानों के ऋण न चुका पाने के कारण रोड़ा एक्ट (Removal of Difficulties Act ) के तहत भूमि कुर्की व नीलामी की कार्यवाही पर रोक लगाने के निर्देश दिए है। गहलोत ने ट्वीट के जरिए कहा कि राज्य सरकार ने सहकारी बैंकों के ऋण माफ किये हैं व भारत सरकार से आग्रह किया है कि कमर्शियल बैंकों से वन टाइम सैटलमेंट कर किसानों के ऋण माफ करें। राज्य सरकार भी इसमें हिस्सा वहन करने हेतु तैयार है।
हमारी सरकार ने 5 एकड़ तक कृषि भूमि वाले किसानों की जमीन नीलामी पर रोक का बिल विधानसभा में पास किया था परन्तु अभी तक राज्यपाल महोदय की अनुमति ना मिल पाने के कारण यह कानून नहीं बन सका है। मुझे दुख है कि इस कानून के ना बनने के कारण ऐसी नौबत आई। मैं आशा करता हूं कि इस बिल को जल्द अनुमति मिलेगी जिससे आगे ऐसी नीलामी की नौबत नहीं आएगी।
उल्लेखनिय है कि दैनिक नवज्योति ने प्राथमिकता से मुद्दा उठाते हुए ख़बर प्रकाशित की थी कि प्रदेश में किसानों की कर्ज माफी पिछले तीन सालों से मुद्दा बनी हुई है। सरकार का दावा है कि उसने हजारों करोड़ रुपए किसानों के कर्जे के माफ किए है लेकिन राजधानी के सबसे समीपवर्ती जिले दौसा से आई एक खबर ने कर्ज माफी की जमीनी हकीकत बता दी है। कर्ज में डूबे एक किसान की जमीन को पहले कुर्क किया गया और मंगलवार को उस जमीन की नीलामी भी कर दी गई। ऐसे में जमीन नीलाम होने के बाद किसान का परिवार आत्महत्या करने को मजबूर है क्योंकि परिवार के भरण पोषण का अब कोई जरिया नहीं रहा है। दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा के जामुन की ढाणी के कजोड़ मीणा ने राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक से केसीसी का लोन लिया था। वर्ष 2017 के बाद किसान ने 7 लाख रुपए से अधिक का ऋण नहीं चुकाया। लोन लेने वाले किसान कजोड़ मीणा की मौत भी हो गई। बैंक ने मृतक किसान के पुत्र राजू लाल और पप्पू लाल को कई बार नोटिस दिए। लेकिन गरीब परिवार सरकार के कर्जमाफी के इंतजार में लोन जमा नहीं करा पाया। ऐसे में रामगढ़ पचवारा एसडीएम कार्यालय की ओर से जमीन कुर्की के आदेश दिए गए।
बता दे कि मंगलवार को जमीन की नीलामी की प्रक्रिया की गई। किसान कजोड़ मीणा की करीब 15 बीघा 2 बिस्वा जमीन 46 लाख 51 हजार रुपए में नीलाम कर दी गई। यह जमीन किरण शर्मा निवासी मंडावरी ने खरीदी। नीलामी के बाद किसान परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था। उनके सामने प्रश्न ये है कि वे अब कहां जाएं। अपने परिवार को कैसे पाले? ऐसे में किसान परिवार के सदस्य आत्महत्या को मजबूर होने की बात कहते हुए नजर आए। किसान की जमीन की नीलामी रोकने को लेकर हाल ही में किसानों ने उपखंड कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर उपखंड अधिकारी से नीलामी रोके जाने को लेकर ज्ञापन भी सौंपा था। बैंक मैनेजर ने किसान के पुत्रों को एक मुश्त समझौता के तहत छूट पर कर्ज जमा कराने की कोशिश भी थी।
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