नारदा स्टिंग केस में गिरफ्तार TMC नेताओं को हाईकोर्ट से नहीं मिली जमानत, घर में रहेंगे नजरबंद

नारदा स्टिंग केस में गिरफ्तार TMC नेताओं को हाईकोर्ट से नहीं मिली जमानत, घर में रहेंगे नजरबंद

कलकत्ता हाईकोर्ट ने नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्रियों समेत तीन नेताओं तथा कोलकाता के पूर्व मेयर के स्वास्थ्य की स्थिति में गिरावट को देखते हुए उन्हें उनके घरों में नजरबंद किए जाने का आदेश शुक्रवार को दिया। वहीं, चारों की बेल याचिका पर कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच फैसला देगी।

कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट की दो न्यायाधीशों की पीठ ने गौतम नवलखा मामले में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के अनुरूप शुक्रवार को आदेश दिया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के तीन प्रमुख नेताओं और कोलकाता के एक पूर्व मेयर को जेल में रखने के बजाए घर में नजरबंद रखा जाए। सुबह मामले की सुनवाई शुरू होते ही कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पीठ इस विषय पर मत नहीं थी। दोनों न्यायाधीश अंतरिम जमानत देने की प्रार्थना पर सहमत नहीं हुए और इसलिए उन्होंने मामले को वृहत पीठ के समक्ष भेजने का फैसला किया। तृणमूल नेताओं और पूर्व मेयर की नजरबंद का आदेश तदर्थ व्यवस्था के रूप में उस समय तक पारित किया गया है, जब तक वृहत पीठ में इस मामले की सुनवाई नहीं होती। पीठ ने कोविड-19 की दूसरी लहर के मद्देनजर चारों नेताओं को न्यायिक हिरासत के बजाय उन्हें घर में नजरबंद करने का आदेश जारी किया।

कोर्ट ने यह आदेश मामले की सुनवाई कर रहे दो जजों की पीठ के विचारों में भेद के बाद दिया। एक ओर कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस राजेश बिंदल ने नेताओं को नजरबंद रखे जाने का आदेश दिया तो वहीं जस्टिस अरिजीत बनर्जी ने चारों को जमानत दिए जाने का आदेश दिया। जस्टिस बनर्जी ने कहा कि पीठ के एक सदस्य को लगा कि बेल दे दी जानी चाहिए लेकिन दूसरा इसपर सहमत नहीं था। इसलिए जमानत को लेकर बड़ी बेंच फैसला करेगी। इस बीच महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए नेताओं को नजरबंद रखे जाने के लिए मंजूरी दी जाती है। सीबीआई और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस दोनों ने ही नजरबंद रखे जाने के आदेश का विरोध किया।

इससे पहले सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने ने मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को अंतरिम जमानत दे दी थी, लेकिन सीबीआई की अपील पर हाईकोर्ट ने कुछ घंटों इस आदेश पर रोक लगा दी थी। खंडपीठ ने कहा था कि उसने विशेष अदालत के आदेश पर रोक लगाना उचित समझा और निर्देश दिया कि आरोपियों को अगले आदेश तक न्यायिक हिरासत में रखा जाएगा। बुधवार को इस मामले की सुनवाई को एक दिन के लिए स्थगित कर दी गई थी। गौरतलब है कि हाईकोर्ट के आदेश पर नारदा स्टिंग मामले की जांच कर रही सीबीआई ने चारों टीएमसी नेताओं को इसी हफ्ते सोमवार को हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद सीबीआई दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गईं थीं।

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