चुनाव में दिखेगा गहलोत सरकार की योजनाओं का असर

भाजपा के पास जुमलों के सिवाय कोई मुद्दा नहीं

चुनाव में दिखेगा गहलोत सरकार की योजनाओं का असर

राजस्थान में हो रहे विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार की जनहित योजनाओं का असर भी दिखाई देगा।

जयपुर। राजस्थान में हो रहे विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार की जनहित योजनाओं का असर भी दिखाई देगा। इसको देखते हुए भाजपा ने भी अपनी रणनीति में बदलाव किया है और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के चुनावों पर नजर रख रहे हैं। इससे गहलोत के कद में इजाफा हुआ है। इस बार का चुनाव गहलोत बनाम मोदी होता दिख रहा है। 

मतदान से आठ दिन पहले तक सरकार विरोधी लहर का दिखाई नहीं देना भी भाजपा में उलझन पैदा कर रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दावा है कि इस बार राजस्थान में रिवाज बदलेगा और कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि भाजपा ने राजस्थान में चेहरा घोषित नहीं कर, खुद के लिए परेशानी खड़ी की है। चूंकि प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने के परिणाम हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक समेत कई राज्यों के चुनावों में सामने आ चुके हैं। उन परिणामों की वजह कांग्रेसियों में जोश है, लेकिन भाजपा के शीर्ष नेताओं की नींद उड़ी हुई है। राजस्थान में गहलोत सरकार की योजनाओं को मास्टर स्ट्रोक के रूप में देखा जा रहा है, तो प्रदेश की जनता को सात गारंटियां देने वाला फार्मूला भी अपना जादू दिखाए बिना नहीं रहेगा। 

हर विधानसभा में विकास कार्य हुए
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अनुसार पिछले पांच सालों में हर विधानसभा क्षेत्र में कोई न कोई विकास कार्य जरूर हुआ है। कांग्रेस के कई विधायकों ने तो अपने क्षेत्र में बेहतरीन काम कराए हैं। आने वाली 25 तारीख को जनता उनके पक्ष में जरूर मतदान करेगी। टिकटों के वितरण को लेकर पनपी नाराजगी इन विकास कार्यों के सामने गौण है। प्रदेश की जनता झूठे जुमलों से ऊब चुकी है और वह सिर्फ और सिर्फ विकास चाहती है, जो गहलोत सरकार ने पांच साल में करके दिखा दिया। इन विकास कामों के भरोसे ही गहलोत रिवाज बदलने का दावा कर रहे हैं। विश्वासपात्रों को तरजीह देना भी कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित होगा। उनका मानना है कि इतना विकास कराने और जनहित में योजनाएं लागू करने के बाद भी जनता कांग्रेस के पक्ष में मतदान नहीं करती है तो आने वाली कोई भी सरकार विकास कार्य नहीं कराएगी। इन चुनावों में प्रदेश में भाजपा का कोई बड़ा चेहरा नहीं होना भी कांग्रेस के लिए फायदे का सौदा साबित होगा। इन चुनावों में राजस्थानी क्षत्रपों की कोई खास भूमिका नहीं रह गई है। चेहरे के नाम पर सिर्फ  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कमल का फूल है।  

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