भारत से तेजस लड़ाकू विमान खरीद सकता है बोत्सवाना 

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ चल रही है बातचीत

भारत से तेजस लड़ाकू विमान खरीद सकता है बोत्सवाना 

अफ्रीकी देश बोत्सवाना भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को खरीदने की प्लानिंग कर रहा है। इसके लिए बोत्सवाना डिफेंस फोर्स के अधिकारी तेजस का निर्माण करने वाली कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ बातचीत कर रहे हैं।

गोबोर्नी। अफ्रीकी देश बोत्सवाना भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को खरीदने की प्लानिंग कर रहा है। इसके लिए बोत्सवाना डिफेंस फोर्स के अधिकारी तेजस का निर्माण करने वाली कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ बातचीत कर रहे हैं। बोत्सवाना, तेजी से विकसित हो रहे भारत के साथ रणनीतिक सहयोग बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, ताकि अपनी सेना को अत्याधुनिक बना सके। अभी तक अफ्रीकी देश तुर्की, चीन और रूस के बड़े रक्षा खरीदार बने हुए हैं। ऐसे में तेजस लड़ाकू विमानों की डील फाइनल होने से भारत को अफ्रीका में एक नया बाजार मिल सकेगा। बोत्सवाना दक्षिण अफ्रीकी देश है, जो चारों ओर से जमीन से घिरा है। इसके पड़ोसी देशों में जिम्बाब्वे, जाम्बिया, नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। बोत्सवाना भी भारत की तरह ब्रिटेन का गुलाम रह चुका है। इसे ब्रिटिश राज से आजादी 30 सितंबर 1960 को मिली थी।

बोत्सवाना के पास 13 विमान
बोत्सवाना 2013 से अपने पुराने लड़ाकू विमान के बेड़े को बदलने की कोशिश कर रहा है। बोत्सवाना डिफेंस फोर्स वर्तमान में 1996 में कनाडा से मिले लगभग 3 नॉर्थ्राॅप/कनाडेयर सीएफ-5डी फाइटर ट्रेनर विमान और 10 की संख्या में सीएफ-5ए फाइटर जेट का इस्तेमाल कर रहा है। ऐसे में बोत्सवाना डिफेंस फोर्स में कुल विमानों की संख्या 13 है। इन विमानों को 50 के दशक में डिजाइन किया गया था और 60 के दशक में बनाया गया था। इनमें से अधिकतर विमान लंबे समय से रिटायर हैं, क्योंकि उनके पार्ट्स के उत्पादन पहले ही बंद हो चुके हैं। जो विमान चालू हालात में हैं, उनका रखरखाव लगातार महंगा होता जा रहा है।

कनाडा ने बोत्सवाना को उपहार में दिए थे विमान
सीएफ-5 जेट अमेरिकन नॉर्थ्राॅप एफ-5 फ्रीडम फाइटर का कनेडियन लाइसेंस वर्जन है। सीएफ-5एस का उत्पादन केवल कनाडाई वायु सेना के लिए सीमित था। बाद में कनाडा ने अपनी वायु सेना से इन विमानों को रिटायर करने के बाद बोत्सवाना को उपहार के तौर पर सौंप दिया था। तब कनाडा ने इन विमानों को ओवरहॉल कर उड़ने लायक बनाया था और बोत्सवाना के इंजीनियरों को इस विमान की बारीकियां भी सिखाई थी।

भारत को मिलेगा नया बाजार
तेजस लड़ाकू विमान भारत के स्वदेशी रूप से विकसित लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट प्रोग्राम का परिणाम है। यह विमान अपनी एडवांस टेक्नोलॉजी और कटिंग एज तकनीक को लेकर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। तेजस लड़ाकू विमान खरीदने में बोत्सवाना की रुचि यह दिखाता है कि वह अपनी वायु सेना की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। बोत्सवाना चारों ओर से जमीन से घिरे होने के कारण लड़ाकू विमानों की ताकत को अच्छे से समझता है। ऐसे में तेजस में बोत्सवाना को हर वो खूबियां दिखी है, जो उसे अपनी वायु सेना को ताकतवर बनाने के लिए चाहिए। बोत्सवाना का पड़ोसी देश जाम्बिया मिग-21 लड़ाकू विमान के अपग्रेडेड वेरिएंट का इस्तेमाल करता है। जाम्बिया ने अपने पुराने मिग-21 को इजरायल के इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज की सहायता से मिग-21-2000 में अपग्रेड किया था। 

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वहीं, दूसरे पड़ोसी नाबीमिया ने चीन से 12 चेंगदू एफ-7एनएम लड़ाकू विमान और दो एफटी-7एनएम ट्रेनर विमान खरीदे हैं हैं। वहीं जिम्बाब्वे ने 2004 में चीनी एफसी-1 फाइटर जेट्स का आॅर्डर दिया था।

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