हाड़ौती के 9 कॉलेजों में शिक्षक नहीं, कैसे करें पढ़ाई
विद्या संबल शिक्षकों के लिए जा रहे आवेदन
गत वर्ष सरकार ने मौखिक आदेश जारी कर प्रदेश के सभी कॉलेजों में लगे विद्या संबंल शिक्षकों को परीक्षा से पहले ही कार्यमुक्त कर दिया था।
कोटा। सरकार ने हाड़ौती में नए कॉलेज तो खोल दिए लेकिन पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं है। जबकि, राजकीय महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में स्नातक प्रथम वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। शिक्षण कार्य भी शुरू हो चुका है लेकिन हाड़ौती में राजसेस सोसायटी के अधीन संचालित होने वाले कॉलेजों में शिक्षकों के अभाव में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। हालांकि, नोडल प्राचार्यों द्वारा व्यवस्था की जा रही है। वर्तमान में इन कॉलेजों को विद्या संबल में शिक्षक नहीं मिलेंगे तब तक पढ़ाई प्रभावित रहेगी। दरअसल, मुख्यमंत्री बजट घोषणा में संभाग में 9 नए राजकीय महाविद्यालय खोले गए हैं। जिनका संचालन राजसेस सोसायटी के माध्यम से किया जा रहा है। इनमें 5 राजकीय कन्या कला महाविद्यालय शामिल हैं, जो गत वर्ष खोले गए थे। वहीं, सत्र 2023-24 में 4 नए महाविद्यालय और खोल दिए हैं। गत 10 अगस्त को प्रथम प्रवेशित विद्यार्थियों की सूची जारी की जाने के साथ ही 12 अगस्त से शिक्षण कार्य भी शुरू कर दिया है। हालांकि, सरकार ने शिक्षक लगाने के लिए विद्या संबल योजना की विज्ञप्ति जारी कर दी है।
इन महाविद्यालयों में नहीं शिक्षक
सरकार ने दो सालों में हाड़ौती के दूरस्थ क्षेत्रों में 9 नए महाविद्यालय खोले हैं। जिनमें पांच राजकीय कन्या महाविद्यालय रामपुरा कोटा, बारां में नाहरगढ़, छबड़ा, अटरू, केलवाड़ा शामिल हैं। वहीं, सत्र 2023-24 में खुले राजकीय महाविद्यालय सीसवाली बारां, राजकीय महाविद्यालय शाहबाद, बूंदी में राजकीय महाविद्यालय तालेड़ा व राजकीय महाविद्यालय असनावर झालावाड़ सहित इन नौ नए महाविद्यालय में वर्तमान में विद्या संबल पर शिक्षक नहीं लगे हंै, जिसकी वजह से स्टूडेंटस की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
राजसेस सोयायटी के अधीन संचालित नए कॉलेज
प्रदेशभर में खोले नए महाविद्यालयों के संचालन के लिए सरकार ने गत वर्ष कॉलेज एजुकेशन सोसायटी का गठन किया था। यह सभी कॉलेज सोसायटी के अधीन ही संचालित होते हैं। यहां शिक्षकों की नियुक्ति विद्या संबल योजना के तहत सोसायटी द्वारा की जाती है। जबकि, पुराने कॉलेजों का संचालन आयुक्तालय द्वारा किया जाता है और शिक्षकों की नियुक्ति आरपीएससी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से होती है।
6 माह के लिए ही लगेंगे शिक्षक
नवीन राजकीय महाविद्यालयों में 6 माह के लिए ही विद्या संबल शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। इसके बाद इन्हें कार्यमुक्त कर दिया जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विद्या संबल शिक्षकों को 28 फरवरी 2024 तक के लिए ही कॉलेजों में पदस्थापित किया जाएगा। गत वर्ष सरकार ने मौखिक आदेश जारी कर प्रदेश के सभी कॉलेजों में लगे विद्या संबंल शिक्षकों को परीक्षा से पहले ही कार्यमुक्त कर दिया था। जिससे शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो गई थी।
प्रथम वर्ष कला में एडमिशन लेने के बाद से दो-तीन बार रामपुरा कॉलेज आ चुके हैं लेकिन यहां कक्षाएं खाली मिलती है। गार्ड से पूछने पर जेडीबी आर्ट्स कॉलेज में जाने की बात कही जाती है। ऐसे में समय खराब होने के साथ पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
- दिव्यांशी, छात्रा प्रथम वर्ष
सरकार ने तालेड़ा कस्बे में कॉलेज तो खोल दिया है लेकिन शिक्षक ही नहीं लगाए। कॉलेज आते हैं तो प्राचार्य जरूर मिलते हैं लेकिन क्लासें खाली रहती है। हालांकि, विद्या संबल योजना के अंतर्गत शिक्षक मिलने के बाद कॉलेज में शिक्षण कार्य पटरी पर आ सकेगा।
-तेजपाल सिंह, छात्र प्रथम वर्ष
कॉलेज एजुकेशन सोसायटी द्वारा संचालित महाविद्यालयों में विद्या संबल शिक्षक ही रखे जाते हैं। योजना के अंतर्गत आवेदन लिए जा रहे हैं, इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लगेगा। सितम्बर माह से कक्षाएं संचालित की जाएगी।
-केएम मीणा, प्रिंसिपल राजकीय महाविद्यालय बारां एवं नोडल प्रचार्य
राजसेस सोसायटी के माध्यम से संचालित होने वाले सभी महाविद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था सुचारू रखने के लिए सरकार ने नोडल महाविद्यालयों द्वारा विद्या संबल योजना की विज्ञप्ति जारी कर दी है। शिक्षकों के आवेदन लिए जा रहे हैं, जिन्हें आयुक्तालय भेजा जाएगा। जहां से स्वीकृति मिलते ही आमंत्रित शिक्षक संबंधित कॉलेजों में शिक्षण कार्य प्रारंभ कर देंगे। विद्या संबंल शिक्षकों को फरवरी तक ही रखा जाएगा।
-डॉ. रघुराज सिंह परिहार, सहायक निदेशक क्षेत्रीय कार्यालय कोटा
अभी एडमिशन प्रोसेज चल रहा है। जितने विद्यार्थियों को सब्जेक्ट अलॉटमेंट हुए है, उन्हें टाइम टेबल के अनुसार पढ़ा रहे हैं। वर्तमान में करीब 80 से 85 सीटें खाली चल रही है। वहीं, इन दिनों राजस्थान मिशन 30, स्कॉलरशिप, स्वीप मतदान जागरूकता सहित कई कार्यक्रम चल रहे हैं। जिसकी वजह से बच्चों को नोर्डल कॉलेज में ही बुलाना पड़ता है। विद्या संबल शिक्षकों का पैनल तैयार किया जा रहा है, जल्द ही शिक्षक भी मिल जाएंगे। प्रथम वर्ष में 98 विद्यार्थियों का एडमिशन हुआ है, द्वितीय सूची जारी होते ही 120 स्टूडेंट्स हो जाएंगे। कक्षाएं नियमित चल रही हैं।
- डॉ. जितेश जोशी, प्रोफेसर, एडमिशन प्रभारी रामपुरा कॉलेज
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