जयपुर जाम, मरीज त्राहिमाम
राइट टू हेल्थ बिल का विरोध : सड़कों पर उतरे डॉक्टर
डॉक्टरों ने अभी आगे आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है। ऐसे में फिलहाल मरीजों को राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
जयपुर। राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल को वापस लेने की मांग को लेकर सोमवार को प्रदेशभर के प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों के साथ ही रेजीडेन्ट डॉक्टरों और सरकारी चिकित्सकों ने जयपुर की सड़कों पर एक साथ रैली निकाली। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के ग्राउंड में प्राइवेट अस्पताल स्टाफ और परिवार के साथ एकत्रित हुए। यहां से सुबह 11 बजे महारैली निकाली। जो तीन घंटे में गोखले हॉस्टल मार्ग, सूचना केंद्र टोंक रोड, महारानी कॉलेज तिराहा, अशोक मार्ग, राजपूत सभा भवन, पांचबत्ती, एमआई रोड, अजमेरी गेट, न्यू गेट, अल्बर्ट हॉल होते हुए वापस मेडिकल कॉलेज ग्राउंड पहुंचकर खत्म हुई। हजारों की संख्या में उमड़े डॉक्टरों की रैली से जयपुर जाम हो गया। इस दौरान चार किमी तक डॉक्टर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चले। ट्रैफिक व्यवस्था इस दौरान वेंटिलेटर पर ही रही। वहीं एसएमएस अस्पताल सहित प्रदेश के निजी और अन्य सरकारी अस्पतालों में मरीज इलाज नहीं मिलने से त्राहिमाम करते रहे। डॉक्टरों ने अभी आगे आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है। ऐसे में फिलहाल मरीजों को राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
कल सेवारत डॉक्टर हड़ताल पर
अरिसदा के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने बुधवार को प्रदेशभर के सेवारत सरकारी डॉक्टरों के एक दिन का सामूहिक अवकाश पर रहने की घोषणा कर रखी है। ऐसे में रेजीडेन्टों के बाद बुधवार को इनके भी काम ना करने से सरकारी अस्पतालों की सेवाएं और बिगड़ेगी। रैली के बाद प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम्स सोसायटी के सचिव डॉ. कपूर ने कहा कि सरकारी डॉक्टरों को भी साथ लाने की बात चल रही है। अगर बिल वापस नहीं हुआ तो आक्रोशित चिकित्सक वर्ग को नियंत्रित करना मुश्किल होगा। सीएम से निवेदन है कि आम जनता के हितों को ध्यान के रखते हुए बिल वापस लें।
बिल पास हो चुका है। किसी कीमत पर इसे वापस लेना संभव नहीं है। डॉक्टरों से पूरी बात हुई। उन्होंने जो कहा, उसके अनुरूप बदलाव कर सर्वसम्मति से इसे संशोधन कर पारित किया है। उनकी सब बातें मानी हैं। फिर भी कुछ संशोधन-मांग हो तो मुख्य सचिव से बात कर बता दें, उस पर भी विचार कर लेंगे।
-परसादी लाल मीणा, चिकित्सा मंत्री
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