एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों का कमाल : बिना हड्डी काटे छह साल के बच्चे के दिल में छेद का किया सफल ऑपरेशन, टोसिंग बिंग नामक बीमारी से ग्रसित था
कार्डियो थोरेसिक विभाग के चिकित्सकों ने किया विश्व की पहली सर्जरी होने का दावा
बच्चे को टोसिंग बिंग यानि दिल में छेद की समस्या जन्म से ही थी।
जयपुर। एसएमएस अस्पताल के कार्डियो थोरेसिक विभाग के चिकित्सकों ने एक छह साल के बच्चे के दिल में छेद की विकृति का बिना छाती की हड्डी काटे सफल ऑपरेशन किया है। बच्चे को टोसिंग बिंग यानि दिल में छेद की समस्या जन्म से ही थी। सामान्यतया ओपन हार्ट सर्जरी छाती की हड्डी (स्टर्नम) को काट कर की जाती है लेकिन इस केस में छाती में बांयी तरफ छोटे से चीरे के जरिए बिना छाती की हड्डी काटे सर्जरी की गई है। विभाग के चिकित्सकों ने दावा किया है कि यह सर्जरी अपने आप में विश्व की पहली सर्जरी है और इसका मेडिकल जर्नल्स में अभी तक उल्लेख नहीं हैं।
एक ही छोटे से चीरे से सर्जरी के फायदे
यह सर्जरी पारम्परिक उपकरणों से की जा सकती है और इसके लिए बहुत ज्यादा खर्चे और विशिष्ट उपकरणों की आवश्यकता नहीं है।
बेहतर कॉस्मेटिक परिणाम।
सर्जरी के दौरान कम खून की आवश्यकता।
छाती की हड्डी काटने से होने वाले इन्फेक्शन का कोई खतरा नहीं।
जांघ में कोई अतिरिक्त चीरा नहीं लगाना पड़ता।
मिनिमल इनवेसिव सर्जरी के दौरान जांघ में केन्युलेशन से होने वाले दुष्परिणामों से मुक्ति और पैरों में रक्त अवरोध से होने वाले नुकसान का कोई खतरा नहीं।
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