तलवार घुमाएगा फिर आंखें मटकाएगा इस बार रावण
रावण, कुम्भकरण व मेघनाद के पुतले होने लगे तैयार
इस बार रावण के पुतले को पहले से भी अधिक आकर्षक बनाने का प्रयास किया जाएगा।
कोटा। मैसूर के बाद देश के सबसे प्रसिद्ध कोटा के राष्ट्रीय दशहरा मेले का आगाज होने में अब कुछ ही दिन बचे है। मेले के दौरान 24 अक्टूबर को दशहरे के दिन होने वाले रावण दहन के लिए पुतले बनाने का काम शुरू हो गया है। दिल्ली के 20 कारीगर करीब तीन सौ बांच से एक माह में रावण के कुनबे के छह पुतले तैयार करेंगे। नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण की ओर से आयोजित 130 वें राष्ट्रीय दशहरा मेले का आगाज 15 अक्टूबर को नवरात्र स्थापना से होगा। उसके बाद 24 अक्टूबर को दशहरे के दिन रावण दहन किया जाएगा। रावण दहन के लिए पुतले बनाने का काम दशहरा मैदान के यू मार्केट में शुरू हो गया है। रावण, कुम्भकरण व मेघनाद के पुतले आकार भी लेने लगे हैं। पिछले तीन साल से दिल्ली के अनीस अहमद व उनके कारीगर पुतले बनाने का काम कोटा में कर रहे हैं। इस बार भी यह काम उन्हें ही मिला है। 7 लाख 52 हजार रुपए में 6 पुतले बनाए जाएंगे। जिनमें से तीन पुतले दशहरा मैदान के लिए और 3 पुतले देव नारायण आवासीय योजना के लिए बनाए जा रहे हैं। पुतले बनाने का काम 21 सितम्बर को शुरू कर दिया था। करीब 20 फीसदी काम पूरा भी हो गया है।
75 फीट का रावण और 50-50फीट के होंगे कुम्भकरण व मेघनाद
नगर निगम की ओर से इस बार भी मेले के दौरान होने वाले रावण दहन के पुतले बनाना शुरू हो गया है। दशहरा मैदान में 75 फीट का रावण और 50-50 फीट के मेघनाद व कुम्भकरण के पुतले बनाए जाएंगे। जबकि देव नारायण आवासीय योजना के लिए 40 फीट का रावण और 30-30 फीट के कुम्भकरण व मेघनाद के पुतले बनाए जा रहे है। दिल्ली के 20 कारीगर करीब एक माह में सभी 6 पुतले तैयार करेंगे। रावण के 75 फीट के पुतले में 18 फीट के पैर, 22 फीट का लहंगा, 20 फीट का चेहरा व 15 फीट का चेहरा होगा। जबकि कुम्भकरण व मेघनाद के पुतलों में 18 फीट का लंगा, 9-9 फीट के पैर व चेहरा और 14 फीट का धड़ होगा।
तीन सौ बांच का होगा उपयोग
अनीस अहमद ने बताया कि पुतले बनाने में करीब तीन सौ बांस का उपयोग किया जाएगा। ये बांस कोटा से ही खरीदे हैं। इसके अलावा करीब 150 किलो रस्सी, 200 किलो लई, 300 ु किलो अखबार की रद्दी और 200 किलो रंगीन व खाकी कागज का उपयोग होगा।
गर्दन व तलवार घुमाएगा, पांडाल हो रहा तैयार
हमेशा की तरह इस बार भी रावण गर्दन व ा। अनीस अहमद ने बताया कि इस बार रावण के पुतले को पहले से भी अधिक आकर्षक बनाने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही उसकी ड्रेस भी लोगों को आकर्षित करने वाली होगी। नगर निगम कोटा दक्षिण के अधिशाषी अभियंता ए.क्यू कुरैशी ने बताया कि दिल्ली के कारीगरों ने रावण, मेघनाद व कुम्करण के पुतले बनाने का काम शुरू कर दिया है। यू मार्केट की तरफ पुतले बनाए जा रहे हैं। साथ ही बरसात की संभावना व सुरक्षा की दृष्टि से पुतलों के लिए वाटर प्रुफ पांडाल भी तैयार किया जा रहा है।
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